शिखा शिप्रा
नवरात्रि से लेकर भाई दूज तक का समय रौनक, खुशी और उत्सवों से भरा होता है। घरों में सजावट, मिठाइयां, नए कपड़े और रिश्तेदारों का आना-जाना माहौल को खुशनुमा बना देता है। ऐसे में बच्चे भी इस जश्न का पूरा आनंद लेना चाहते हैं और कई तरह की जिद करने लगते हैं, जो माता-पिता को परेशान करती हैं और आपके लिए त्योहार थोड़ा चुनौतीपूर्ण बन जाता है। ऐसे में आपको क्या करना चाहिए?
पटाखों की मांग
बच्चों को पटाखे नुकसान पहुंचा सकते हैं, बस यही सोचकर आप उन्हें पटाखे दिलाने से हिचकिचाती हैं। लेकिन बच्चे दोस्तों या पड़ोसियों को देखकर पटाखे चलाने की जिद करते हैं और आपको परेशान करते हैं। ऐसे में आप धैर्य और प्रेम से उन्हें पटाखों से होने वाले पर्यावरणीय नुकसान और पशुओं पर पड़ने वाले प्रभावों के बारे में समझाएं। बच्चों का दिल कोमल होता है। वे बातों को जल्दी समझते हैं। उन्हें त्योहारों के असली महत्व के बारे में बताएं और रंगोली, दीयों, मिठाइयों जैसे विकल्पों से त्योहार को खुशनुमा बनाने के तरीके सुझाएं, ताकि वे खुशी से पटाखों के बिना भी त्योहार मना सकें।
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साथियों की देखा-देखी
धनतेरस पर घर के लिए सामान खरीदना शुभ माना जाता है, लेकिन किशोर उम्र के बच्चे अपने साथियों की देखा-देखी बाइक, स्कूटी या अन्य महंगी चीजें खरीदने की जिद करने लगते हैं, जो उनकी उम्र के हिसाब से अनुचित होती है। ऐसे में माता-पिता की जिम्मेदारी होती है कि वे बच्चों को प्यार और समझदारी से ‘न’ करने की वजह बताएं। सीधे मना करने या डांटने के बजाय उदाहरण देकर समझाएं, ताकि बच्चे आपकी बात समझकर सही फैसले लें।
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विदेशों में दिवाली का त्योहार
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दोस्तों जैसे कपड़े
सोशल मीडिया के दौर में बच्चे परफेक्ट दिखना चाहते हैं, इसलिए महंगे और नए कपड़ों की जिद करते हैं। ऐसे में पेरेंट्स बच्चों की बातें ध्यान से सुनें और उनकी भावनाओं को समझें। सीधे मना करने के बजाय इस सीजन के जरूरी खर्चों को समझाएं। अगर बच्चा किशोरवय है तो उसके साथ खर्चों की लिस्ट साझा करें और उसे घर के कामों में शामिल करें। उसे बताएं कि कपड़ों की कीमत से फर्क नहीं पड़ता, वह हर कपड़े में खास और सुंदर दिख सकता है।
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Sweet Dishes
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मिठाइयों का लालच
छोटे बच्चे त्योहारों में मिठाइयों, चॉकलेट और कैंडी खाने की जिद करते हैं, जो कभी-कभी जरूरत से ज्यादा हो जाती है। पेरेंट्स को चाहिए कि वे बच्चों को सोने से पहले ब्रश करना याद दिलाएं, ताकि दांत स्वस्थ रहें। साथ ही बच्चों को दीये बनाने, गिफ्ट पैक करने, रंगोली बनाने या घर सजाने जैसे कार्यों में लगाएं। मिठाई के लिए बाजार के बजाय होममेड विकल्प चुनें या मेवे और फल दें, ताकि बच्चे स्वस्थ रहें।
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आउटिंग पर जोर
त्योहारों के दौरान जगह-जगह मेले लगते हैं, जहां भीड़ बहुत होती है। इससे बच्चे आपसे आउंटिंग पर जाने की मांग करते हैं। यह कामकाजी माता-पिता के लिए परेशानी का कारण बनता है। ऐसे में बेहतर होगा कि आप वीकडेज में बच्चों को मेले या पार्क में घुमाने ले जाएं, जब भीड़ कम होती है। इसके अलावा बच्चों के कुछ दोस्तों को आमंत्रित करके घर पर ही छोटे-छोटे कार्यक्रम आयोजित करें, ताकि बच्चे सुरक्षित और आराम से त्योहार का आनंद ले सकें।