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Cough Syrup News: किडनी फेल होने से 20 दिन में नौ बच्चों की मौत, दो कफ सिरप बैन; जिम्मेदारों को 'खुराक' कब?
न्यूज डेस्क, अमर उजाला, छिंदवाड़ा
Published by: दिनेश शर्मा
Updated Fri, 03 Oct 2025 01:12 PM IST
सार
Cough Syrup News MP: छिंदवाड़ा जिले में दूषित कफ सिरप से पिछले 20 दिनों में 9 बच्चों की मौत हो गई और कई अब भी भर्ती हैं। बायोप्सी रिपोर्ट में सिरप में डायएथिलीन ग्लायकॉल मिलने की पुष्टि हुई। प्रशासन ने नेक्सट्रो-डीएस और कोल्ड्रिफ सिरप पर रोक लगाई है। जांच जारी है, जिम्मेदारों पर कार्रवाई की मांग उठ रही है।
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छिंदवाड़ा में 20 दिनों में 9 बच्चों की मौत हो गई।
- फोटो : अमर उजाला
MP News In Hindi: सर्दी खांसी के चलते दूषित कप सिरप पीने से छिंदवाड़ा जिले में किडनी फेल होने से पिछले 20 दिनों में नौ बच्चों की मौत हो चुकी है। इनमें से ज्यादातर बच्चों ने नागपुर के निजी अस्पतालों में दम तोड़ा। कलेक्टर शीलेंद्र सिंह ने कहा है कि आरंभिक जांच रिपोर्ट में दूषित कप सीरप से बच्चों की किडनियां फेल होने से मौतें हुई हैं। संबंधित कप सिरप को जिले में प्रतिबंधित कर दिया गया है। मामले में आगे जांच जारी है। हालांकि, सवाल यह है कि जिले में कफ सिरप पर पाबंदी लगा दी गई है, लेकिन इस दूषित दवा को बेचने वाले और बनाने वालों को कौन सजा देगा? उन्हें सरकारी कार्रवाई की खुराक कब मिलेगी?
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छिंदवाड़ा में मृतक बच्चों के परिजन
- फोटो : ANI
टॉक्सिन मीडिएटेड इंजरी
छिंदवाड़ा में बच्चों की मौतों के मामले में नागपुर लैब से आई किडनी बायोप्सी रिपोर्ट में टॉक्सिन मीडिएटेड इंजरी की पुष्टि हुई है। विशेषज्ञों का मानना है कि संभावित रूप से डाय एथिलीन ग्लाइकोल (डीईजी) से सिरप में कंटेमिनेशन हुआ हो सकता है, जिससे बच्चों की किडनी पर घातक असर पड़ा।
दो कफ सिरप पर रोक
छिंदवाड़ा और भोपाल में नेक्सट्रो-डीएस और कोल्ड्रिफ कफ सिरप की बिक्री पर अस्थायी प्रतिबंध लगा दिया गया है। छिंदवाड़ा जिले में बच्चों की किडनी फेल होने से मौत की इसे ही वजह माना जा रहा है। ये कफ सिरप तमिलनाडु की किसी फार्मा कंपनी से बनकर आए थे। भोपाल के मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी डॉ. मनीष शर्मा ने स्पष्ट किया कि जब तक जांच रिपोर्ट पूरी नहीं हो जाती, तब तक दोनों कफ सिरप के उपयोग, बिक्री और वितरण पर रोक जारी रहेगी। उन्होंने डॉक्टर्स को सलाह दी है कि वे इन सिरप को मरीजों को न लिखें।
विधायक ने उठाए सवाल
परासिया से कांग्रेस विधायक सोहन वाल्मीकि का कहना है कि अब तक कुल नौ मौतें हो चुकी हैं। स्थानीय लोगों का आरोप है कि स्वास्थ्य विभाग ने शुरुआत में मामले को गंभीरता से नहीं लिया।
छिंदवाड़ा में छह बच्चों की किडनी फेल होने से हुई मौतों के बाद भोपाल में भी स्वास्थ्य विभाग ने एहतियात के तौर पर कार्रवाई शुरू कर दी है। इन मौतों की संभावित वजह कफ सिरप के सेवन को माना जा रहा है, जिसके बाद भोपाल में Nextro-DS और Coldrif कफ सिरप की बिक्री पर अस्थायी प्रतिबंध लगा दिया गया है। भोपाल के मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी डॉ. मनीष शर्मा ने स्पष्ट किया कि जब तक जांच रिपोर्ट पूरी नहीं हो जाती, तब तक दोनों कफ सिरप के उपयोग, बिक्री और वितरण पर रोक जारी रहेगी। उन्होंने डॉक्टर्स को सलाह दी है कि वे इन सिरप को प्रिस्क्राइब न करें, और आमजन को भी इनका उपयोग करने से बचने की चेतावनी दी है। हालांकि, उन्होंने बताया कि ये कफ सिरप भोपाल के सरकारी स्वास्थ्य संस्थानों में पहले से उपलब्ध नहीं हैं।
छिंदवाड़ा में बच्चों की मौतों के मामले में नागपुर लैब से आई किडनी बायोप्सी रिपोर्ट में टॉक्सिन मीडिएटेड इंजरी की पुष्टि हुई है। विशेषज्ञों का मानना है कि संभावित रूप से डाय एथिलीन ग्लाइकोल (डीईजी) से सिरप में कंटेमिनेशन हुआ हो सकता है, जिससे बच्चों की किडनी पर घातक असर पड़ा।
दो कफ सिरप पर रोक
छिंदवाड़ा और भोपाल में नेक्सट्रो-डीएस और कोल्ड्रिफ कफ सिरप की बिक्री पर अस्थायी प्रतिबंध लगा दिया गया है। छिंदवाड़ा जिले में बच्चों की किडनी फेल होने से मौत की इसे ही वजह माना जा रहा है। ये कफ सिरप तमिलनाडु की किसी फार्मा कंपनी से बनकर आए थे। भोपाल के मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी डॉ. मनीष शर्मा ने स्पष्ट किया कि जब तक जांच रिपोर्ट पूरी नहीं हो जाती, तब तक दोनों कफ सिरप के उपयोग, बिक्री और वितरण पर रोक जारी रहेगी। उन्होंने डॉक्टर्स को सलाह दी है कि वे इन सिरप को मरीजों को न लिखें।
विधायक ने उठाए सवाल
परासिया से कांग्रेस विधायक सोहन वाल्मीकि का कहना है कि अब तक कुल नौ मौतें हो चुकी हैं। स्थानीय लोगों का आरोप है कि स्वास्थ्य विभाग ने शुरुआत में मामले को गंभीरता से नहीं लिया।
छिंदवाड़ा में छह बच्चों की किडनी फेल होने से हुई मौतों के बाद भोपाल में भी स्वास्थ्य विभाग ने एहतियात के तौर पर कार्रवाई शुरू कर दी है। इन मौतों की संभावित वजह कफ सिरप के सेवन को माना जा रहा है, जिसके बाद भोपाल में Nextro-DS और Coldrif कफ सिरप की बिक्री पर अस्थायी प्रतिबंध लगा दिया गया है। भोपाल के मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी डॉ. मनीष शर्मा ने स्पष्ट किया कि जब तक जांच रिपोर्ट पूरी नहीं हो जाती, तब तक दोनों कफ सिरप के उपयोग, बिक्री और वितरण पर रोक जारी रहेगी। उन्होंने डॉक्टर्स को सलाह दी है कि वे इन सिरप को प्रिस्क्राइब न करें, और आमजन को भी इनका उपयोग करने से बचने की चेतावनी दी है। हालांकि, उन्होंने बताया कि ये कफ सिरप भोपाल के सरकारी स्वास्थ्य संस्थानों में पहले से उपलब्ध नहीं हैं।
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छिंंदवाड़ा में मृत बच्चों के परिजन
- फोटो : अमर उजाला
पहली मौत से लेकर अब तक का सिलसिला
कफ सिरप ने ली इन बच्चों की जान
- 31 अगस्त : अदनान की मौत का पहला मामला- न्यूटन चिखली के 5 वर्षीय अदनान खान को अचानक तबीयत खराब हुई। 28 अगस्त को परासिया के क्लीनिक में दिखाया गया। हालत बिगड़ने पर नागपुर रेफर किया गया, जहां 7 सितंबर को उसकी मौत हो गई।
- 13 सितंबर : दूसरी मौत उसैद की- परासिया के 4 वर्षीय उसैद की हालत भी अचानक बिगड़ी। नागपुर के निजी अस्पताल में तीन बार डायलिसिस के बाद भी नहीं बचाया जा सका। 13 सितंबर को उसने दम तोड़ दिया।
- 19 सितंबर : श्रेया यादव का निधन- परासिया की 18 माह की श्रेया यादव को अचानक तेज बुखार और जुकाम हुआ। परिजनों ने स्थानीय निजी डॉक्टर को दिखाया, लेकिन महज दो दिन में ही उसने दम तोड़ दिया। परिवार उसे नागपुर नहीं ले जा सका।
- एक अक्टूबर: सवा साल की संध्या भोसोम 17 सितंबर को बीमार हुई थी। काफी जगह उपचार के बाद नागपुर में उसकी मौत हो गई। उसके अलावा गायगोहान के चंचलेश यदुवंशी की भी नागपुर में उपचार के दौरान मौत हो गई।
- इसके अलावा डुड्डी के दिव्यांश चंद्रवंशी (7 वर्ष), उमरेठ के हेतांश सोनी (5 वर्ष), दीघावानी के विकास यदुवंशी (4 वर्ष) और बोरिया की योगिता विश्वकर्मा (5 वर्ष) की मौत भी किडनी फेल होने के कारण हो चुकी है।
कफ सिरप ने ली इन बच्चों की जान
| नाम | उम्र | पता |
| दिव्यांश चंद्रवंशी | 7 वर्ष | डुड्डी |
| अदनान खान | 5 वर्ष | न्यूटन चिखली |
| हेतांश सोनी | 5 वर्ष | उमरेठ |
| उसैद | 4 वर्ष | परासिया |
| श्रेया यादव | 18 माह | परासिया |
| विकास यदुवंशी | 4 वर्ष | दीघावानी |
| योगिता विश्वकर्मा | 5 वर्ष | बोरिया |
| संध्या भोसोम | सवा साल | परासिया |
| चंचलेश यदुवंशी | -- | गायगोहान |

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