सब्सक्राइब करें

Sundarkand Path Ke Niyam: इस विधि से करें सुंदरकांड का पाठ, हनुमान जी की कृपा से बनेंगे सभी बिगड़े काम

धर्म डेस्क, अमर उजाला, नई दिल्ली Published by: आशिकी पटेल Updated Tue, 06 Jun 2023 01:23 PM IST
सार


 

विज्ञापन
Sundarkand Path Ke Niyam How to Read Sundarkand on Tuesday Mangalwar Ke Upay in Hindi
1 of 5
सुंदरकांड पाठ के लाभ और नियम - फोटो : iStock
loader
Sundarkand Path Ke Niyam aur Labh: महाबली हनुमान कलयुग में एक मात्र ऐसे जागृत और साक्षात देवता हैं, जिनके सामने कोई भी मायावी शक्ति नहीं टिक पाती है। इनकी कृपा से बड़े से बड़ा संकट भी टल जाता है, इसलिए हनुमान जी को संकट मोचन भी कहा जाता है। आठों सिद्धियों और नौ निधियों के दाता की कृपा पाने के लिए सुंदरकांड का पाठ करना भी बेहद उत्तम माना जाता है। सुंदरकांड तुलसीदास जी रचित श्रीरामचरितमानस का वह हिस्सा है, जिसमें भगवान हनुमान की अपार महिमा बताई गई है। सुंदरकांड के पाठ से महाबली हनुमान जल्द प्रसन्न होते हैं। हालांकि इसका का पाठ करने के लिए कुछ जरूरी नियम भी बताए गए हैं, जिनका पालन करना बहुत जरूरी होता है। आइए जानते हैं सुंदरकांड के लाभ और नियम...

Good Luck Sign: अच्छे दिन आने से पहले मिलते हैं ये संकेत, आपको भी मिले तो समझिए खुलने वाली है किस्मत 

 
Trending Videos
Sundarkand Path Ke Niyam How to Read Sundarkand on Tuesday Mangalwar Ke Upay in Hindi
2 of 5
सुंदरकांड पाठ के लाभ और नियम - फोटो : iStock
सुंदरकांड पाठ के लाभ 
सुंदरकांड में हनुमान जी की अपार महिमा का वर्णन किया गया है। इस कांड का पाठ करने से मनुष्य को भय से मुक्ति मिलती है और आत्मविश्वास मजबूत होता है। साथ ही हनुमान जी की कृपा शीघ्र प्राप्त होती है।

 
विज्ञापन
Sundarkand Path Ke Niyam How to Read Sundarkand on Tuesday Mangalwar Ke Upay in Hindi
3 of 5
सुंदरकांड पाठ के लाभ और नियम - फोटो : iStock
सुंदरकांड में माता सीता की खोज को लेकर हनुमान जी की सफलता का वर्णन है, इसलिए सफलता प्राप्ति के लिए भी इस कांड का पाठ किया जाता है। सुंदरकांड का पाठ करने से बिगड़ते हुए काम भी बनने लगते हैं। विपरीत स्थितियों में भी सुंदर कांड के पाठ से लाभ होता है। 

Chanakya Niti: इस तरह कमाए हुए धन से व्यक्ति हो जाता है कंगाल, दरिद्रता नहीं छोड़ती कभी पीछा 
Sundarkand Path Ke Niyam How to Read Sundarkand on Tuesday Mangalwar Ke Upay in Hindi
4 of 5
सुंदरकांड पाठ के लाभ और नियम - फोटो : iStock
सुंदरकांड पाठ के नियम
सुंदरकांड का पाठ ब्रह्म मुहूर्त या संध्या के समय करना चाहिए। 
इसका पाठ दोपहर में नहीं करना चाहिए। 
सुंदरकांड के बीच में नहीं उठना चाहिए और न ही किसी से बातचीत करनी चाहिए।
ब्रह्मचर्य का पालन करें। खाने में तामसिक चीजों का प्रयोग न करें। 
विज्ञापन
Sundarkand Path Ke Niyam How to Read Sundarkand on Tuesday Mangalwar Ke Upay in Hindi
5 of 5
सुंदरकांड पाठ के लाभ और नियम - फोटो : iStock
सुंदरकांड के पाठ की विधि
  • सुंदरकांड का पाठ करने के लिए एक स्वच्छ स्थान पर पटरी लेकर उस पर हनुमान जी की प्रतिमा या तस्वीर को स्थापित करें। 
  • हनुमान जी को पुष्प आदि चढ़ाएं। 
  • उसके बाद गणेश जी भगवान श्री राम, हनुमान जी और शिव जी का ध्यान करके आवाहन करें। 
  • चमेली के तेल में सिंदूर मिलाकर हनुमान जी का तिलक करें। 
  • फिर हनुमान जी के चरणों में पीपल के सात पत्ते रखें। 
  • हनुमान जी के समक्ष दीपक प्रज्वलित करें। ये दीपक पूरे सुंदरकांड पाठ के समय जलते रहना चाहिए। 
  • तत्पश्चात पाठ आरंभ कर दें। 
  • पाठ के समापन के बाद हनुमान जी और राम जी की आरती करें उनको बूंदी या फिर गुड़ चना का भोग लगाकर लोगों में वितरित करें।  
विज्ञापन
अगली फोटो गैलरी देखें
सबसे विश्वसनीय हिंदी न्यूज़ वेबसाइट अमर उजाला पर पढ़ें आस्था समाचार से जुड़ी ब्रेकिंग अपडेट। आस्था जगत की अन्य खबरें जैसे पॉज़िटिव लाइफ़ फैक्ट्स,स्वास्थ्य संबंधी सभी धर्म और त्योहार आदि से संबंधित ब्रेकिंग न्यूज़।
 
रहें हर खबर से अपडेट, डाउनलोड करें अमर उजाला हिंदी न्यूज़ APP अपने मोबाइल पर।
Amar Ujala Android Hindi News APP Amar Ujala iOS Hindi News APP
विज्ञापन
विज्ञापन

एड फ्री अनुभव के लिए अमर उजाला प्रीमियम सब्सक्राइब करें

Next Article

एप में पढ़ें

Followed