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जयपुर में दिवाली पूजन समय: प्रदोष काल में करें लक्ष्मी-गणेश आराधना, आज शाम 5:51 से शुरू होगा शुभ मुहूर्त
न्यूज डेस्क, अमर उजाला, जयपुर
Published by: हिमांशु प्रियदर्शी
Updated Mon, 20 Oct 2025 06:30 AM IST
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सार
Diwali Puja Time: जयपुर में दिवाली पूजन के लिए प्रदोष काल का समय शाम 5:51 से रात 8:23 बजे तक शुभ रहेगा। इस अवधि में लक्ष्मी-गणेश पूजन सर्वोत्तम माना गया है। ज्योतिषाचार्यों के अनुसार वृषभ और सिंह लग्न भी पूजन के लिए विशेष फलदायी रहेंगे।

दिवाली पूजा मुहूर्त
- फोटो : अमर उजाला
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विस्तार
इस बार दीपावली पर जयपुर में लक्ष्मी-गणेश पूजन के लिए प्रदोष काल का समय सबसे शुभ माना गया है। ज्योतिषाचार्य और संस्कृत विश्वविद्यालय के पूर्व कुलपति पंडित विनोद शास्त्री के अनुसार, इस वर्ष दिवाली पर प्रदोष काल का शुभ समय शाम 5:51 बजे से रात 8:23 बजे तक रहेगा। इस दौरान घर, दुकान और कार्यालयों में विधिपूर्वक पूजा करने से धन, सुख और समृद्धि की प्राप्ति होती है।

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प्रदोष काल में करें लक्ष्मी-गणेश पूजन
पंडित शास्त्री ने बताया कि लक्ष्मी पूजन का मुख्य मुहूर्त प्रदोष काल के भीतर ही आता है- शाम 7:08 से रात 8:18 बजे तक। इस अवधि में मां लक्ष्मी, भगवान गणेश और कुबेर की विधिवत आराधना करने से घर में धनवृद्धि और सौभाग्य का वास होता है। ज्योतिष शास्त्रों में कहा गया है कि अमावस्या की प्रदोष वेला में दीपदान और लक्ष्मी पूजन करने से विशेष पुण्यफल प्राप्त होता है।
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वृषभ और सिंह लग्न भी शुभ संयोग
ज्योतिषीय गणना के अनुसार, इस बार वृषभ लग्न, जो लक्ष्मी पूजन के लिए अत्यंत शुभ माना जाता है, रात 7:18 से 9:15 बजे तक रहेगा। वहीं, सिंह लग्न, जो रात्रिकालीन या मध्यरात्रि पूजन के लिए उपयुक्त है, रात 1:48 से सुबह 4:05 तक प्रभावी रहेगा। पंडित शास्त्री ने बताया कि जो लोग प्रदोष काल में पूजन नहीं कर पाते, वे सिंह लग्न में भी पूजा कर सकते हैं। मध्यरात्रि में लक्ष्मी पूजन करने से भी समान फल प्राप्त होता है।
जयपुर के बाजारों में दिवाली की रौनक
उधर, जयपुर शहर के बाजारों में दिवाली की तैयारी और उत्साह चरम पर है। जौहरी बाजार, त्रिपोलिया, राजापार्क, मालवीय नगर और वैशाली नगर जैसे इलाकों में रंग-बिरंगी रोशनी और खरीदारी की चहल-पहल है।
लोग पूजा सामग्री, दीपक, लक्ष्मी-गणेश प्रतिमा, मिठाइयां और उपहार खरीदने में व्यस्त हैं। दुकानों और घरों को सजा दिया गया है और पूरे शहर में दीपोत्सव का उल्लास नजर आ रहा है।
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अस्वीकरण: यह जानकारी धार्मिक मान्यताओं और पंचांग गणनाओं पर आधारित है। amarujala.com इनमें से किसी भी मान्यता की पुष्टि नहीं करता।