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दुनिया के वो खेल, जो थका कर शरीर से जान निकाल देते हैं
टीम डिजिटल/ अमर उजाला, दिल्ली
Updated Wed, 09 Nov 2016 10:02 PM IST
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एथलीट
शारीरिक क्षमता के प्रयोग से खेले जाने वाले सभी खेलों में मासपेशियों का भरपूर इस्तेमाल होता है। इसी के चलते सभी प्रोफेशनल खिलाड़ियों का शरीर अक्सर जरूरत से ज्यादा थक जाता है। हर खेल में एक समान शारीरिक थकावट नहीं होती। वो इसलिए क्योंकि हर खेल की समय सीमा, अंतराल और गति सब एक दूसरे से अलग होते हैं। आपको बताते हैं उन खेलों का पूरा हिसाब-किताब जो विज्ञान के अनुसार सबसे ज्यादा थकाने वाले हैं:
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दुनिया के वो खेल, जो थका कर शरीर से जान निकाल देते हैं
नौकायन
नौकायन
नौकायन बेहद थकाने वाला खेल है। एक ही जगह पर एक ही अवस्था में बहुत देर तक बैठा रहना पड़े, तो आपको किस तरह की थकान होगी। नौकायन में कुछ ऐसा ही होता है। ओलंपिक के मुख्य खेलों में से एक नौकायन में हाथों की मासपेशियों से लेकर पैर की ऊंगलियों तक की जम कर कसरत हो जाती है। इस खेल में जिस तेजी से हाथों से पानी में चप्पू चलाना होता है, उसी लय में पैरों और शरीर के पीछे के हिस्सों को भी चलाना पड़ता है।
नौकायन के खेल में सबसे ज्यादा पैरों के बल का इस्तेमाल होता है। इसमें 60 प्रतिशत तक पैरों की ताकत ही काम आती है। इसके आलावा इस खेल में फैंफड़ें काफी सिकुड़ते हैं जिसके चलते खिलाड़ी को अपनी सांस पर नियंत्रण बैठाना पड़ता है।
समय - 8 मिनट (औसतन ओलंपिक के लिए)
नौकायन बेहद थकाने वाला खेल है। एक ही जगह पर एक ही अवस्था में बहुत देर तक बैठा रहना पड़े, तो आपको किस तरह की थकान होगी। नौकायन में कुछ ऐसा ही होता है। ओलंपिक के मुख्य खेलों में से एक नौकायन में हाथों की मासपेशियों से लेकर पैर की ऊंगलियों तक की जम कर कसरत हो जाती है। इस खेल में जिस तेजी से हाथों से पानी में चप्पू चलाना होता है, उसी लय में पैरों और शरीर के पीछे के हिस्सों को भी चलाना पड़ता है।
नौकायन के खेल में सबसे ज्यादा पैरों के बल का इस्तेमाल होता है। इसमें 60 प्रतिशत तक पैरों की ताकत ही काम आती है। इसके आलावा इस खेल में फैंफड़ें काफी सिकुड़ते हैं जिसके चलते खिलाड़ी को अपनी सांस पर नियंत्रण बैठाना पड़ता है।
समय - 8 मिनट (औसतन ओलंपिक के लिए)
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दुनिया के वो खेल, जो थका कर शरीर से जान निकाल देते हैं
बास्केटबॉल
बास्केटबॉल
बास्केटबॉल का खेल जितना तेज है उतना ही थकाने वाला भी है। बास्केटबॉल का कोर्ट भले ही 28 मीटर लंबा होता है, लेकिन खिलाड़ी इस दूरी को इतनी बार दौड़कर और कूदकर पूरा करते हैं जो आपके शरीर को निचोड़ देता है।
देखने वाले के लिए बास्केटबॉल आनंद होता है, लेकिन खिलाड़ियों के लिए यही ये बेहद थकाने वाला है। इस खेल में समय-समय पर खिलाड़ी को बहुत तेज दौड़ना है, लंबी छलांग लगानी है, कूद कर बास्केट करनी है और साथ ही अपने विपक्षी खिलाड़ी को रोकना भी है। बास्केटबॉल में शरीर के हर हिस्से की जम कर कसरत होती है। ये खेल जितना थकाने वाला है उससे भी ज्यादा थकाने वाली है इसके खिलाड़ियों की ट्रेनिंग।
समय - 40 मिनट
बास्केटबॉल का खेल जितना तेज है उतना ही थकाने वाला भी है। बास्केटबॉल का कोर्ट भले ही 28 मीटर लंबा होता है, लेकिन खिलाड़ी इस दूरी को इतनी बार दौड़कर और कूदकर पूरा करते हैं जो आपके शरीर को निचोड़ देता है।
देखने वाले के लिए बास्केटबॉल आनंद होता है, लेकिन खिलाड़ियों के लिए यही ये बेहद थकाने वाला है। इस खेल में समय-समय पर खिलाड़ी को बहुत तेज दौड़ना है, लंबी छलांग लगानी है, कूद कर बास्केट करनी है और साथ ही अपने विपक्षी खिलाड़ी को रोकना भी है। बास्केटबॉल में शरीर के हर हिस्से की जम कर कसरत होती है। ये खेल जितना थकाने वाला है उससे भी ज्यादा थकाने वाली है इसके खिलाड़ियों की ट्रेनिंग।
समय - 40 मिनट
दुनिया के वो खेल, जो थका कर शरीर से जान निकाल देते हैं
बॉक्सिंग
- फोटो : Timior
बॉक्सिंग
बॉक्सिंग में एक खिलाड़ी को पंच करना भी है और पंच खाना भी है। एक मुक्केबाज के लिए उसकी पंच करने के कला के साथ उसका स्टैमिना भी शानदार होना चाहिए। ऐसा इसलिए क्योंकि खिलाड़ी को हर समय रिंग में घूमते रहना है और लगातार तेजी से वार भी करना है। इस खेल में चोट लगने के कोई सीमा नहीं है।
12 रोउंड के इस खेल में शरीर का ऊपरी हिस्सा भरपूर ताकत के लिए काम आता है वहीं निचला हिस्सा चुस्ती-फुर्ती में सहयोग देता है। अगर आप मुक्केबाजी खेल को चुनना चाहते हैं तो थक कर चूर होने, गंभीर रूप से चोटिल होने और हर किस्म की कसरत करने के लिए तैयार हो जाइए।
समय - 32 मिनट
बॉक्सिंग में एक खिलाड़ी को पंच करना भी है और पंच खाना भी है। एक मुक्केबाज के लिए उसकी पंच करने के कला के साथ उसका स्टैमिना भी शानदार होना चाहिए। ऐसा इसलिए क्योंकि खिलाड़ी को हर समय रिंग में घूमते रहना है और लगातार तेजी से वार भी करना है। इस खेल में चोट लगने के कोई सीमा नहीं है।
12 रोउंड के इस खेल में शरीर का ऊपरी हिस्सा भरपूर ताकत के लिए काम आता है वहीं निचला हिस्सा चुस्ती-फुर्ती में सहयोग देता है। अगर आप मुक्केबाजी खेल को चुनना चाहते हैं तो थक कर चूर होने, गंभीर रूप से चोटिल होने और हर किस्म की कसरत करने के लिए तैयार हो जाइए।
समय - 32 मिनट
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दुनिया के वो खेल, जो थका कर शरीर से जान निकाल देते हैं
आइस हॉकी
आइस हॉकी
यह खेल दुनिया टीम खेलों में से सबसे तेज माना जाता है। जाहिर सी बात है इसमें थकान भी काफी अधिक होती है। आइस हॉकी के 60 मिनट के खेल में एक खिलाड़ी औतसन आधे समय तक भी मैच में नहीं खेल पाता हर गेम में खिलाड़ियों को हर एक से डेढ़ मिनट में दूसरे खिलाड़ी से बदल दिया जाता है।
इस खेल में टीम को कुल 20 खिलाड़ी शामिल करने पड़ते हैं। इसमें खिलाड़ियों को बर्फ के कोर्ट के ऊपर पूरी तेजी से भागना होता है। सिर्फ भागना ही नहीं, बल्कि तेजी से फिसल रही गेंद पर भी ध्यान देते हुए पास करना होता है। आइस हॉकी ‘दौड़ने-रुकने-फिर दौड़ने’ की इस लगातार क्रिया के कारण ही एक मिनट के अंतराल में एक खिलाड़ी को बूरी तरह थकाने वाला एकमात्र खेल है।
समय - 60 मिनट
यह खेल दुनिया टीम खेलों में से सबसे तेज माना जाता है। जाहिर सी बात है इसमें थकान भी काफी अधिक होती है। आइस हॉकी के 60 मिनट के खेल में एक खिलाड़ी औतसन आधे समय तक भी मैच में नहीं खेल पाता हर गेम में खिलाड़ियों को हर एक से डेढ़ मिनट में दूसरे खिलाड़ी से बदल दिया जाता है।
इस खेल में टीम को कुल 20 खिलाड़ी शामिल करने पड़ते हैं। इसमें खिलाड़ियों को बर्फ के कोर्ट के ऊपर पूरी तेजी से भागना होता है। सिर्फ भागना ही नहीं, बल्कि तेजी से फिसल रही गेंद पर भी ध्यान देते हुए पास करना होता है। आइस हॉकी ‘दौड़ने-रुकने-फिर दौड़ने’ की इस लगातार क्रिया के कारण ही एक मिनट के अंतराल में एक खिलाड़ी को बूरी तरह थकाने वाला एकमात्र खेल है।
समय - 60 मिनट