फ्लू होना, एक सामान्य श्वसन की बीमारी है जो मुख्यरूप से इन्फ्लूएंजा वायरस के कारण होती है। फ्लू में बुखार के साथ सिर और शरीर में दर्द, खांसी और बंद-बहती के साथ गले में खराश और दर्द की समस्या हो सकती है। फ्लू की ये समस्या मौसमी हो सकती है, यानी कि मौसम में बदलाव के साथ फ्लू होने का जोखिम काफी बढ़ जाता है। स्वास्थ्य विशेषज्ञ कहते हैं, फ्लू से बचने के लिए हर साल टीकाकरण कराना सबसे अच्छा तरीका है। इसके अलावा लाइफस्टाइल और आहार में सुधार करके भी आप लाभ प्राप्त कर सकते हैं।
Season Flu: आ रहा है मौसमी फ्लू का सीजन, हो जाइए अलर्ट, सुरक्षित रहने के लिए अपनाइए ये तरीके
अक्तूबर में बढ़ जाता है संक्रमण का खतरा
स्वास्थ्य विशेषज्ञ बताते हैं, देश में सर्दियों की शुरुआत में फ्लू के मामले तेजी से बढ़ते देखे जाते रहे हैं। अक्तूबर-नवंबर और फिर जनवरी से फरवरी के बीच फ्लू होने का जोखिम सबसे अधिक होता है। चूंकि इस मौसम में इन्फ्लूएंजा वायरस का प्रसार अधिक होता है, इसलिए आपके बीमार पड़ने की आशंका अधिक हो सकती है।
फ्लू में होने वाली दिक्कतें
फ्लू के लक्षण आमतौर पर तेजी से आते हैं और तीन-पांच दिनों के भीतर ठीक भी होने लगते हैं। संक्रमितों को मुख्यरूप से बुखार और ठंड लगने के साथ शरीर में दर्द, खांसी, सिरदर्द, गला खराब होने, थकान या कमजोरी महसूस होने के साथ बच्चों में दस्त या उल्टी की दिक्कत भी हो सकती है। फ्लू के गंभीर रूप लेने का खतरा कम होता है, हालांकि कुछ स्थितियों जैसे कमजोर इम्युनिटी और कोमोरबिडिटी की स्थिति में आपमें गंभीर जटिलताएं हो सकती हैं।
क्या संक्रामक होता है फ्लू?
फ्लू संक्रामक हो सकता है, यह एक व्यक्ति से दूसरे व्यक्ति में फैलता है। इन्फ्लूएंजा वायरस किसी संक्रमित व्यक्ति के संपर्क से फैलता है। संक्रमित व्यक्ति के खांसने, छींकने या बात करने के दौरान निकलने वाली ड्रॉपलेट्स के संपर्क में आने से आपके भी संक्रमित होने का खतरा हो सकता है। संक्रमण के प्रसार को कम करने के लिए मास्क लगाना और हाथों की स्वच्छता का ध्यान रखना आवश्यक होता है।
फ्लू से कैसे करें बचाव?
फ्लू से बचाव का सबसे अच्छा तरीका हर साल फ्लू का टीका लगवाना है। टीके आपकी प्रतिरक्षा प्रणाली को संक्रमण को पहचानने और इसके गंभीर रूप लेने के खतरे को कम करने में मददगार हो सकते हैं। इसके अलावा अपने हाथों को बार-बार साबुन और पानी से धोएं। छींकते या खांसते समय नाक और मुंह ढक लें। संक्रामित व्यक्तियों से उचित दूर बनाकर रखना भी आवश्यक माना जाता है।
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नोट: यह लेख मेडिकल रिपोर्ट्स और स्वास्थ्य विशेषज्ञों की सुझाव के आधार पर तैयार किया गया है।
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