Yoga For Fertility: योग केवल शारीरिक लचीलापन और मानसिक शांति का साधन ही नहीं, बल्कि यह महिलाओं की प्रजनन क्षमता (Fertility) को भी बढ़ा सकता है। आजकल जीवनशैली, तनाव और असंतुलित खानपान के कारण कई महिलाएं गर्भधारण में कठिनाई महसूस करती हैं। ऐसे में कुछ विशेष योगासन गर्भाशय को मजबूत बनाते हैं, हार्मोन संतुलित करते हैं और प्रजनन तंत्र को सक्रिय करते हैं। अगर आप गर्भ धारण करना चाहती हैं तो आइए जानते हैं वे योगासन जिन्हें नियमित करने से महिलाओं की प्रजनन क्षमता बढ़ सकती है। यदि इन आसनों को सही तरीके से और नियमित रूप से किया जाए तो गर्भधारण की संभावना बढ़ सकती है।
Yoga Tips: गर्भधारण में मददगार हैं ये योगासन, प्राकृतिक तरीके से बढ़ाएं प्रजनन क्षमता
Yoga Poses To Boost Fertility: अगर आप गर्भ धारण करना चाहती हैं तो आइए जानते हैं वे योगासन जिन्हें नियमित करने से महिलाओं की प्रजनन क्षमता बढ़ सकती है। यदि इन आसनों को सही तरीके से और नियमित रूप से किया जाए तो गर्भधारण की संभावना बढ़ सकती है
महिलाओं की प्रजनन क्षमता बढ़ाने वाले 5 प्रमुख योगासन
भुजंगासन
यह आसन गर्भाशय और ओवरीज में रक्त संचार को बेहतर बनाता है। भुजंगासन से पेट की मांसपेशियां मजबूत होती हैं, आंतों का ब्लड सर्कुलेशन बेहतर होता है। इसके अभ्यास के लिए पेट के बल लेटकर हाथों की मदद से सीना उठाएं और सांस को नियंत्रित करें।
सेतुबंधासन
इस आसन से हार्मोन संतुलित होते हैं और गर्भधारण की संभावना बढ़ती है। इस आसन से प्रजनन अंगों में रक्त संचार बेहतर होता है और पीरियड्स की अनियमितता दूर होती है। यह तनाव को कम करने और थायरॉइड, पीरियड्स को रेगुलेट करने में सहायक है। सेतुबंधासन को ब्रिज पोज कहते हैं जिसमें शरीर की मुद्रा एक सेतु की तरह हो जाती है। ये ब्लड सर्कुलेशन में सुधार करता है जो गर्भावस्था और प्रसव के लिए फायदेमंद है। साथ ही हार्मोनल बैलेंस को सुधारता है और यूट्रस की मांसपेशियों को मजबूत करता है। इस आसन के अभ्यास के लिए पीठ के बल लेटकर घुटनों को मोड़ें और कूल्हों को ऊपर उठाएं।
बद्धकोणासन
यह प्रजनन अंगों को लचीला और सक्रिय बनाता है। यह महिलाओं के लिए खास योगासन है, जो प्रजनन अंगों को मजबूत करता है और हार्मोन को संतुलित रखने में सहायक है। इसके अभ्यास से पेल्विक फ्लो को खोलने और ब्लड सर्कुलेशन बढ़ाने में मदद मिलती है। यह पाचन सुधारने, मासिक धर्म के दर्द से राहत दिलाने, तनाव और चिंता को कम करने के साथ ही प्रजनन प्रणाली को स्वस्थ रखने में भी सहायक है। आसन से पेल्विक एरिया में ब्लड सर्कुलेशन बढ़ाता है और अंडाशय को सक्रिय करता है। इस आसन के अभ्यास के लिए जमीन पर बैठेंकर दोनों पैरों को जोड़ें और घुटनों को ऊपर-नीचे करें।
धनुरासन
इससे पेट और प्रजनन तंत्र को मजबूती मिलती है और तनाव भी कम होता है। धनुरासन हार्मोनल संतुलन और ओवरी को एक्टिव करने में मदद करता है। धनुरासन गुर्दे की मालिश करने, उनके कार्य को उत्तेजित करने और डिटाॅक्स को बढ़ावा देने के लिए एकदम सही है। साथ ही, यह रीढ़ को मजबूत करता है और पीठ दर्द से राहत देता है। इस आसन के अभ्यास के लिए पेट के बल लेटें और अपने घुटनों को मोड़ें। पीछे की ओर से अपने टखनों को पकड़ें। सांस लें और छाती और जांघों को जमीन से ऊपर उठाएं। गहरी सांस लेते हुए 15-20 सेकंड तक रुकें।