Spy: सरहद पर जासूसी, राजस्थान में रहने वाले ये हैं देश के गद्दार! पैसों के लिए बने पाकिस्तान की आंख-कान; कहानी
Pakistani Spy: सरहद उस पार जानकारी कैसे पहुंचाई जाती थी। जानकारी साझा करने में जासूसों की मदद कौन करता था। कैसे इतनी आसानी से सबकुछ आदान-प्रदान हो जाता था। ऑपरेशन सिंदूर के बाद अबतक कितने लोगों के ऊपर कार्रवाई हुई है। आज की इस खबर में जानते हैं सबकुछ
राजस्थान इंटेलिजेंस ने पाकिस्तान के लिए जासूसी के आरोप में सरकारी कर्मचारी शकूर खान को गिरफ्तार किया था। शकूर को 28 मई को इंटेलिजेंस और अन्य जांच एजेंसियों ने डिटेन किया था। शकूर 2008 में पूर्व मंत्री और कांग्रेस नेता सालेह मोहम्मद के निजी सहायक के तौर पर भी काम कर चुका है। उस वक्त सालेह मोहम्मद पोकरण से विधायक थे। पूछताछ में सामने आया कि शकूर भी हरियाणा की यू-ट्यूबर ज्योति मल्होत्रा की तरह भारत में पाकिस्तान के हाई कमीशन के अफसर रहे एहसान-उर-रहीम उर्फ दानिश के संपर्क में था। शकूर पाकिस्तान एंबेसी में सोहेल कमर से भी मिलता था। फिलहाल कोर्ट ने 10 जून तक रिमांड पर सौंप दिया।
7 बार पाकिस्तान जा चुका शकूर खान
2013 तक सालेह मोहम्मद का पीए रहने के बाद शकूर खान जिला रोजगार कार्यालय में बतौर क्लर्क जॉइन कर चुका था। इंटेलिजेंस सूत्रों के मुताबिक, शकूर खान पिछले कुछ सालों में पाकिस्तान की 7 बार यात्रा कर चुका है। शकूर खान की पाकिस्तान के सिंध प्रांत के रहीमयार खान, सक्खर और घोटकी आदि क्षेत्रों में नजदीकी रिश्तेदारी है। पूछताछ में खुफिया एजेंसियों को उसके मोबाइल में पाकिस्तान के कई अनजान नंबर मिले हैं। इनके बारे में वह कोई संतोषजनक जवाब नहीं दे पाया है।
डीग के कासिम और हसीन भी निकले दुश्मन
इसी सिलसिले में दूसरा नाम आता है भरतपुर के डीग के रहने वाले दो भाई कासिम और हसीन का। पाकिस्तान की खुफिया एजेंसी ISI के लिए जासूसी करने वाले मोहम्मद कासिम और उसके बड़े भाई मोहम्मद हसीन को दिल्ली की स्पेशल सेल ने डिटेन कर लिया था। हसीन को डीग जिले के नगर इलाके से पकड़ा है। पुलिस हसीन को लेकर दिल्ली गई है। वहां पहले से पुलिस कस्टडी में चल रहे कासिम और हसीन से पाकिस्तान कनेक्शन को लेकर पूछताछ की।
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बता दें कि पाकिस्तानी जासूस मोहम्मद कासिम पहले दिल्ली रहता था, जहां किडनैप केस में गिरफ्तार हुआ था और 5 साल तिहाड़ जेल में सजा काटी थी। जेल से निकलने के बाद कासिम गंगौरा गांव में ही रहने लगा था। वह यहां पर ताबीज बेचने का काम करने लगा। वहीं कासिम का भाई हसीन मजदूरी करता है। दिल्ली में कासिम से हुई पूछताछ में सामने आया कि हसीन भी पाकिस्तान खुफिया जानकारी भेजा करता था। इसके अलावा वह भी पाकिस्तान जाकर आ चुका है। छोटे भाई कासिम की तरह वह भी ISI के संपर्क में था और गोपनीय जानकारियां साझा करता था।
अगस्त 2024 में कासिम गया था पाकिस्तान
कासिम से पूछताछ में सामने आया कि वह अगस्त 2024 में टूरिस्ट वीजा पर पाकिस्तान गया था। इसके बाद इसी साल 2025 में ईद पर भी 90 दिन के लिए पाकिस्तान गया था। सामने आया है कि दोनों बार वह ISI के संपर्क में आया और ट्रेनिंग ली। कासिम ने बताया कि पहले उसके बड़े भाई हसीन का पाकिस्तान जाना तय था, लेकिन वीजा संबंधी काम पूरा नहीं होने के कारण उसका जाना कैंसिल हो गया। इसके बाद कासिम पाकिस्तान गया था। कासिम ने यह भी बताया कि उसने दिल्ली में कुछ लोगों को सिम भी मुहैया करवाई थी। ताकि उन सिम के जरिए वह PIO इंटेलिजेंस से जुड़ सके और भारत की खुफिया जानकारियां पाकिस्तान को दे सके। कासिम और हसीन का पाकिस्तानी दूतावास के अधिकारी दानिश से संपर्क भी सामने आया।
राजस्थान इंटेलिजेंस ने जैसलमेर निवासी पठान खान को पाकिस्तान की ISI के लिए जासूसी करने के आरोप में गिरफ्तार किया है। उसके खिलाफ सरकारी गोपनीयता अधिनियम, 1923 के तहत मामला दर्ज किया गया है। उसे करीब एक महीने पहले हिरासत में लिया गया था और तब से उससे पूछताछ की जा रही थी। अब उसे औपचारिक रूप से गुरुवार को गिरफ्तार किया गया है। इंटेलिजेंस ने कहा है कि पठान खान 2013 में पाकिस्तान गया था, जहां वह पाकिस्तान की खुफिया एजेंसी के अधिकारियों के संपर्क में आया था।
पाकिस्तान में उसे पैसों का लालच दिया गया और जासूसी का प्रशिक्षण दिया गया। 2013 के बाद भी वह वहां जाकर पाकिस्तानी खुफिया एजेंसी के अधिकारियों से मिलता रहा और जैसलमेर अंतरराष्ट्रीय सीमा से जुड़ी संवेदनशील और गोपनीय जानकारी पाकिस्तानी हैंडलर्स के साथ साझा करता रहा। पठान खान को जैसलमेर जिले के जीरो आरडी मोहनगढ़ क्षेत्र से गिरफ्तार किया गया है। उसे पहले भी करीब एक महीने पहले ही शक के आधार पर पकड़ा गया था, लेकिन इस बार जब जांच एजेंसियों ने गहराई से पूछताछ की तो कई चौंकाने वाले तथ्य सामने आए। उसके खिलाफ ऑफिशियल सीक्रेट एक्ट के तहत जयपुर में मामला दर्ज किया गया है।