राजस्थान के औद्योगिक इतिहास में एक नया अध्याय जुड़ने जा रहा है। बालोतरा जिले के पचपदरा क्षेत्र में बन रही बहुप्रतीक्षित रिफाइनरी अब अपने अंतिम चरण में पहुंच चुकी है। लंबे इंतजार, कई उतार-चढ़ाव और लागत में भारी बदलाव के बाद यह परियोजना अब उद्घाटन के लिए लगभग तैयार मानी जा रही है। प्रदेश सरकार और केंद्र सरकार के बीच समन्वय के साथ इसके लोकार्पण की तैयारियां तेज कर दी गई हैं।
Rajasthan: 79 हजार करोड़ की पचपदरा रिफाइनरी उद्घाटन की तैयारी तेज, जनवरी में पीएम मोदी कर सकते हैं लोकार्पण
Balotra News: बालोतरा के पचपदरा में बन रही 9 एमएमटी क्षमता की रिफाइनरी उद्घाटन के अंतिम चरण में है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जनवरी 2026 में इसका लोकार्पण कर सकते हैं। परियोजना की लागत 79,459 करोड़ रुपये आंकी गई है।
जनवरी 2026 में उद्घाटन की प्रबल संभावना
उच्च पदस्थ सूत्रों के अनुसार, राजस्थान सरकार ने पचपदरा रिफाइनरी के उद्घाटन के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से समय मांगा है। संकेत मिल रहे हैं कि जनवरी 2026 के पहले पखवाड़े में प्रधानमंत्री राजस्थान दौरे पर आ सकते हैं। संभावित कार्यक्रम के तहत 10 जनवरी को उद्घाटन की तारीख सामने आ रही है, हालांकि अंतिम मुहर प्रधानमंत्री कार्यालय से लगनी बाकी है।
सरकारी स्तर पर सभी विभागों को निर्देश दिए गए हैं कि जनवरी की शुरुआत में ही रिफाइनरी से जुड़े शेष तकनीकी, प्रशासनिक और सुरक्षा कार्य पूरे कर लिए जाएं, ताकि उद्घाटन में किसी तरह की बाधा न आए।
निर्माण कार्य अंतिम चरण में
हाल ही में हुई कैबिनेट बैठक के बाद मंत्री जोगाराम पटेल ने प्रेस वार्ता में स्पष्ट किया कि 9 मिलियन मीट्रिक टन वार्षिक क्षमता वाली इस रिफाइनरी-कम-पेट्रोकेमिकल कॉम्प्लेक्स परियोजना का निर्माण कार्य लगभग पूरा हो चुका है। उन्होंने कहा कि यह परियोजना केवल एक औद्योगिक इकाई नहीं, बल्कि राजस्थान के आर्थिक भविष्य की दिशा तय करने वाला प्रोजेक्ट है।
मंत्री ने बताया कि रिफाइनरी के मुख्य यूनिट्स, पाइपलाइन नेटवर्क, स्टोरेज टैंक्स और प्रोसेसिंग सिस्टम का कार्य अपने अंतिम पड़ाव पर है। ट्रायल और टेस्टिंग प्रक्रियाएं चरणबद्ध तरीके से की जा रही हैं।
लंबा सफर, कई बार बदली समयसीमा
पचपदरा रिफाइनरी की परिकल्पना पहली बार वर्ष 2013 में की गई थी, लेकिन तत्कालीन परिस्थितियों और तकनीकी-वित्तीय कारणों से यह परियोजना आगे नहीं बढ़ सकी। इसके बाद वर्ष 2017 में नए सिरे से एमओयू किया गया और अक्तूबर 2022 तक इसे पूरा करने का लक्ष्य रखा गया। हालांकि कोविड महामारी, वैश्विक आपूर्ति बाधाएं और निर्माण लागत में अप्रत्याशित वृद्धि के चलते परियोजना की समयसीमा को पहले जून 2023 तक बढ़ाया गया। अब वर्षों की मेहनत के बाद यह परियोजना साकार होने जा रही है।
लागत में बड़ा इजाफा, फिर भी परियोजना पर सरकार अडिग
रिफाइनरी परियोजना की लागत समय के साथ काफी बढ़ी है। प्रारंभिक अनुमान जहां 6,331 करोड़ रुपये का था। वहीं, निर्माण और अन्य कारणों से यह लागत बढ़कर 72,937 करोड़ रुपये तक पहुंच गई। इसके बाद संशोधित लागत में फिर इजाफा हुआ और अब कुल लागत 79,459 करोड़ रुपये आंकी गई है।
इस महत्वाकांक्षी परियोजना में राजस्थान सरकार की इक्विटी हिस्सेदारी 26 प्रतिशत तय की गई है। इसके तहत राज्य सरकार का कुल निवेश 6,886 करोड़ रुपये निर्धारित किया गया है। बढ़ी हुई लागत के कारण राज्य सरकार को अतिरिक्त अंश पूंजी के रूप में 565.24 करोड़ रुपये और देने होंगे। सरकार का मानना है कि यह निवेश दीर्घकाल में कई गुना लाभ देकर प्रदेश की अर्थव्यवस्था को मजबूत करेगा।
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