Tanot Mata Temple : पहलगाम हमले के बाद भारतीय सशस्त्र बल ने Operation Sindoor को अंजाम दिया है। उसके बाद से कश्मीर में भारत-पाकिस्तान सीमा पर तनाव की स्थिति है। दोनों तरफ से फायरिंग हुई, जिसमें जान-माल की क्षति की खबर है। हालांकि भारत-पाकिस्तान सीमा पर एक स्थान ऐसा भी है, जहां बम का असर भी बेअसर हो जाता है।
Tanot Mata Temple : भारत-पाकिस्तान बॉर्डर पर है ऐसा रहस्यमयी मंदिर, जहां जंग में गिरे बम नहीं हुए ब्लास्ट
Tanot Mata Temple भारत-पाकिस्तान सीमा पर एक स्थान ऐसा भी है, जहां बम का असर भी बेअसर हो जाता है। राजस्थान के जैसलमेर जिले में भारत-पाकिस्तान सीमा के पास एक चमत्कारी मंदिर है। इस स्थल का नाम तनोट माता मंदिर है।
कहां स्थित है तनोट माता मंदिर
तनोट माता मंदिर राजस्थान के जैसलमेर से लगभग 120 किलोमीटर दूर, भारत-पाकिस्तान सीमा के पास स्थित है। यह मंदिर थार के रेगिस्तान में फैले वीराने के बीचों बीच स्थित है, जहां पहुंचने के लिए पर्यटकों को रेगिस्तानी इलाके से होकर गुजरना पड़ता है। लोक मान्यता है कि तनोट माता जैसलमेर-बारमेर क्षेत्र के चारण समुदाय की कुलदेवी हैं। तनोट माता को हिंगलाज माता का रूप माना जाता है। यह मंदिर माता अवद माता (दुर्गा) के अवतार को समर्पित है।
भारत-पाक युद्ध में दिखा चमत्कार
1965 के युद्ध के दौरान पाकिस्तान की सेना ने तनोट क्षेत्र पर जोरदार बमबारी की थी। इस दौरान पाकिस्तानी सेना ने इस मंदिर परिसर में करीब 3,000 बम गिराए थे, लेकिन मंदिर पर इसका कोई असर नहीं पड़ा। वहीं करीब 450 से ज्यादा बम तो फटे भी नहीं।
इसके बाद 1971 के भारत-पाक युद्ध में भी पाकिस्तानी सेना ने इस क्षेत्र पर हमला किया, लेकिन मंदिर एक बार फिर पूरी तरह सुरक्षित रहा। भारतीय सेना और स्थानीय लोग इसे तनोट माता की कृपा मानते हैं। आज भी उस समय के न फटे बम मंदिर परिसर में प्रदर्शित किए गए हैं, जो इस चमत्कार की गवाही देते हैं।
भारतीय सेना द्वारा मंदिर का रखरखाव
1965 के युद्ध के बाद से तनोट माता मंदिर का प्रबंधन और देखरेख भारतीय सीमा सुरक्षा बल (BSF) द्वारा की जाती है। बीएसएफ के जवान यहां माता की सेवा करते हैं और मंदिर परिसर की सुरक्षा और स्वच्छता का ध्यान रखते हैं। हर साल नवरात्रि के अवसर पर यहां भव्य मेले का आयोजन होता है, जिसमें बड़ी संख्या में श्रद्धालु जुटते हैं।
मंदिर में दर्शन का समय और कैसे पहुंचें?
मंदिर दर्शन का समय सुबह 6 बजे से शाम 8 बजे तक है। मंदिर से सबसे निकटतम रेलवे स्टेशन जैसलमेर है। वहीं जैसलमेर और जोधपुर एयरपोर्ट से तनोट माता मंदिर की यात्रा की जा सकती है। जैसलमेर से तनोट माता मंदिर के लिए टैक्सी या निजी वाहन से पहुंचा जा सकता है। सड़क अच्छी स्थिति में है और रास्ते में रेगिस्तान के सुंदर दृश्य दिखाई देते हैं।