International Women Day 2019 जानिए इंडियन वुमन के बारे में जिन्होंने सेना का मान बढ़ाया
किरण शेखावत
राजस्थान की बेटी व हरियाणा की बहू लेफ्टिनेंट किरण शेखावत देश में ऑन ड्यूटी शहीद होने वाली पहली महिला अधिकारी थीं। 24 मार्च 2015 की रात को गोवा में डॉर्नियर निगरानी विमान दुर्घटनाग्रस्त हो गया था। जिसमें लेफ्टिनेंट किरण शेखावत शहीद हो गई थीं। 1 मई 1988 को गांव सेफरागुवार विजेन्द्र सिंह शेखावत के घर किरण का जन्म हुआ। लेफ्टिनेंट किरण शेखावत अपनी शहादत से पांच साल पहले भारतीय नौसेना में भर्ती हुई थीं।
पुनीता अरोड़ा भारतीय नौसेना की पहली महिला लेफ्टिनेंट जनरल थीं। पुनीता का जन्म 13 अक्तूबर 1932 को पाकिस्तान के लाहौर प्रांत में हुआ था। 2004 में पुनीता अरोड़ा, भारतीय नौसेना में लेफ्टिनेंट जनरल के पद तक पहुंचने वाली प्रथम भारतीय महिला बनीं। पुनीता ने अपनी ड्यूटी का काफी वक्त पंजाब में गुजारा। 2002 में विशिष्ट सेवा पदक मिला। उनके 36 साल के कार्यकाल में कुल 15 पदक मिले थे।
भारतीय वायुसेना की पहली महिला एयर मार्शल
पद्मावती बंधोपाध्याय को भारतीय वायुसेना की पहली महिला एयर मार्शल होने का गौरव प्राप्त है। वे चिकित्सा सेवा की महानिदेशक रहीं। पद्मावती ने सन् 1968 में भारतीय वायुसेना ज्वाइन की थी। 34 साल बाद अपनी नि:स्वार्थ सेवा भाव और देशप्रेम का चलते सन् 2002 में एयर वाइस मार्शल के पद पर पहुंचने वाली भारतीय वायु सेना की महिला अधिकारी बनीं।
सेना की स्वॉर्ड ऑफ ऑनर हासिल करने वाली देश की पहली महिला कैडेट
दिव्या अजित कुमार ने सात साल पहले मात्र 21 साल की उम्र में सेना की स्वॉर्ड ऑफ ऑनर हासिल करने वाली देश की पहली महिला कैडेट बन गईं थी। दिव्या ने पढ़ाई में भी तीन स्वर्ण पदक जीते हैं। कप्तान दिव्या अजित कुमार को सितंबर, 2010 में सेना के वायु रक्षा कोर में नियुक्त किया गया था। गणतंत्र दिवस (26 जनवरी 2016) पर पहली बार अखिल भारतीय महिला कप्तान दिव्या अजित कुमार ने नेतृत्व किया। उन्होंने 154 महिला अधिकारियों और कैडेटों के एक दल के नेतृत्व किए थे, जहां अमेरिकी राष्ट्रपति "बराक ओबामा" भी उपस्तिथ थे।