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Rajasthan News: गधों ने खाए गुलाब जामुन, महेंद्रगढ़ में अच्छी बारिश पर ग्रामीणों ने पूजा कर मन्नत पूरी की
न्यूज डेस्क, अमर उजाला, भीलवाड़ा
Published by: प्रिया वर्मा
Updated Tue, 26 Aug 2025 12:25 PM IST
सार
बरसात की झमाझम फुहारों के बीच भीलवाड़ा के महेंद्रगढ़ गांव में परंपरा और आस्था का संगम दिखा। ग्रामीणों ने अच्छी बारिश की खुशी में गधों की पूजा कर मिठाई का भोग लगाकर मन्नत पूरी की।
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भीलवाड़ा में गधों ने खाए गुलाब जामुून
- फोटो : अमर उजाला
जिले की सहाड़ा तहसील क्षेत्र की महेंद्रगढ़ ग्राम पंचायत में हाल ही में एक ऐसा अनोखा आयोजन हुआ, जिसने सभी का ध्यान खींच लिया। यहां ग्रामीणों ने न केवल गधों की पूजा की, बल्कि उन्हें गुलाब जामुन खिलाकर अच्छी बारिश होने की खुशी भी मनाई। यह आयोजन ग्रामीणों की मन्नत पूरी होने और प्रकृति के प्रति आभार जताने का प्रतीक रहा।
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अच्छी बारिश होने पर ग्रामीणों ने की मन्नत पूरी
- फोटो : अमर उजाला
परंपरागत टोटके से जुड़ा आयोजन
राजस्थान में इस बार मानसून ने दो अलग-अलग तस्वीरें पेश की हैं, कहीं ज्यादा बारिश से जनजीवन अस्त-व्यस्त है, तो कहीं बारिश की कमी से किसान चिंतित हैं। महेंद्रगढ़ के ग्रामीण लंबे समय से पर्याप्त वर्षा के लिए टोटके और धार्मिक अनुष्ठान कर रहे थे। गांव के अधिवक्ता मनोज कुमार भाटी ने बताया कि ग्रामीणों ने संकल्प लिया था कि अगर अच्छी बारिश होगी तो गधों की पूजा कर उन्हें मिठाई खिलाई जाएगी। झमाझम बारिश के बाद जब खेतों में नमी और हरियाली लौटी तो ग्रामीणों ने यह संकल्प पूरा किया।
ये भी पढ़ें: RIMS Jaipur: एम्स की तर्ज पर जयपुर में रिम्स की स्थापना के लिए इसी सत्र में विधेयक लाएगी सरकार
पूर्व सरपंच रामधन सोमानी की अगुवाई में हुए इस आयोजन में गधों को माला पहनाई गई, माथे पर तिलक लगाया गया और उनकी आरती उतारी गई। इसके बाद उन्हें गुलाब जामुन खिलाए गए। इतना ही नहीं गधों के मालिकों को भी साफा पहनाकर सम्मानित किया गया। ग्रामीणों का कहना था कि यह आयोजन सिर्फ आस्था का प्रतीक नहीं है, बल्कि यह खुशी साझा करने और प्रकृति के प्रति धन्यवाद प्रकट करने का तरीका भी है।
राजस्थान में इस बार मानसून ने दो अलग-अलग तस्वीरें पेश की हैं, कहीं ज्यादा बारिश से जनजीवन अस्त-व्यस्त है, तो कहीं बारिश की कमी से किसान चिंतित हैं। महेंद्रगढ़ के ग्रामीण लंबे समय से पर्याप्त वर्षा के लिए टोटके और धार्मिक अनुष्ठान कर रहे थे। गांव के अधिवक्ता मनोज कुमार भाटी ने बताया कि ग्रामीणों ने संकल्प लिया था कि अगर अच्छी बारिश होगी तो गधों की पूजा कर उन्हें मिठाई खिलाई जाएगी। झमाझम बारिश के बाद जब खेतों में नमी और हरियाली लौटी तो ग्रामीणों ने यह संकल्प पूरा किया।
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पूर्व सरपंच रामधन सोमानी की अगुवाई में हुए इस आयोजन में गधों को माला पहनाई गई, माथे पर तिलक लगाया गया और उनकी आरती उतारी गई। इसके बाद उन्हें गुलाब जामुन खिलाए गए। इतना ही नहीं गधों के मालिकों को भी साफा पहनाकर सम्मानित किया गया। ग्रामीणों का कहना था कि यह आयोजन सिर्फ आस्था का प्रतीक नहीं है, बल्कि यह खुशी साझा करने और प्रकृति के प्रति धन्यवाद प्रकट करने का तरीका भी है।
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गधों के मालिकों को भी पहनाया साफा
- फोटो : अमर उजाला
गांव के किसानों ने बताया कि बारिश की कमी से उनकी फसलें सूखने लगी थीं और वे मायूस हो चुके थे लेकिन हाल की बारिश ने उनकी उम्मीदें फिर से जगा दी हैं। अब खेतों में फसल लहलहाने की संभावना बढ़ गई है। उनका मानना है कि गधों की पूजा जैसे पारंपरिक आयोजन कभी-कभी किसानों का मनोबल बढ़ाने और सामूहिक विश्वास मजबूत करने में मदद करते हैं।
सोशल मीडिया पर वायरल हुआ वीडियो
- फोटो : अमर उजाला
इस आयोजन ने आसपास के गांवों में भी चर्चा का माहौल बना दिया। लोग इसे परंपरा और आधुनिक जीवन के बीच के अनोखे संगम के रूप में देख रहे हैं। एक ओर जहां आज खेती-किसानी मौसम पूर्वानुमान और वैज्ञानिक तरीकों पर निर्भर है, वहीं ग्रामीण समाज अब भी आस्था और परंपराओं से जुड़ा हुआ है। ग्रामीणों का कहना है कि यह आयोजन अंधविश्वास नहीं बल्कि सामूहिक भावनाओं और प्रकृति पर आधारित जीवन शैली का प्रतीक है।
महेंद्रगढ़ की यह अनोखी घटना सोशल मीडिया पर भी वायरल हो गई। तस्वीरें और वीडियो देखकर लोग इसे मजाकिया अंदाज में भी ले रहे हैं, तो कुछ इसे ग्रामीण जीवन की सादगी और आस्था का प्रतीक बता रहे हैं। कई लोगों ने लिखा कि 'गधे गुलाब जामुन खा रहे हैं' कहावत को सच होते देखना अपने आप में अद्भुत है।
महेंद्रगढ़ की यह अनोखी घटना सोशल मीडिया पर भी वायरल हो गई। तस्वीरें और वीडियो देखकर लोग इसे मजाकिया अंदाज में भी ले रहे हैं, तो कुछ इसे ग्रामीण जीवन की सादगी और आस्था का प्रतीक बता रहे हैं। कई लोगों ने लिखा कि 'गधे गुलाब जामुन खा रहे हैं' कहावत को सच होते देखना अपने आप में अद्भुत है।