Pradosh Vrat 2025: पंचांग के अनुसार हर महीने के शुक्ल और कृष्ण पक्ष की त्रयोदशी तिथि पर प्रदोष व्रत रखा जाता है, जिसे त्रयोदशी व्रत भी कहते हैं। इस दिन विशेष रूप से महादेव और शिव परिवार की पूजा की जाती है, जिसके प्रभाव से साधक की सभी समस्याएं समाप्त और जीवन में सुख-समृद्धि वास करती है।
धार्मिक ग्रंथों के अनुसार प्रदोष व्रत भोलेनाथ की कृपा पाने का दिन है। यदि इस तिथि पर उनका अभिषेक किया जाए, तो व्यक्ति के मन से सभी डर भय समाप्त होते हैं। इसके अलावा कुंडली में भी मन के कारक चंद्रमा की स्थिति मजबूत होती हैं।
इस बार 9 मई 2025 के दिन प्रदोष व्रत रखा जा रहा है, जो वैशाख माह के शुक्ल पक्ष की त्रयोदशी तिथि होगी। इस दिन हस्त नक्षत्र और वज्र योग का निर्माण हो रहा है, जिसपर बालव व कौलव करण का संयोग रहेगा। इस संयोग में महादेव की पूजा पूर्ण विधि से करने पर व्यक्ति को तनाव से मुक्ति, कर्ज से निजात, व्यापार में लाभ और प्रेम जीवन में शुभ समाचार प्राप्त होता है। ऐसे में आइए इस दिन की पूजा विधि को जानते हैं।
धार्मिक ग्रंथों के अनुसार प्रदोष व्रत भोलेनाथ की कृपा पाने का दिन है। यदि इस तिथि पर उनका अभिषेक किया जाए, तो व्यक्ति के मन से सभी डर भय समाप्त होते हैं। इसके अलावा कुंडली में भी मन के कारक चंद्रमा की स्थिति मजबूत होती हैं।
इस बार 9 मई 2025 के दिन प्रदोष व्रत रखा जा रहा है, जो वैशाख माह के शुक्ल पक्ष की त्रयोदशी तिथि होगी। इस दिन हस्त नक्षत्र और वज्र योग का निर्माण हो रहा है, जिसपर बालव व कौलव करण का संयोग रहेगा। इस संयोग में महादेव की पूजा पूर्ण विधि से करने पर व्यक्ति को तनाव से मुक्ति, कर्ज से निजात, व्यापार में लाभ और प्रेम जीवन में शुभ समाचार प्राप्त होता है। ऐसे में आइए इस दिन की पूजा विधि को जानते हैं।