हिमाचल में तीन दिनों से जारी मूसलाधार बारिश के चलते जनजीवन पटरी से उतर गया है। जनजातीय जिला लाहौल के जाहलमा नाले में सोमवार को करीब सवा पांच बजे बादल फट गया। बादल फटने से सात सिंचाई कूहलें ध्वस्त हो गईं और लाखों रुपये का नुकसान हुआ है। वहीं प्रदेश के चंबा जिले की ग्राम पंचायत बनेट के प्रियुंगल के बिंदली नामक स्थान पर बादल फटने से पेयजल स्रोत तबाह हो गया । सूचना मिलते ही आईपीएच विभाग की टीम ने मौके का जायजा लिया। बिंदली में पेयजल स्रोत के तबाह होने से आईपीएच विभाग को चार लाख का नुक्सान हुआ है।
हिमाचल में बारिश से जनजीवन अस्त-व्यस्त, लाहौल-चंबा में बादल फटा
पेयजल स्रोत से चुवाड़ी कस्बे के लिए बिछाई गई पेयजल लाइन भी तहस-नहस हो गई। कनिष्ठ अभियंता मनोज शर्मा ने बताया जल स्रोत बादल फटने से तबाह हो गया है। आईपीएच विभाग को चार लाख की चपत लगी है। उन्होंने कहा कि मंगलवार तक पेयजल आपूर्ति को सुचारु करवा दिया जाएगा। 90 से अधिक सडकें बंद हो गई हैं। एचआरटीसी के सौ से अधिक रूट प्रभावित हुए हैं। बिलासपुर में दो मकान, कांगड़ा में एक घर और पुलिया ध्वस्त हो गई है।
सुंदरनगर में डंगा धंसने से जीप खाई में गिर गई, जिससे छह लोग और पांव फिसलने से दो लोग घायल हुए हैं। शिमला, भुंतर और गगल से हवाई सेवाएं रद्द रहीं। बड़ोग के समीप हेरिटेज रेल ट्रैक कालका-शिमला पर सुबह मलबा गिर गया। इससे एक घंटे तक ट्रैक बाधित रहा। बारिश से नदी-नाले उफान पर हैं। कई इलाकों में बिजली-पानी की सप्लाई ठप है। कई जगह बच्चे स्कूल नहीं जा पाए। सड़कें बंद होने से सेब सप्लाई पर संकट मंडराने लगा है। मौसम विज्ञान केंद्र शिमला ने मंगलवार को भी कई क्षेत्रों में भारी बारिश की चेतावनी दी है। प्रदेश में तापमान करीब 5 डिग्री सेल्सियस तक गिर गया।
हमीरपुर, मंडी, सिरमौर, कांगड़ा, शिमला और ऊना के कुछ क्षेत्रों में रविवार रात और सोमवार को भारी बारिश रिकार्ड हुई। राजधानी शिमला सहित प्रदेश के अधिकांश क्षेत्रों में सोमवार को दिन भर बारिश जारी रही। मंडी-पठानकोट एनएच गत शनिवार से लगातार बाधित है। वैकल्पिक मार्ग भी घोघरधार के पास चील का पेड़ गिरने से एक घंटा बाधित रहा। नाचन की एक दर्जन पंचायतों में बिजली गुल है। कांगड़ा जिले के उपमंडल नूरपुर के कंडवाल गांव में पानी घरों में घुस गया। उपमंडल स्वारघाट के तहत कैंचीमोड़-नयनादेवी सड़क मार्ग पर जनाली के समीप पहाड़ी से चट्टानें और भारी मात्रा में मलबा गिरने से सोमवार को करीब 4 घंटे तक यातायात बंद रहा।
भरमौर-चौबिया लिंक मार्ग डंगा गिर जाने से बंद हो गया। चंबा जिले में 35 प्रतिशत तक मक्की की फसल बरबाद हो गई है। कोटखाई में निहारी के पास भूस्खलन से मढ़ोल-शिमला, देवनगर-शिमला, रुईलधार-शिमला, गिलराड़ी से शिमला और सोलंग से शिमला दोपहर तक रूट बंद रहा। राष्ट्रीय उच्च मार्ग -5 रतनपुर के समीप पत्थर गिरने से दो घंटे यातायात बंद रहा। स्पीति उपमंडल के तहत शिचलिंग नाले में बाढ़ से एनएच-5 पर सड़क का एक किलोमीटर हिस्सा मलबे से भर गया। शिमला में दो दिन से हो रही बारिश से राजधानी से सटे दर्जन भर रूटों पर नौ घंटे तक यातायात ठप रहा।