ह्यूमन इम्यूनोडेफिशिएंसी वायरस (एचआईवी) के संक्रमण के कारण एड्स यानी एक्वायर्ड इम्यूनोडिफिशिएंसी सिंड्रोम का खतरा होता है। दुनियाभर में हर साल एचआईवी और एड्स के लाखों नए मामले सामने आते हैं। आंकड़ों से पता चलता है कि साल 2024 के आखिर तक दुनियाभर में लगभग 40.8 मिलियन (4 करोड़ से अधिक) लोग एचआईवी के साथ जी रहे थे। इस साल 13 लाख नए मामले भी सामने आए जबकि 6.30 लाख लोगों की इस संक्रमण से मौत भी हो गई।
HIV & AIDS: महिला या पुरुष किसे ज्यादा होता है एड्स? एचआईवी संक्रमण से बचे रहने के लिए क्या करें
- एचआईवी शरीर की रोग प्रतिरोधक क्षमता को प्रभावित करता है, जिससे व्यक्ति सामान्य संक्रमण और गंभीर बीमारियों से भी मुकाबला नहीं कर पाता। यदि इसका समय पर इलाज ना हो तो यह एड्स में बदल सकता है।
एचआईवी और एड्स का खतरा
एड्स के बारे में जागरूकता बढ़ाने, एड्स के मरीजों की जीवन की गुणवत्ता को बेहतर बनाने और उन्हें सामाजिक भेदभाव से बचाने के उद्देश्य के साथ हर साल एक दिसंबर को वर्ल्ड एड्स डे मनाया जाता है। एड्स को पहले लाइलाज माना जाता था हालांकि हाल के वर्षों में वैज्ञानिकों ने कई ऐसी दवाओं और उपचार विधियों की खोज की है जिससे इसका इलाज आसान हो गया है।
अब वापस उसी सवाल पर आते हैं कि एड्स सबसे ज्यादा किसे होता है?
यूनाइटेड नेशंस की रिपोर्ट से पता चलता है कि पुरुषों की तुलना में महिलाएं इस संक्रमण और एड्स रोग का अधिक शिकार होती हैं।
महिलाएं एचआईवी का शिकार अधिक
रिपोर्ट के मुताबिक दुनियाभर में, एचआईवी से पीड़ित लोगों में ज्यादातर महिलाएं हैं। साल 2022 में इस वायरस से पीड़ित 39 मिलियन लोगों में से 53% महिलाएं थीं। हालांकि, ट्रेंड इलाके के हिसाब से अलग-अलग होते हैं। सब-सहारा अफ्रीका के बाहर ज्यादातर इलाकों में सामने आने वाले नए मामलों में 70% से ज्यादा पुरुष होते हैं। ये अंतर दुनिया के कई हिस्सों में महिलाओं की कमजोर स्थिति, गरीबी और जेंडर डिस्क्रिमिनेशन जैसे कारणों से हैं।
क्या कहती है रिपोर्ट
यूएन की रिपोर्ट कहती हैं, महिलाओं और लड़कियों के खिलाफ हिंसा के कारण उनमें एचआईवी होने का खतरा बढ़ जाता है। साउथ अफ्रीका में हुए एक अध्ययन में पाया गया कि कई स्थानों पर 45% किशोर लड़कियों ने बताया कि उनका पहला सेक्सुअल अनुभव जबरदस्ती हुआ था। दुनियाभर में आज जिंदा 700 मिलियन से ज्यादा महिलाओं की शादी 18 साल की उम्र से पहले हो गई थी। जिससे उनके पास संक्रमण से बचाव की जानकारी कम होती थी और जाने-अनजाने वे एचआईवी का शिकार हो जाती थीं।
एचआईवी संक्रमण से बचाव के लिए क्या करना चाहिए?
एड्स रोग से बचे रहने के लिए एचआईवी संक्रमण से बचाव करना जरूरी है। इसके लिए कुछ बातों का सभी लोगों को ध्यान रखना चाहिए।
- असुरक्षित यौन संबंधों से बचें, हमेशा सुरक्षित तरीके जैसे कंडोम का उपयोग करें।
- एक ही पार्टनर के साथ संबंध रखें।
- ब्लड ट्रांसफ्यूजन हमेशा प्रमाणित रक्त केंद्रों से ही कराएं।
- इंजेक्शन, सुई, रेजर, ब्लेड, टैटू करने वाले उपकरणों का सावधानी से इस्तेमाल करें।
- समय-समय पर एचआईवी टेस्ट कराते रहें, यदि आपमें जोखिम अधिक है तो इसकी नियमित जांच कराएं।
- गर्भवती महिलाओं को एचआईवी टेस्ट करवाना चाहिए ताकि बच्चे में संक्रमण रोका जा सके।
- सही जानकारी, जागरूकता और सुरक्षित व्यवहार अपनाकर एड्स को काफी हद तक रोका जा सकता है।
--------------------------
स्रोत
Facts and figures: HIV and AIDS
अस्वीकरण: अमर उजाला की हेल्थ एवं फिटनेस कैटेगरी में प्रकाशित सभी लेख डॉक्टर, विशेषज्ञों व अकादमिक संस्थानों से बातचीत के आधार पर तैयार किए जाते हैं। लेख में उल्लेखित तथ्यों व सूचनाओं को अमर उजाला के पेशेवर पत्रकारों द्वारा जांचा व परखा गया है। इस लेख को तैयार करते समय सभी तरह के निर्देशों का पालन किया गया है। संबंधित लेख पाठक की जानकारी व जागरूकता बढ़ाने के लिए तैयार किया गया है। अमर उजाला लेख में प्रदत्त जानकारी व सूचना को लेकर किसी तरह का दावा नहीं करता है और न ही जिम्मेदारी लेता है। उपरोक्त लेख में उल्लेखित संबंधित बीमारी के बारे में अधिक जानकारी के लिए अपने डॉक्टर से परामर्श लें।