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Health Tips: घर पर बीपी चेक करते समय अधिकतर लोग करते हैं ये गलती? डॉक्टर ने दी ये जानकारी

हेल्थ डेस्क, अमर उजाला, नई दिल्ली Published by: शिखर बरनवाल Updated Tue, 16 Dec 2025 07:36 PM IST
सार

What is Elevated BP: अक्सर लोग ब्लड प्रेशर मापते समय एक गलती करते हैं और वो ये है कि थोड़ा बहुत रिडिंग अगर इधर उधर आती है तो उसे सामान्य मानते हैं। डॉक्टर ने इसी के बारे में विस्तार से बहुत कुछ बताया है जिसके बारे में आपको भी जानना चाहिए।

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Most people make this mistake when checking their blood pressure at home. Learn what doctors say
ब्लड प्रेशर की समस्या - फोटो : Freepik.com

Normal Blood Pressure Reading: आजकल लगभग हर घर में ब्लड प्रेशर मापने की मशीन मौजूद है, और लोग डॉक्टर के पास जाने के बजाय खुद ही अपना बीपी चेक करते हैं। हालांकि यह सुविधा अच्छी है, लेकिन जानकारी की कमी के कारण लोग अक्सर अपने बीपी रीडिंग को समझने में बड़ी गलती कर देते हैं। ये बात तो अधिकांश लोग को मालूम है कि 120/80 mmHg की रीडिंग को ही सामान्य होती है, लेकिन अक्सर लोग बीपी की रीडिंग में थोड़ी सी भी बढ़ोतरी नजरअंदाज कर देते हैं, जो भविष्य में हृदय रोगों और स्ट्रोक का कारण बन सकती है। 



यह गलतफहमी गंभीर स्वास्थ्य जोखिम पैदा कर सकती है। इसलिए हर व्यक्ति को बीपी के विभिन्न स्तरों और उनके सही मतलब के बारे में सटीक जानकारी होना बहुत जरूरी है, खासकर जब रीडिंग 120 से ऊपर जा रही हो। इस महत्त्वपूर्ण विषय पर डॉ. ऋचा तिवारी ने एक सोशल मीडिया वीडियो में विस्तार से बताया है, जिसके बारे में आपको भी जानना चाहिए।

सबसे पहले ये समझना जरूरी है कि ब्लड प्रेशर के रिडिंग (120/80 mmHg) में जो शुरु का 120 है उसे सिस्टोलिक बीपी कहते हैं और जो 80 है उसे डायस्टोलिक बीपी कहते हैं। सिस्टोलिक प्रेशर वह दबाव होता है जब हृदय रक्त को पंप करता है (ऊपरी संख्या), और डायस्टोलिक प्रेशर वह होता है जब हृदय आराम करता है (निचली संख्या)।

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हाई ब्लड प्रेशर - फोटो : Freepik.com

लोग क्या गलती करते हैं?
डॉ. ऋचा तिवारी के अनुसार सबसे बड़ी गलती यह होती है कि लोग 120–129 सिस्टोलिक और 80 से कम डायस्टोलिक (120–129 / <80 mmHg) की रीडिंग को भी सामान्य मान लेते हैं। जबकि यह रीडिंग 'एलिवेटेड बीपी कहलाती है, जो सामान्य (120/80) से ऊपर की पहली चेतावनी है। यह लेवल बताता है कि आपका बीपी सामान्य से अधिक है, भले ही यह अभी तक हाइपरटेंशन की श्रेणी में न पहुंचा हो।
 

 

 

 

 

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ब्लड प्रेशर - फोटो : Freepik.com

एलिवेटेड बीपी के खतरे और समाधान
एलिवेटेड बीपी की रीडिंग को नजरअंदाज नहीं करना चाहिए क्योंकि यह आगे चलकर हाइपरटेंशन में बदल सकता है, जिससे हृदय रोग, किडनी की समस्याएं और स्ट्रोक का खतरा बढ़ता है। डॉ. तिवारी बताती हैं कि अच्छी बात यह है कि एलिवेटेड बीपी को शुरुआती चरण में दवाओं के बिना ही नियंत्रित किया जा सकता है।


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स्ट्रेस - फोटो : Adobe Stock

दिनचर्या में सुधार करके करें इसे ठीक
एलिवेटेड बीपी को सामान्य बनाने के लिए अपनी जीवनशैली में तुरंत सुधार लाना जरूरी है। इसमें नियमित व्यायाम, संतुलित और कम नमक वाला आहार लेना, तनाव प्रबंधन और वजन को नियंत्रित रखना शामिल है। ये साधारण बदलाव आपके बीपी को वापस सामान्य रेंज में लाने में मदद करते हैं।

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ब्लड प्रेशर - फोटो : Freepik.com

हाइपरटेंशन कब मानें?
डॉक्टर बताती हैं कि अगर किसी व्यक्ति का सिस्टोलिक बीपी 130 या उससे अधिक है, और/या डायस्टोलिक बीपी 80 या उससे अधिक (130=+/80=+) है, तो इसे हाइपरटेंशन की समस्या माना जाता है। इस स्तर पर डॉक्टर की सलाह लेना और दवाओं के साथ जीवनशैली में बदलाव करना बहुत जरूरी हो जाता है ताकि गंभीर स्वास्थ्य जटिलताओं से बचा जा सके।

नोट: यह लेख मेडिकल रिपोर्टस से एकत्रित जानकारियों के आधार पर तैयार किया गया है।

अस्वीकरण: अमर उजाला की हेल्थ एवं फिटनेस कैटेगरी में प्रकाशित सभी लेख डॉक्टर, विशेषज्ञों व अकादमिक संस्थानों से बातचीत के आधार पर तैयार किए जाते हैं। लेख में उल्लेखित तथ्यों व सूचनाओं को अमर उजाला के पेशेवर पत्रकारों द्वारा जांचा व परखा गया है। इस लेख को तैयार करते समय सभी तरह के निर्देशों का पालन किया गया है। संबंधित लेख पाठक की जानकारी व जागरूकता बढ़ाने के लिए तैयार किया गया है। अमर उजाला लेख में प्रदत्त जानकारी व सूचना को लेकर किसी तरह का दावा नहीं करता है और न ही जिम्मेदारी लेता है। उपरोक्त लेख में उल्लेखित संबंधित बीमारी के बारे में अधिक जानकारी के लिए अपने डॉक्टर से परामर्श लें।

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