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Pitru Paksha 2024: शुरू होने वाले हैं पितृ पक्ष, जानें कितने प्रकार के होते हैं पितर
धर्म डेस्क, अमर उजाला, नई दिल्ली
Published by: श्वेता सिंह
Updated Fri, 13 Sep 2024 11:32 AM IST
Pitru Paksha 2022 Date and Time: पितृ पक्ष की शुरुआत हर साल भाद्रपद माह के शुक्ल पक्ष की पूर्णिमा से होती है। तर्पण, श्राद्ध, पिंडदान आदि। पितृ पक्ष के 15-16 दिनों के बाद पितरों के सम्मान में तर्पण, श्राद्ध, पिंडदान आदि किया जाता है। धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, पितृ पक्ष के दौरान पितर पृथ्वी पर आते हैं। तर्पण, श्राद्ध आदि सभी प्रसन्न या असंतुष्ट पितरों के लिए किया जाता है। पितृ दोष से पीड़ित लोग पितृ पक्ष के दौरान इससे छुटकारा पाने के उपाय भी कर सकते हैं। पितृ पक्ष में तर्पण, श्राद्ध आदि की 16 तिथियां होती हैं। प्रत्येक पूर्वज की अपनी-अपनी निश्चित तिथि होती है जिस दिन उनके लिए तर्पण, श्राद्ध आदि किया जाएगा। जिनकी मृत्यु की तारीख अज्ञात होती है उनके लिए भी अमावस्या की तिथि तर्पण के लिए शुभ मानी जाती है। आइए जानते हैं कि पितृ पक्ष कब है और कितने परकर पितर होते हैं।
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पितृ पक्ष 2024
- फोटो : adobe stock
2024 में श्राद्ध पक्ष कब है?
इस वर्ष का पितृ पक्ष 17 सितंबर को भाद्रपद पूर्णिमा तिथि से शुरू हो रहा है। इस दिन श्राद्ध पूर्णिमा रहेगी। पितृ पक्ष 2 अक्टूबर को सर्व पितृ अमावस्या या आश्विन अमावस्या के दिन समाप्त होता है।
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पितृपक्ष 2024
- फोटो : adobe stock
श्राद्ध मुहूर्त
हिंदू पंचांग के अनुसार, भाद्रपद माह की पूर्णिमा तिथि का आरंभ 17 सितंबर को प्रातः 11 बजकर 44 मिनट से शुरू होगा। पूर्णिमा तिथि का समापन 18 सितंबर को सुबह 8 बजकर 4 मिनट पर होगा। श्राद्ध संपन्न करने के लिए कुतुप, रौहिण मुहूर्त अच्छा माना गया है।
कुतुप मूहूर्त - प्रातः 11:51 से दोपहर 12:40
रौहिण मूहूर्त - दोपहर 12:40 से 13:29
अपराह्न काल - 13:29 से 15:56
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Pitru Paksha
- फोटो : Amar Ujala
श्राद्ध की प्रमुख तिथियां
पितृ पक्ष प्रारंभ, पूर्णिमा का श्राद्ध- 17 सितंबर
प्रतिपदा तिथि का श्राद्ध (पितृपक्ष आरंभ)- 18 सितंबर
द्वितीया तिथि का श्राद्ध- 19 सितंबर
तृतीया तिथि का श्राद्ध- 20 सितंबर
चतुर्थी तिथि का श्राद्ध- 21 सितंबर
पंचमी तिथि का श्राद्ध- 22 सितंबर
षष्ठी और सप्तमी तिथि का श्राद्ध- 23 सितंबर
अष्टमी तिथि का श्राद्ध- 24 सितंबर
नवमी तिथि का श्राद्ध- 25 सितंबर
दशमी तिथि का श्राद्ध- 26 सितंबर
एकादशी तिथि का श्राद्ध- 27 सितंबर
द्वादशी तिथि का श्राद्ध- 29 सितंबर
त्रयोदशी तिथि का श्राद्ध- 30 सितंबर
चतुर्दशी तिथि का श्राद्ध- 1 अक्टूबर
सर्व पितृ अमावस्या, पितृ पक्ष समाप्त- 2 अक्टूबर
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पितृ पक्ष 2024
- फोटो : freepik
कितने प्रकार के होते हैं पितर ?
शास्त्रों के अनुसार चंद्रमा के ऊपर एक और लोक है, जिसे पितरों का लोक माना जाता है। पुराणों के अनुसार पितरों को दो भागों में बांटा गया है। एक हैं दिव्य पितर और दूसरे हैं मनुष्य पितर। दिव्य पितर मनुष्य और जीवित प्राणियों के कर्मों के आधार पर उनका न्याय करते हैं। अर्यमा को पितरों का मुखिया माना जाता है और उनके न्यायाधीश यमराज हैं।
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