जनजातीय जिला लाहौल-स्पीति और कुल्लू में बादल फटने के दूसरे दिन गुरुवार को 27 घंटों से रेस्क्यू अभियान जारी रहा। आईटीबीपी और बीआरओ के साथ अब मंडी से एनडीआरएफ की टीम ने मोर्चा संभाला है। दूसरे दिन रेस्क्यू ऑपरेशन में दोनों जिलों में लापता सात लोगों में से एक भी बरामद नहीं हुआ। पुलिस, अग्निशमन विभाग, स्थानीय लोगों को मिलाकर कुल 100 से अधिक लोग वीरवार सुबह 8 बजे से रेस्क्यू अभियान में जुटे हुए हैं। उधर, लाहौल के उदयपुर में सड़कों-पुलों के क्षतिग्रस्त होने से पर्यटकों समेत 185 लोग फंस गए हैं। उपायुक्त लाहौल नीरज कुमार ने इन्हें घाटी से बाहर निकालने के लिए प्रदेश सरकार से हेलीकाप्टर मांगा है। देर शाम मनाली-लेह, काजा-ग्रांफू मार्ग वाहनों के लिए बहाल हो गया है। लाहौल के तोंजिंग नाले, उदयपुर, जाहलमा के अलावा कुल्लू जिला के ब्रह्मगंगा नाले में दिनभर रेस्क्यू अभियान चलाया। पुलिस और स्थानीय लोगों ने पार्वती नदी के किनारे भुंतर से लेकर मणिकर्ण तक जगहों-जगहों पर लापता लोगों को तलाश किया। दोनों जिलों में बारिश से लोक निर्माण विभाग, जल शक्ति विभाग, बीआरओ को करोड़ों की क्षति हुई है। कुल्लू के नांगचा गांव में आधा किमी ऊंची पहाड़ी से पत्थर गिरने से तीन घरों को नुकसान हुआ है। प्रशासन ने गांव को खाली करा लिया है।
Himachal Flood: लाहौल की उदयपुर घाटी में पर्यटकों समेत फंसे 185 लोग, डीसी ने सरकार से मांगा हेलीकॉप्टर
अमर उजाला नेटवर्क, कुल्लू/केलांग/शिमला
Published by: अरविन्द ठाकुर
Updated Thu, 29 Jul 2021 09:06 PM IST
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