Yam Deep Jalane Ki Vidhi: नरक चतुर्दशी को अलग-अलग स्थानों पर छोटी दिवाली, रूप चौदस या छोटी दीपावली के नाम से भी जाना जाता है। यह पर्व दीपावली से एक दिन पहले मनाया जाता है। परंपरा के अनुसार इस दिन यम दीप जलाने की परंपरा होती है। हालांकि कुछ परिवारों में यम दीप धनतेरस की रात को भी जलाने का रिवाज है, जबकि कई लोग इसे दिवाली से एक दिन पहले जलाते हैं। ऐसे में आप अपने घर की प्रथा के अनुसार दीपक जला सकते हैं। यदि आपके घर में धनतेरस को यम दीप जलाने की परंपरा है, तो इसे 18 अक्तूबर की रात जलाएं और अगर आप इसे दीपावली से एक दिन पहले जलाते हैं, तो 19 अक्तूबर की शाम को यम दीप जलाना शुभ रहेगा।
Narak Chaturdashi 2025: नरक चतुर्दशी पर यम दीप जलाते समय न करें ये गलती, जानें इसकी विधि और शुभ समय
Narak Chaturdashi 2025: परंपरा के अनुसार दिवाली से एक दिन पहले यानी नरक चतुर्दशी के दिन यम दीप जलाने की परंपरा होती है। आइए जानते हैं यम का दीप जलाने के नियम और महत्व क्या है।


यम दीप जलाने का महत्व
पौराणिक मान्यताओं के अनुसार नरक चतुर्दशी की रात यमराज के नाम से दीपक जलाने से परिवार में अकाल मृत्यु का भय समाप्त होता है और घर से नकारात्मक ऊर्जा दूर होती है। यह दीप यमराज को समर्पित होता है, इसलिए इसे जलाते समय सही दिशा और नियमों का ध्यान रखना आवश्यक होता है।

यम दीपक जलाने के नियम और विधि
चौमुखी दीपक जलाएं
यम दीप हमेशा चार मुख वाला होना चाहिए और उसमें चार बातियां लगाई जाती हैं। चार दिशाओं में प्रकाश फैलाने वाला यह दीप जलाने से यम देवता प्रसन्न होते हैं और घर के सभी सदस्यों को दुर्घटनाओं व असमय मृत्यु से रक्षा प्रदान करता है।

सही दिशा और सामग्री
शास्त्रों में बताया गया है कि यम दीपक हमेशा दक्षिण दिशा में जलाना चाहिए क्योंकि यह दिशा यमराज की दिशा मानी जाती है। दीपक मिट्टी या आटे का बना होना शुभ होता है और इसे सरसों के तेल से जलाने की परंपरा है।
जलाएं 14 दीपक
नरक चतुर्दशी के दिन एक यम दीपक के साथ 14 अन्य दीपक भी जलाना अत्यंत मंगलकारी माना गया है। इन दीपों को घर के विभिन्न स्थानों पर जैसे, पूजाघर, रसोई, तुलसी के पास, मुख्य द्वार, पानी के स्थान, छत और बाथरूम में रखा जाता है। यह पूरे घर में सकारात्मक ऊर्जा और सुख-समृद्धि लाने का प्रतीक माने जाते हैं।

दीप रखने की विधि
यम दीप जलाने के बाद पहले उसे पूरे घर में घुमाएं, फिर उसे दक्षिण दिशा में घर के बाहर किसी साफ-सुथरे स्थान पर रख दें। इससे यमराज की कृपा प्राप्त होती है और परिवार की सुरक्षा का आशीर्वाद मिलता है।
डिस्क्लेमर (अस्वीकरण): यहां दी गई जानकारी सामान्य मान्यताओं, ज्योतिष, पंचांग, धार्मिक ग्रंथों आदि पर आधारित है। यहां दी गई सूचना और तथ्यों की सटीकता, संपूर्णता के लिए अमर उजाला उत्तरदायी नहीं है।
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