Prostate Cancer Risk and Vitamin D Deficiency: हमारे देश की एक बड़ी आबादी विटामिन डी की कमी से जूझ रही है। एक अध्ययन के अनुसार देशभर में लगभग 45 फीसदी से अधिक लोगों में विटामिन डी कमी पाई गई है। मगर एक और स्टडी के मुताबिक पुरुषों में अगर विटामिन की कमी है तो उनमें प्रोस्टेट कैंसर का खतरा बढ़ जाता है। इस स्टडी के मुताबिक शरीर में विटामिन डी का स्तर कम होने से प्रोस्टेट कैंसर का जोखिम और उसकी आक्रामकता काफी बढ़ जाती है।
Health Tips: विटामिन डी की कमी से पुरुषों में बढ़ जाता है प्रोस्टेट कैंसर का जोखिम, समझ लें इसके पीछे का साइंस
Prostate Cancer Risk in Men: प्रोस्टेट कैंसर एक गंभीर समस्या है और पुरुषों में होने वाला सबसे आम कैंसर है। एक स्टडी के मुताबिक जिन पुरुषों में विटामिन डी कमी होती है उनमें प्रोस्टेट कैंसर का जोखिम बहुत अधिक होता है। आइए इस लेख में इसी के बारे में जानते हैं।
विटामिन डी की कमी और कैंसर का संबंध
शोध बताते हैं कि जिन पुरुषों की त्वचा गहरी होती है, उनमें प्रोस्टेट कैंसर का खतरा अधिक होता है। इसकी वजह यह है कि गहरे रंग की त्वचा सूर्य से कम अल्ट्रावायलेट रोशनी सोख पाती है, जिससे उनके शरीर में विटामिन डी कम बनता है। विटामिन डी और कैल्शियम मिलकर प्रोस्टेट कोशिकाओं को बढ़ने से रोकते हैं और उन्हें स्वस्थ रखते हैं।
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प्रोस्टेट कैंसर के शुरुआती लक्षण
चूंकि विटामिन डी की कमी से कैंसर आक्रामक हो सकता है, इसलिए पुरुषों को इसके शुरुआती लक्षणों को पहचानना जरूरी है। हालांकि शुरुआत में लक्षण हल्के होते हैं, लेकिन अगर आपको बार-बार पेशाब आता है (खासकर रात में), पेशाब करने में कठिनाई होती है, या पेशाब का बहाव धीमा है, तो सावधान हो जाएं।
पेशाब या वीर्य में खून आना, या कूल्हे/हड्डियों में लगातार दर्द होना भी लक्षण हो सकते हैं। 50 वर्ष से अधिक उम्र के पुरुषों को ये लक्षण दिखने पर तुरंत डॉक्टर से जांच करवानी चाहिए।
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विशेषज्ञ बताते हैं कि विटामिन डी एक सुरक्षा कवच की तरह है, और इस विटामिन का लेवल मेंटेन रखना सरल है। इसके लिए आप कुछ फूड प्रोडक्ट्स को डाइट में शामिल कर सकते हैं। जैसे मछली (सैल्मन), अंडे की जर्दी, कुछ मशरूम और विटामिन डी से भरपूर डेयरी उत्पाद।
मगर इसका सबसे बड़ा और प्राकृतिक स्रोत सूर्य का प्रकाश है। जब UV किरणें हमारी त्वचा पर पड़ती हैं, तो शरीर खुद ही विटामिन डी बनाना शुरू कर देता है। इसलिए रोजाना अपनी डाइट में इन चीजों को शामिल करें और धूप लें।
विटामिन डी के लिए सूरज की रोशनी जरूरी है, लेकिन इसका ध्यान रखें कि धूप सुरक्षित हो और आपकी त्वचा को नुकसान न पहुंचाए। विशेषज्ञों की सलाह है कि रोजाना केवल 10 से 15 मिनट तक सीधी धूप लेना ही पर्याप्त होता है, इससे त्वचा के कैंसर का खतरा नहीं बढ़ता और विटामिन डी का स्तर बना रहता है। यदि आपका विटामिन डी स्तर बहुत कम है, या आपकी त्वचा का रंग गहरा है, तो डॉक्टर की सलाह लेकर विटामिन डी सप्लीमेंट्स लेना एक अच्छा और समझदारी भरा उपाय है।
नोट: यह लेख मेडिकल रिपोर्टस से एकत्रित जानकारियों के आधार पर तैयार किया गया है।
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