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Devi Ahilya Birth Anniversary: समकालीन कवियों और राजनीतिज्ञों की नजरों में देवी अहिल्या थीं आदर्शवत शासक

Kamlesh Sen कमलेश सेन
Updated Sat, 31 May 2025 08:01 AM IST
सार

देवी अहिल्या बाई होल्कर को देशभर में अत्यंत सम्मान प्राप्त था। विद्वान, राजनेता और अंग्रेज अधिकारी तक उनके न्याय, दानशीलता और दूरदर्शिता से प्रभावित थे। कवियों ने उन्हें गंगा के समान पूजनीय बताया। उन्हें आदर्श शासिका, धर्मपरायण, बुद्धिमान और समूची मानव जाति की भूषण कहा गया।

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Devi Ahilya Birth Anniversary: In the eyes of contemporary poets-politicians, Devi Ahilya was an ideal ruler
महारानी देवी अहिल्या बाई होल्कर के प्रति संपूर्ण देश में अटूट श्रद्धा थी। - फोटो : अमर उजाला
महारानी देवी अहिल्या बाई होल्कर के प्रति संपूर्ण देश में अटूट श्रद्धा थी। देश के कई राजा महाराजा देवी अहिल्या बाई को आदर के भाव से देखते थे। उनके द्वारा देश भर में करवाए गए धार्मिक कार्यों की एक लंबी फेहरिस्त है। उन्होंने जहां जरूरत देखी और उन्हें जहां उचित लगा, वहां उन्होंने कार्य करवाने में कोई संकोच नहीं किया। मालवा की रियासतों के कार्य को देखने वाले कई अंग्रेज एजेंट देवी अहिल्या बाई की कार्यप्रणाली से खुश थे। मालवा में सर्वाधिक समय व्यतीत करने वाले सर जॉन माल्कम ने अपने संस्मरण ''मेमॉयर ऑफ सेंट्रल इंडिया'' में देवी अहिल्या बाई होल्कर के बारे में लिखा था- ''जितने भी शुद्धतम एवं आदर्शवत शासक अस्तित्व में रहे हैं, उनमें से एक'', यह कथन था देवी अहिल्या बाई के बारे में था।


कई बार तुलादान किया : कवि खुशालीराम
संस्कृत के सुप्रसिद्ध विद्वान और कवि खुशालीराम ने अहिल्या कामधेनु ग्रंथ लिखा था, जो एक दुर्लभ ग्रंथ है। उन्होंने देवी अहिल्या बाई होल्कर के बारे में लिखा-''वे सदा देव, ब्राह्मण और पुजारियों को दान देती थी तथा धर्मकार्य में परायण रहकर अपना समय बिताती थीं। कुरुक्षेत्र में कई बार स्वर्ण और चांदी का तुला दान भी किया था।

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गंगा की तरह प्रसिद्ध : मोरोपंत
मोरोपंत मराठी के कवि और विद्वान थे, वे अपनी बात स्पष्ट कहने के लिए जाने जाते थे। मोरोपंत ने देवी अहिल्या बाई के गुणों से काफी प्रभावित थे, उन्होंने एक बार गंगा स्नान करने के बाद लिखा- ''गंगे, मैं अहिल्या बाई के दर्शन करूंगा, हे गंगा मां जैसे तुम संसार में प्रसिद्ध हो, उसी तरह वे भी प्रसिद्ध हैं, तुम दोनों से संसार का उपकार होगा''।

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मां अहिल्या शिव की परम भक्त थीं। - फोटो : अमर उजाला
कोई बराबरी नहीं कर सकता : नाना फडणवीस
तत्कालीन प्रसिद्ध राजनीतिज्ञ नाना फडणवीस ने कहा था -"अहिल्याबाई पुरुषार्थ, दूरदर्शिता एवं महानता में अद्वितीय है, कोई भी इन बातो में उनकी बराबरी नहीं कर सकता है। मराठी के प्रसिद्ध कवि प्रभाकर और गायक अनंतफंदी ने अहिल्या बाई के विषय में बड़ी श्रद्धा भक्ति से पूर्ण काव्यांजलि अर्पित की थी। दिल्ली दरबार में मराठा राजदूत हिंगने के नाना फडणवीस को एक पत्र में लिखा था-"अपने राज्य की सेवा और सुरक्षा करने के लिए आवश्यक समस्त सद्गुण अहिल्या बाई में हैं।

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समूची मानव जाति की भूषण थीं : राय बहादुर वैद्य
दक्षिण के प्रसिद्ध विद्वान और इतिहासकार राय बहादुर चिंतामणि विनायक वैद्य के अनुसार -"वह लोकोत्तर महिला अपने अनेक सदगुणों के कारण महाराष्ट्र के लिए ही नहीं बल्कि समूची मानव जाति के भूषण रूप में हुईं, उनकी बुद्धिमत्ता इतनी व्यापक थी कि वे प्रत्येक कार्य में होशियार और निपुण थी, उनकी धार्मिकता इतनी उदार थी कि उन्होंने धर्म के क्षेत्र में अपना नाम अमर कर दिया है।

आदर्श और महान शासिका थीं : लॉर्ड एलनबरो
भारत के तत्कालीन वायसराय लॉर्ड एलनबरो ने प्रथम अफगान युद्ध के बाद महाराजा हरिराव होल्कर को एक पत्र लिखा, उसमें उन्होंने अहिल्या बाई की महानता का बड़े गौरवपूर्ण शब्दों में लिखा-''वे एक आदर्श व महान शासिका थीं, देश में सर्वत्र उनके प्रति आदर भाव पाए जाते हैं।"
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