विवाह में रिश्ते का स्थाई होना इस बात पर भी निर्भर करता है कि दो लोग एक-दूसरे के लिए कितने समर्पित हैं। भारतीय समाज में परम्परागत रूप से इस समर्पण को भी करवाचौथ के त्यौहार के रूप में सेलिब्रेट किया जाता है। यह केवल आज का ही दौर नहीं है, वर्षों से कई दम्पत्ति ऐसे हैं जहाँ पति-पत्नी दोनों एक दूसरे के लिए करवाचौथ का व्रत रखते हैं या फिर पति इस ख़ास दिन अपनी पत्नियों का ख़ास ख्याल रखते हैं। यह एक-दूसरे के प्रति प्रेम और समर्पण को ही दर्शाता है। करवाचौथ का असली उद्देश्य दाम्पत्य जीवन को मजबूती से जोड़े रखने का होता है।
Karwa Chauth 2022: पति-पत्नी के रिश्ते की डोर होगी मजबूत, करवा चौथ पर करें एक दूसरे से ये वादे
जीवनभर का सम्मान
पति-पत्नी का रिश्ता जितना सहज होता है, जरा सी गलती से उतना ही जटिल भी बन सकता है। इसलिए इस रिश्ते की नींव का मजबूत होना बहुत जरूरी है और यह नींव मजबूत होती है एक-दूसरे को जानने, समझने और एक-दूसरे पर विश्वास करने से। करवाचौथ जैसे त्यौहार या व्रत भले ही महिलाओं के लिए बनाये गए हों लेकिन इनके जरिये एक बहुत ख़ास बात समझाई गई है। वह यह कि महिलाएं घर की जीवन रेखा होती हैं। वे जितना सबके लिए सोचती और करती हैं उतना ही और वैसा ही सम्मान उन्हें मिलना चाहिये। चाहे पत्नी व्रत रखे या न रखे लेकिन उनका अपने परिवार के प्रति जो समर्पण है, उसका सम्मान हमेशा बना रहना चाहिए। इसी तरह महिलाओं के लिए भी करवाचौथ का व्रत केवल एक दिन का त्यौहार या सजने-संवरने का मौका भर नहीं होना चाहिए। उनके मन में भी अपने परिवार के लिए समर्पण,अपने पति के प्रति सहज सम्मान का भाव होना चाहिए। एक-दूसरे के प्रति यह भाव, यह सम्मान ही करवाचौथ का असली रूप है।
ये चार प्रॉमिस कीजिये
एक-दूसरे के प्रति सम्मान और एक-दूसरे में विश्वास को बनाये रखने के लिए इस करवाचौथ इन चार प्रॉमिस को जरूर याद रखिये।
1. दूसरों को नहीं देंगे दरार डालने का मौका
ये एक आम स्थिति है लेकिन यही रिश्तों को बिगाड़ने का काम भी कर सकती है। चाहे आपके मित्र हों, रिश्तेदार या परिवार के अन्य सदस्य भी, किसी को भी यह मौका न दें कि वह आपके रिश्ते में कड़वाहट या दरार लाने का काम कर सके। कई बार कुछ बहुत अपने लोग भी आपके प्रति स्नेह के चलते ऐसी स्थिति पैदा कर सकते हैं। उदाहरण के लिए आप दोनों के बीच हुई किसी छोटी सी बहस को लेकर मुद्दा बनाना और आपके बीच मिस कम्युनिकेशन की स्थिति बना डालना। इस समय सबसे जरूरी है एक-दूसरे पर विश्वास। सामने वाले को बहुत विनम्रता से यह समझा दें कि आप उनके प्रेम को समझते हैं लेकिन आपसी मतभेद आप एक-दूसरे से बात करके सुलझा सकते हैं। इसके लिए आप दोनों को ही सबसे पहले एक-दूसरे को प्रॉमिस करना होगा कि आप किसी भी स्थिति में किसी बाहर वाले पर विश्वास करने की बजाय पहले एक-दूसरे से बात करेंगे।
2. बराबरी से उठाएंगे हर जिम्मेदारी
यहां बात केवल घर के कामों या जिम्मेदारियों से जुड़ी हुई नहीं है। बाहर के काम, सामाजिक जिम्मेदारियां, पारिवारिक जिम्मेदारियां, सभी को किसी एक के कंधे पर डाल देना गलत है। चाहे फिर वह गाड़ी को सर्विसिंग पर डालना हो, बच्चों की पीटीएम अटैंड करना हो या फिर कहीं घूमने जाने के लिए रिजर्वेशन करवाने की बात ही क्यों न हो। जिम्मेदारियां बराबर बंटी होंगी तो किसी एक पर बोझ भी नहीं पड़ेगा और काम भी सहजता से होंगे। अक्सर ऐसी ही जिम्मेदारियों को लेकर दम्पत्तियों के बीच तनातनी शुरू होती है जो आगे जाकर कड़वाहटों और टकरावों में बदल जाती है। ऐसी कड़वाहटें रिश्तों के बिखरने की वजह भी बन सकती है। इसलिए ये प्रॉमिस आपको बराबरी से जिम्मेदारियां उठाने के लिए भी प्रेरित करेगा और इसकी वजह से आप अपने परिवार के और करीब भी आ सकेंगे।
3. क्वालिटी टाइम बिताएंगे साथ
मुश्किल घड़ियों में सबसे ज्यादा जो चीज हौसला बढ़ाती है, वह है परिवार का साथ और संबल। दफ्तर और घर की जिम्मेदारियों और भागदौड़ से परे अपनों के साथ बिताये जाने वाले पल हमेशा सुकून और सकारात्मकता को बढ़ाते हैं। चाहे वह शाम की चाय की चुस्कियां हों, छुट्टी के दिन यूँ ही पुराने गाने सुनने या पुराना एल्बम देखने का मौका हो या साथ बैठकर खाना खाने का अवसर, ये सारे पल हमेशा से मोटिवेशन देने का काम करते हैं। खासकर आजकल छोटे होते परिवारों और तेज रफ्तार वर्चुअल वर्ल्ड की घुसपैठ के बीच इन पलों की जरूरत और भी ज्यादा बढ़ने लगी है। तो प्रॉमिस करें एक-दूसरे से कि दिन का कुछ समय आप मोबाइल, लैपटॉप व सोशल मीडिया से दूर बिताएंगे और साथ रहकर क्वालिटी टाइम बिताएंगे।