केंद्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया के ग्वालियर स्थित जय विलास पैलेस में राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू का शाही अंदाज में स्वागत किया गया। सिंधिया राज परिवार के शाही महल में राष्ट्रपति ने करीब ढाई घंटे बिताए। इस दौरान उनके लिए शाही भोज का आयोजन किया गया।
MP News: ज्योतिरादित्य सिंधिया के महल में राष्ट्रपति का शाही स्वागत, ओडिशा और नेपाल के व्यंजन भी परोसे
President Droupadi Murmu In Gwalior: ग्वालियर में केंद्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया के महल जय विलास पैलेस में राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू का शाही स्वागत किया गया। जनजातीय नृत्य और संगीत के साथ उनकी अगवानी की गई। म्यूजियम देखने के बाद राष्ट्रपति ने महल में नेपाली और ओडिशा के व्यंजनों का लुत्फ उठाया।
25 प्रतिभाशाली बच्चों से मुलाकात
मराठा गैलरी में ही शहर के 25 प्रतिभाशाली बच्चों से राष्ट्रपति ने मुलाकात की। उन्हें स्नेह देते हुए चॉकलेट भी बांटे। यहां वह ‘रौशनी’ नामक एक एनजीओ के दिव्यांग बच्चों से भी मिलीं। राष्ट्रपति ने मध्य प्रदेश के कोने-कोने से आए कलाकारों, शिल्पकारों और कारीगरों से भी मुलाकात की। उन्होंने स्वर्गीय महाराजा माधवराव सिंधिया के समय से चली आ रही चंदेरी कपड़ों के काम को भी देखा। ‘ताना-बाना’ चला रहे कारीगरों से दिल खोलकर बातचीत भी की।
प्रदर्शनी में प्रसिद्ध कलाओं को मिली जगह
इस प्रदर्शनी की खासियत यह थी कि मध्य भारत के सभी प्रसिद्ध कलाओं को स्थान दिया गया था। गोंड पेंटिंग से लेकर बाघ प्रिंट, बांस से बनी कलाकृतियां, ग्वालियर के पत्थरों की नक्काशी की भी प्रस्तुति की गई। इस प्रदर्शनी का आयोजन ज्योतिरादित्य सिंधिया की धर्मपत्नी प्रियदर्शिनी राजे सिंधिया ने किया। प्रियदर्शनी राजे सिंधिया जी आरण्य नामक संस्था भी चलाती हैं। इस संस्था के माध्यम से वह प्रदेश की कला और संस्कृति का संरक्षण सुनिश्चित करने के साथ ही कारीगरों को रोजगार देने का प्रयास कर रही हैं।
राष्ट्रपति विशेष भोज के लिए सिंधिया परिवार, राज्यपाल, मुख्यमंत्री एवं मध्य प्रदेश के वरिष्ठ मंत्रियों के साथ शामिल हुईं। भोज में 19 प्रकार के व्यंजन शामिल थे - जिन्हें बनाने के लिए खास इंतजाम किए गए थे। किसी भी व्यंजन में अदरक, लहसुन, प्याज, काला नमक और चाट मसाला नहीं था। राष्ट्रपति की हर पसंद का ख्याल रखा गया। खाने की विशेष बात यह है कि इसमें महाराष्ट्र, ओडिशा और नेपाल के कई विशेष व्यंजन थे। एक तरफ चना दाल थी, तो दूसरी तरफ नेपाली साग। मीठे में गाजर के हलवे के साथ साबूदाना मखाना खीर भी बनी थी, जिसका सबने ने आनंद लिया।
राष्ट्रपति को दो पुस्तकें भेंट की
ग्वालियर घराने के मशहूर संगीतकारों को भी कार्यक्रम के लिए बुलाया गया। कार्यक्रम के अंत में ज्योतिरादित्य सिंधिया और उनकी पत्नी ने राष्ट्रपति को दो पुस्तकें भेंट की - ‘सिंधिया, स्वराज एंड मोर’ और ‘हिस्ट्री ऑफ पॉसिबल फ्यूचर्स’। ये किताबें संग्रहालय व सिंधिया रिसर्च सेंटर की टीम ने लिखी हैं। मराठा इतिहास व सिंधिया परिवार के हिंदवी स्वराज के प्रति योगदान पर लिखी गई हैं।
ग्वालियर विमानतल पर आत्मीय स्वागत
इससे पहले राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू का ग्वालियर के वायुसेना विमानतल पर आत्मीय स्वागत हुआ। राज्यपाल मंगुभाई पटेल एवं मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने पुष्प-गुच्छ भेंट कर उनका स्वागत किया। विमानतल पर राष्ट्रपति द्रोपदी मुर्मु के आगमन पर केन्द्रीय नागरिक उड्डयन एवं इस्पात मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया, प्रदेश के गृह मंत्री नरोत्तम मिश्र, जल संसाधन एवं जिले के प्रभारी मंत्री तुलसीराम सिलावट, ऊर्जा मंत्री प्रद्युमन सिंह तोमर, उद्यानिकी एवं खाद्य प्रसंस्करण राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) भारत सिंह कुशवाह, सांसद विवेक नारायण शेजवलकर और महापौर शोभा सिकरवार ने भी पुष्प-गुच्छ भेंट कर स्वागत किया।

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