जैसलमेर बस हादसे में मृतकों की संख्या बढ़कर 23 हो गई है। शनिवार को महात्मा गांधी अस्पताल में भर्ती घायल महिपाल सिंह ने इलाज के दौरान दम तोड़ दिया। वह हादसे में 35 प्रतिशत तक झुलस गए थे और पिछले कई दिनों से बर्न यूनिट में उनका इलाज चल रहा था।
जैसलमेर बस अग्निकांड: हादसे में झुलसे महिपाल की जोधपुर में मौत, देने गए थे एयरफोर्स का पेपर; अब 23 हुआ आंकड़ा
Jaisalmer Bus Accident Update: जैसलमेर बस हादसे में घायल महिपाल सिंह ने जोधपुर के महात्मा गांधी अस्पताल में इलाज के दौरान दम तोड़ दिया। अब तक मृतकों की संख्या 23 पहुंच गई है। हादसे में झुलसे कई लोग अब भी उपचाराधीन हैं, जिनमें चार की हालत गंभीर है।


35% तक झुलसे थे महिपाल सिंह, इलाज के दौरान तोड़ा दम
महात्मा गांधी अस्पताल के अधीक्षक डॉ. फतेह सिंह भाटी ने बताया कि महिपाल सिंह की हालत गंभीर बनी हुई थी। उनका शरीर 35% तक जल चुका था, साथ ही उनकी श्वास नली में धुआं भर जाने से सांस लेने में दिक्कत थी। लगातार उपचार के बावजूद शनिवार को उन्होंने अंतिम सांस ली। महिपाल सिंह रामदेवरा के पास एका गांव के रहने वाले थे। वे एयरफोर्स का एग्जाम देने जैसलमेर गए थे और 14 अक्तूबर को हादसे का शिकार बनी बस में सवार थे।

हादसे के समय महिपाल ने पिता को किया था फोन
परिवार के अनुसार, 14 अक्तूबर को बस में सवार होने के बाद महिपाल ने पिता को फोन कर बताया था कि वे बस में बैठ चुके हैं और उन्हें लेने की जरूरत नहीं है। कुछ देर बाद बस में अचानक धुआं फैलने लगा और देखते ही देखते आग भड़क गई। महिपाल ने बताया था कि बस में टीटी उनके पीछे की सीट पर बैठा था, तभी धुआं उठने लगा। कंडक्टर ने भागकर बस ड्राइवर से दरवाजा खुलवाने की कोशिश की, लेकिन जब दरवाजा नहीं खुला, तो उसने शीशा तोड़कर बाहर छलांग लगाई। उसी दौरान महिपाल भी किसी तरह बस से कूद गए, लेकिन गंभीर रूप से झुलस गए।
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मदद की जगह वीडियो बनाते रहे लोग
परिजनों ने बताया कि झुलसने के बावजूद महिपाल ने अपने पिता को फोन कर पूरी घटना बताई, लेकिन कुछ देर बाद उनका फोन स्विच ऑफ हो गया। घटना स्थल पर मौजूद लोग मदद करने की बजाय वीडियो बनाते रहे। जब यह वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हुआ, तब उनके परिचितों ने परिवार को बताया कि यह महिपाल सिंह का ही वीडियो है।

कई लोग अब भी उपचाराधीन
जोधपुर के महात्मा गांधी अस्पताल में हादसे में घायल कई लोगों का इलाज जारी है। इनमें से चार मरीज आईसीयू में हैं, जबकि सात मरीजों को विशेष वार्ड में रखा गया है। डॉक्टरों की टीम लगातार सभी घायलों की स्थिति पर निगरानी रख रही है।
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