द लैंसेट जर्नल में प्रकाशित एक रिपोर्ट से पता चलता है कि दुनियाभर में बोन फ्रैक्चर के मामले तेजी से बढ़े हैं। साल 2019 में 178 मिलियन (17.8 करोड़) लोग तमाम कारणों से बोन फ्रैक्चर का शिकार हुए। ये डेटा साल 1990 के आंकड़ों की तुलना में 30 प्रतिशत तक अधिक है।
Bone Fracture: वैज्ञानिकों ने बनाया दुनिया का पहला 'बोन ग्लू', मिनटों में जुड़ जाएंगी टूटी हुई हड्डियां
- क्या आप भरोसा करेंगे कि बोन फ्रैक्चर को अब मिनटों में ठीक किया जा सकेगा?
- असल में चीनी वैज्ञानिकों की टीम ने एक प्रकार का ब्रोन ग्लू तैयार किया है। दावा किया जा रहा है कि इसकी मदद से टूटी हड्डियों को मिनटों में जोड़ा जा सकता है।


Please wait...


मिनटों में जुड़ जाएंगी टूटी हुई हड्डियां
Chinese researchers on Tuesday unveiled their self-developed world's first “bone glue” material capable of securely bonding fractured bone fragments within 2-3 minutes in a blood-rich environment.
समुद्री चट्टानों और पुल के खंभों के रिपेयरिंग से प्रेरित होकर, पूर्वी चीन के झेजियांग प्रांत स्थित सर रन रन शॉ हॉस्पिटल के वैज्ञानिकों ने दुनिया का पहला "बोन ग्लू" विकसित कर लिया है।
एक प्रेस कॉन्फ्रेंस के जरिए वैज्ञानिकों की टीम ने बताया कि यह बायोएडहेसिव फ्रैक्चर के इलाज के लिए आमतौर पर इस्तेमाल की जाने वाले मेटल और अन्य तरीकों की तुलना में अधिक प्रभावी हो सकता है। बायोएडहेसिव एक प्रकार का चिपकने वाला पदार्थ है जो प्राकृतिक रूप से दो सतहों को जोड़ने के लिए उपयोग किया जाता है, खासकर जहां एक सतह जीवित ऊतक है।
Inspired by oysters, this new biomaterial, with a maximum adhesion strength of over… pic.twitter.com/7ozvRrQBP0

क्या कहते हैं विशेषज्ञ?
चीनी शोधकर्ताओं ने बताया कि दुनिया की ये पहली "बोन ग्लू" है जो 2-3 मिनट के भीतर टूटी हुई हड्डी के टुकड़ों को सुरक्षित रूप से जोड़ने में सक्षम है। बोन ग्लू को लेकर अब तक 50 से ज्यादा टेस्ट किए जा चुके हैं। अब तक के परीक्षणों से पता चला है कि ये मानव इस्तेमाल के लिए सुरक्षित है और हड्डियों को फिर से जोड़ने में मददगार हो सकती है। अब तक 150 से अधिक लोगों को इसका परीक्षण किया जा चुका है जिसके अच्छे परिणाम देखे गए हैं।
पहले भी किए जा चुके हैं ऐसे प्रयोग
ऑस्टर सेकरेशन ने दुनियाभर के वैज्ञानिकों को लंबे समय से आकर्षित किया है। 2010 में, पर्ड्यू विश्वविद्यालय में एक अमेरिकी शोध दल ने पहली बार प्रोटीन और कैल्शियम कार्बोनेट युक्त अनोखे "गोंद" तैयार की थी। डॉ. लिन की टीम ने 2016 में प्रयोग करना शुरू किया और एक चिपकने वाला पदार्थ तैयार किया था।
डॉ. लिन की टीम ने बताया यह हड्डियों के टूटने, फ्रैक्चर और ऑर्थोपेडिक सर्जरी में क्रांति ला सकता है। इसमें पारंपरिक इम्प्लांट से बचाव होगा, सर्जरी का समय कम होगा और हड्डियों को आसानी से जोड़ने में मदद मिलेगी।
----------------------------
नोट: यह लेख मेडिकल रिपोर्टस से एकत्रित जानकारियों के आधार पर तैयार किया गया है।
अस्वीकरण: अमर उजाला की हेल्थ एवं फिटनेस कैटेगरी में प्रकाशित सभी लेख डॉक्टर, विशेषज्ञों व अकादमिक संस्थानों से बातचीत के आधार पर तैयार किए जाते हैं। लेख में उल्लेखित तथ्यों व सूचनाओं को अमर उजाला के पेशेवर पत्रकारों द्वारा जांचा व परखा गया है। इस लेख को तैयार करते समय सभी तरह के निर्देशों का पालन किया गया है। संबंधित लेख पाठक की जानकारी व जागरूकता बढ़ाने के लिए तैयार किया गया है। अमर उजाला लेख में प्रदत्त जानकारी व सूचना को लेकर किसी तरह का दावा नहीं करता है और न ही जिम्मेदारी लेता है। उपरोक्त लेख में उल्लेखित संबंधित बीमारी के बारे में अधिक जानकारी के लिए अपने डॉक्टर से परामर्श लें।