भारत इस साल अपना 71वां गणतंत्र दिवस मनाने जा रहा है। हर साल राजपथ पर होने वाले परेड को लेकर इस बार भी लोगों में काफी उत्साह देखने को मिल रहा है। 26 जनवरी 2020 को तिरंगे को सलामी देने से पहले हम आपको याद दिला रहे हैं साल 2019 के गणतंत्र दिवस के दिन दुनिया के सामने राजपथ पर इतिहास लिखने वाली बेटियों की। जिनके अदम्य साहस को देख तालियों की गड़गड़ाहट से पूरा आसमान गूंज उठा था।
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जब राजपथ पर बेटियां लिख रही थीं इतिहास, आसमान तक पहुंच रही थी तालियों की आवाज
लाइफस्टाइल डेस्क, अमर उजाला
Published by: प्राची प्रियम
Updated Fri, 17 Jan 2020 08:06 AM IST
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राजपथ पर इतिहास रचने वाली बेटियां
- फोटो : अमर उजाला
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भावना कस्तूरी
- फोटो : PTI
लेफ्टिनेंट भावना कस्तूरी
साल 2019 में पहली बार एक महिला अधिकारी लेफ्टिनेंट भावना कस्तूरी ने भारत सेना सेवा कोर के दस्ते की अगुवाई की थी। राजपथ पर जिस टुकड़ी का वह नेतृत्व कर रही थीं, उस मार्चिंग कंटिनजेंट में उनके अलावा कोई महिला जवान शामिल नहीं थी। भावना भारत के इतिहास में ऐसा करने वाली पहली महिला हैं।
साल 2019 में पहली बार एक महिला अधिकारी लेफ्टिनेंट भावना कस्तूरी ने भारत सेना सेवा कोर के दस्ते की अगुवाई की थी। राजपथ पर जिस टुकड़ी का वह नेतृत्व कर रही थीं, उस मार्चिंग कंटिनजेंट में उनके अलावा कोई महिला जवान शामिल नहीं थी। भावना भारत के इतिहास में ऐसा करने वाली पहली महिला हैं।
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खुशबू कंवर
मेजर खुशबू कंवर
एक बच्चे की मां मेजर खुशबू कंवर ने 26 जनवरी, 2019 को आसाम राइफल्स के कंटिनजेंट का नेतृत्व किया था। आसाम राइफल्स देश की सबसे पुरानी पैरामिलिट्री फोर्स है। 2019 में यह फोर्स पहली बार गणतंत्र दिवस के परेड में शामिल हुआ था और इसका नेतृत्व एक महिला अधिकारी ने किया था।
एक बच्चे की मां मेजर खुशबू कंवर ने 26 जनवरी, 2019 को आसाम राइफल्स के कंटिनजेंट का नेतृत्व किया था। आसाम राइफल्स देश की सबसे पुरानी पैरामिलिट्री फोर्स है। 2019 में यह फोर्स पहली बार गणतंत्र दिवस के परेड में शामिल हुआ था और इसका नेतृत्व एक महिला अधिकारी ने किया था।
शिखा सुरभी
कैप्टन शिखा सुरभी
रॉर्प्स ऑफ सिगनल्स की कैप्टन शिखा सुरभी ने अपनी टीम के साथियों के साथ गणतंत्र दिवस के मौके पर बाइक पर ऐसे स्टंट दिखाए थे कि लोगों ने दांतो तले उंगली दबा ली थी। स्टंट के बाद उन्होंने कहा था कि मैं परेड के डेयरडेविल सेगमेंट में हिस्सा लेने वाली पहली महिला हूं। स्टंट करने के लिए मुझे काफी प्रैक्टिस करनी पड़ी। मुझे अपनी इस उपलब्धि पर गर्व है। महिलाएं कुछ भी कर सकती हैं। 28 साल की महिला अधिकारी झारखंड के हजारीबाग से ताल्लुक रखती हैं
रॉर्प्स ऑफ सिगनल्स की कैप्टन शिखा सुरभी ने अपनी टीम के साथियों के साथ गणतंत्र दिवस के मौके पर बाइक पर ऐसे स्टंट दिखाए थे कि लोगों ने दांतो तले उंगली दबा ली थी। स्टंट के बाद उन्होंने कहा था कि मैं परेड के डेयरडेविल सेगमेंट में हिस्सा लेने वाली पहली महिला हूं। स्टंट करने के लिए मुझे काफी प्रैक्टिस करनी पड़ी। मुझे अपनी इस उपलब्धि पर गर्व है। महिलाएं कुछ भी कर सकती हैं। 28 साल की महिला अधिकारी झारखंड के हजारीबाग से ताल्लुक रखती हैं
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अंबिका सुधाकरन
- फोटो : PTI
लेफ्टिनेंट अंबिका सुधाकरन
70वें गणतंत्र दिवस पर लेफ्टिनेंट अंबिका सुधाकरन ने भारतीय नौसेना के कंटिनजेंट का नेतृत्व किया था। इस दस्ते में 144 युवा नाविक मौजूद थे। उन्होंने कहा था कि राष्ट्र की सेवा के लिए पुरुष और महिलाएं कंधे से कंधा मिलाकर चल रहे हैं।
70वें गणतंत्र दिवस पर लेफ्टिनेंट अंबिका सुधाकरन ने भारतीय नौसेना के कंटिनजेंट का नेतृत्व किया था। इस दस्ते में 144 युवा नाविक मौजूद थे। उन्होंने कहा था कि राष्ट्र की सेवा के लिए पुरुष और महिलाएं कंधे से कंधा मिलाकर चल रहे हैं।

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