Relationship Tips: रिश्ते का आधार बराबरी है। एक आदर्श रिश्ते में दो लोग साथ चलने का वादा करते हैं, एक दूसरे का सम्मान करते हैं और अपनत्व की भावना रखते हैं। लेकिन जब कोई एक पार्टनर धीरे-धीरे रिश्ते की लगाम कसने लगे, जिससे आपकी आवाज़ दबने लगे और आपकी दुनिया छोटी होने लगे, तो यह प्यार नहीं, नियंत्रण की आदत है। डोमिनेटिंग पार्टनर कई बार प्यार के नाम पर आप पर हावी होना चाहते हैं। ऐसे लोग आपकी परवाह और प्यार करने का दिखावा करते हुए आपका जीवन अपने मनमुताबिक तय करना चाहते हैं।
Dominating Partner Signs: क्या आपका पार्टनर डोमिनेटिंग है? जानिए क्यों और कैसे करता है आपको कंट्रोल
Relationship Tips: प्यार में परवाह होती है लेकिन फिक्र के नाम पर अपने साथी को काबू करना दमघोंटू हो जाता है। लेकिन लोग अपने पार्टनर को काबू में कैसे और क्यों करना चाहते हैं ये जान लीजिए, ताकि आप अपने रिश्ते को बचा सकें।
10 संकेत जो बताते हैं कि आपका पार्टनर आपको कंट्रोल कर रहा है
हर फैसले में उनकी ही चलती है
आपको क्या पहनना है, किससे मिलना है और कब घर लौटना है, अगर ये फैसले आपका पार्टनर करता है तो यह प्यार नहीं, पावर गेम है। रिश्ते में कभी मेरी मर्जी नहीं, हम दोनों की सहमति होनी चाहिए।
आपकी राय को कम आंकना
डोमिनेटिंग लोग आपकी बात को काटते हैं, उसे हल्का दिखाते हैं या मजाक बना देते हैं। यह माइंड गेम आत्मविश्वास तोड़ता है ताकि आप निर्णय लेने में उन पर निर्भर हो जाएं।
अत्यधिक अधिकारात्मकता (पजेसिवनेस)
प्यार में पजेसिवनेस होना कुछ हद तक सामान्य है लेकिन जब यह अत्यधिक हो जाए तो रिश्ते में दम घुटने लगता है। बेहद ईर्ष्या, हर चीज में शक, सोशल मीडिया की जासूसी यह पार्टनर की आपके लिए केयर नहीं, निगरानी है। ऐसा पार्टनर धीरे-धीरे आपके दायरे को सिकोड़ देता है।
भावनात्मक मैनिपुलेशन
“मेरे लिए ये कर दो, वरना तुम मुझसे प्यार नहीं करते।”, “मैंने सब तुम्हारे लिए किया, तुम क्या करते हो मेरे लिए?” ऐसे वाक्य कंट्रोलर्स का हथियार हैं। डोमिनेटिंग पार्टनर अपनी भावनाओं का इस्तेमाल करके आपको दोषी महसूस कराते हैं या आपसे अपनी मन का काम करवाते हैं।
आपकी आजादी पर पाबंदियां
दोस्तों से मिलना, परिवार से बात करना, कहीं अकेले जाना अगर ये सब अनुमति पर चल रहा है, तो यह रेड फ्लैग है। प्यार में भरोसा होता है, कैद नहीं। रिश्ते में दोनों बराबर होते हैं, तो एक की अनुमति लेना टाॅक्सिक हो जाता है।
गुस्से का हथियार बनाना
कुछ लोग गुस्सा दिखाकर अपनी शर्तें मनवाते हैं। वह तोड़े-फोड़ें भले न करें, लेकिन चुप्पी, तनाव और डर का माहौल बनाकर आप पर दबाव बनाते हैं, उनके इस बर्ताव पर आपको तय करना पड़ता है कि झुकना ही आसान है।
आपकी उपलब्धियों को स्वीकार न करना
डोमिनेटिंग पार्टनर को आपकी तरक्की पसंद नहीं आती। वे आपकी सफलता का क्रेडिट खुद ले लेते हैं या उसे छोटी बात बना देते हैं क्योंकि कंट्रोल तब टूटता है, जब आप आत्मविश्वासी बनते हैं।
लगातार आपकी आलोचना
आप कैसे दिखते हैं, कैसे चलते हैं, क्या बोलते हैं, जब पार्टनर पर हर बात पर टिप्पणी करता है तो समझ जाइए कि वो आपको काबू में करने के लिए ऐसा कर रहा है। ये छोटी-छोटी चुभने वाली बातें आपके सेल्फ-वैल्यू को कम करती हैं ताकि आप खुद को कम और उन्हें ज्यादा मानें।
आपकी सीमाओं का अनादर
आपकी ना उन्हें स्वीकार्य नहीं होती। डोमिनेटिंग पार्टनर आपकी निजी जगह, मानसिक शांति और व्यक्तिगत निर्णयों में घुसपैठ करते हैं। वह आपकी बाउंड्री को पार करके आपको नीचा दिखाते हैं।
भलाई के नाम पर त्याग की मांग
“मैं तुम्हारे लिए ये सब करता हूं, तुम भी तो मेरी बात मानो।” ऐसी बातें कर वह आपको रिश्ते के लिए सैक्रिफाइज यानी त्याग करने के लिए प्रोत्साहित करते हैं। त्याग प्यार की खूबसूरती है, लेकिन मजबूरी नहीं। अगर किसी त्याग में सिर्फ एक ही व्यक्ति फायदा उठा रहा है, तो वह रिश्ता नहीं, सौदा है।
पार्टनर आपको काबू में क्यों रखना चाहते हैं?
पार्टनर डोमिनेटिंग हो तो क्या करें?