अक्सर लोग वजन कम करने के लिए जिम जाते हैं या हैवी वर्कआउट रूटीन अपनाते हैं। इसके लिए डाइट के नाम पर बहुत कुछ खाना छोड़ देते हैं। वहीं एक स्थिति में बैठकर किए जाने वाले योग को लोग शारीरिक और मानसिक स्वास्थ्य के लिए बेहतर मानते हैं लेकिन वजन कम करने में योग कितना असरदार है, ये उन्हें ज्ञात नहीं है। योग के जरिए भी वजन नियंत्रित किया जा सकता है। बल्कि ये पेट की चर्बी घटाने के लिए योग एक प्राकृतिक और स्थाई तरीका है। योग सिर्फ फैट बर्न नहीं करता, बल्कि आपके मेटाबॉलिज्म, हॉर्मोनल बैलेंस और मानसिक स्थिरता को भी दुरुस्त करता है। यही कारण है कि योग से घटा वजन दोबारा जल्दी नहीं बढ़ता। लेकिन सवाल है कि एक महीने योगाभ्यास से कितना वजन कम किया जा सकता है?
दरअसल यह पूरी तरह से आपकी बाॅडी टाइप, डाइट और योग अभ्यास की तीव्रता पर निर्भर करता है। औसतन एक महीने में चार से छह किलो तक वजन कम किया जा सकता है। हालांकि इसके लिए आपको रोजाना 45 मिनट से एक घंटे तक योग करना होगा। संतुलित आहार और सही जीवनशैली को अपनाना होगा। अगर व्यक्ति की शुरुआती स्थिति ओवरवेट है, तो पहले महीने में छह से आठ किलो तक भी वजन घट सकता है। आइए जानते हैं किन योगासनों से वजन कम किया जा सकता है।
Yoga Tips: योग से एक महीने में कितने किलो वजन कम किया जा सकता है?
अगर व्यक्ति की शुरुआती स्थिति ओवरवेट है, तो पहले महीने में छह से आठ किलो तक भी वजन घट सकता है। आइए जानते हैं किन योगासनों से वजन कम किया जा सकता है।


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वजन घटाने के लिए सबसे प्रभावी योगासन
सूर्य नमस्कार
सूर्य नमस्कार एक संपूर्ण शारीरिक व्यायाम है, जिसमें 12 योगासन शामिल होते हैं। यह पूरे शरीर की मांसपेशियों को सक्रिय करता है और हर आसन में स्ट्रेचिंग, झुकना और श्वास नियंत्रण से ऊर्जा का प्रवाह बढ़ता है। इससे मेटाबॉलिज्म तेज होता है, जिससे शरीर अधिक कैलोरी बर्न करता है। सूर्य नमस्कार से पेट, कमर, जांघ और भुजाओं की अतिरिक्त चर्बी कम होती है। इसके नियमित अभ्यास से रक्त संचार सुधरता है, पाचन बेहतर होता है और हार्मोन संतुलन बनता है। यही कारण है कि यह योगिक क्रम वजन घटाने और शरीर को फिट, लचीला व ऊर्जावान बनाए रखने में बेहद प्रभावी माना जाता है।

त्रिकोणासन
त्रिकोणासन शरीर की साइड मसल्स, कमर और पेट पर सीधा असर डालता है। इस आसन में शरीर को तिरछा झुकाने से पेट और जांघों की चर्बी तेजी से घटती है। यह आसन मेटाबॉलिज्म को सक्रिय करता है, जिससे कैलोरी बर्न बढ़ती है। साथ ही पाचन तंत्र और लिवर की कार्यक्षमता सुधरती है, जो वजन नियंत्रण के लिए आवश्यक है। नियमित अभ्यास से शरीर लचीला बनता है, मांसपेशियां मजबूत होती हैं और फैट जमने की संभावना घटती है। त्रिकोणासन मानसिक एकाग्रता बढ़ाकर ओवरईटिंग की आदत को भी कम करता है, जिससे शरीर प्राकृतिक रूप से संतुलित वजन में रहता है।

कपालभाति और अनुलोम-विलोम
कपालभाति और अनुलोम-विलोम प्राणायाम शरीर के मेटाबॉलिज्म को तेज करते हैं और ऑक्सीजन प्रवाह बढ़ाते हैं। कपालभाति में तीव्र श्वास-प्रश्वास के कारण पेट की मांसपेशियां सिकुड़ती हैं, जिससे फैट बर्न होता है और पाचन तंत्र सक्रिय रहता है। वहीं, अनुलोम-विलोम मानसिक शांति देता है, जिससे हार्मोनल असंतुलन नियंत्रित होता है और बेवजह खाने की आदत कम होती है। नियमित अभ्यास से शरीर में टॉक्सिन्स निकलते हैं, ब्लड सर्कुलेशन सुधरता है और वजन धीरे-धीरे नियंत्रित हो जाता है। यह योगिक प्रक्रिया न सिर्फ पतला बनाती है बल्कि शरीर को अंदर से स्वस्थ भी रखती है।

योग के साथ सही खानपान जरूरी है
सिर्फ योग करने से ही नहीं, बल्कि खानपान पर नियंत्रण से ही वजन टिकाऊ रूप से घटता है।
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तला-भुना, मीठा, फास्ट फूड और कोल्ड ड्रिंक से दूरी रखें।
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सुबह खाली पेट गुनगुना नींबू पानी पिएं।
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रात को हल्का भोजन लें और डिनर के बाद 15 मिनट टहलें।