Karwa Chauth Par Restaurant Me Khana Chahiye Ya Nahi: करवा चौथ हिंदू धर्म का एक अत्यंत महत्वपूर्ण व्रत माना जाता है, जिसे सुहागिन महिलाएं अपने पति की लंबी उम्र और सुखी वैवाहिक जीवन के लिए रखती हैं। यह व्रत पति-पत्नी के प्रेम, समर्पण और आस्था का प्रतीक है। इस दिन महिलाएं सूर्योदय से पहले व्रत का संकल्प लेती हैं और चंद्रोदय तक निर्जला उपवास रखती हैं। इस दिन शाम को विधि-विधान से पूजा और चांद को अर्घ्य देने का विधान है, जिसके बात पत्नी, पति के हाथों से जल ग्रहण करती हैं और व्रत का पारण करती हैं। इसके बाद पूरा परिवार पकवान आदि का आनंद लेता है। आजकल कई लोग व्रत खोलने के बाद रेस्टोरेंट में डिनर करने जाते हैं, लेकिन इस नई परंपरा पर कई सवाल उठते हैं। आइए जानते हैं ऐसा करना धार्मिक दृष्टि से कितना उचित है?
Karva Chauth Dinner: करवा चौथ के दिन रेस्टोरेंट में डिनर करना कितना सही है? जानें इसके परिणाम
Dinner In Restaurant On Karwa Chauth: आजकल कई लोग करवा चौथ व्रत खोलने के बाद रेस्टोरेंट में डिनर करने जाते हैं, लेकिन इस नई परंपरा पर कई सवाल उठते हैं। आइए जानते हैं ऐसा करना धार्मिक दृष्टि से कितना उचित है?


रेस्टोरेंट में डिनर करने को लेकर मान्यता
पारंपरिक रूप से करवा चौथ के दिन पूजा और घर में ही सात्विक भोजन करने को महत्व दिया गया है। इस व्रत में शुद्धता, पवित्रता और आत्मसंयम का पालन आवश्यक माना गया है। धर्मशास्त्रों के अनुसार इस दिन भोजन बनाने से लेकर उसे ग्रहण करने तक हर कार्य में शुद्धता का ध्यान रखा जाता है। ऐसे में घर का बना सात्विक भोजन ही शुभ माना जाता है। जबकि रेस्टोरेंट का भोजन तामसिक गुणों वाला होता है, जिसमें लहसुन, प्याज या मांसाहारी तत्व हो सकते हैं। ऐसे भोजन से व्रत का आध्यात्मिक प्रभाव कम हो सकता है।

धार्मिक दृष्टिकोण से इसके परिणाम
करवा चौथ व्रत में देवी पार्वती और भगवान शिव की आराधना की जाती है। मान्यता है कि इस दिन व्रत रखने वाली महिला देवी पार्वती की तरह अखंड सौभाग्यवती होने का आशीर्वाद प्राप्त करती है। इसीलिए व्रत के दिन और उसके बाद भी भोजन में पवित्रता बनाए रखना देवी की कृपा प्राप्त करने के लिए आवश्यक माना गया है।
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यदि व्रत खोलने के बाद रेस्टोरेंट में तामसिक भोजन किया जाए, तो यह व्रत की शुद्धता को भंग कर सकता है और व्रत का पूर्ण फल नहीं मिलता। इसलिए इस दिन घर में ही शुद्ध और सात्विक भोजन करने की सलाह दी जाती है।
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आध्यात्मिक दृष्टि से क्या है सही?
डिस्क्लेमर (अस्वीकरण): यहां दी गई जानकारी सामान्य मान्यताओं, ज्योतिष, पंचांग, धार्मिक ग्रंथों आदि पर आधारित है। यहां दी गई सूचना और तथ्यों की सटीकता, संपूर्णता के लिए अमर उजाला उत्तरदायी नहीं है।
धार्मिक मान्यता के अनुसार करवा चौथ जैसी पवित्र तिथि पर घर के वातावरण में परिवार के साथ सात्विक भोजन करना ही श्रेष्ठ है। ऐसा करने से प्रेम और एकता की भावना बढ़ती है और देवी पार्वती की कृपा भी बनी रहती है।
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