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क्यू-स्टिक से बदली किस्मत: अनुपमा रामचंद्रन बनीं भारत की पहली महिला स्नूकर विश्व चैंपियन, पढ़ें उनकी कहानी
स्पोर्ट्स डेस्क, अमर उजाला, नई दिल्ली
Published by: स्वप्निल शशांक
Updated Mon, 24 Nov 2025 12:40 PM IST
सार
अनुपमा की जीत सिर्फ एक खिताब नहीं, बल्कि एक संदेश है। अनुपमा ने दिखाया कि प्रतिभा, मेहनत और विश्वास मिल जाएं…तो इतिहास बदल जाता है।
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अनुपमा रामचंद्रन
- फोटो : Twitter
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विस्तार
23 वर्षीय तमिलनाडु की खिलाड़ी अनुपमा रामचंद्रन ने भारतीय खेल इतिहास में सुनहरा अध्याय जोड़ दिया है। उन्होंने हांगकांग की तीन बार की विश्व चैंपियन ऑन यी को हराकर आईबीएसएफ वर्ल्ड स्नूकर (15-रेड) चैंपियनशिप 2025 जीत ली। यह उपलब्धि इसलिए खास है क्योंकि भारत ने महिला श्रेणी में पहली बार विश्व स्नूकर खिताब पर कब्ज़ा किया है।
फाइनल बेहद रोमांचक रहा और अनुपमा ने मुकाबला 3-2 से जीता। निर्णायक फ्रेम में उनका भाग्य भी उनके साथ था। 60-61 के स्कोर पर ऑन यी अंतिम ब्लैक लगाकर जीत सकती थीं, लेकिन उनका शॉट चूक गया और अनुपमा ने यह मौका भुनाते हुए भारत के नाम इतिहास लिख दिया।
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फाइनल बेहद रोमांचक रहा और अनुपमा ने मुकाबला 3-2 से जीता। निर्णायक फ्रेम में उनका भाग्य भी उनके साथ था। 60-61 के स्कोर पर ऑन यी अंतिम ब्लैक लगाकर जीत सकती थीं, लेकिन उनका शॉट चूक गया और अनुपमा ने यह मौका भुनाते हुए भारत के नाम इतिहास लिख दिया।
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अनुपमा रामचंद्रन कौन हैं?
अनुपमा का जन्म 19 मई 2002 को चेन्नई में हुआ। उनका स्नूकर करियर किसी प्लानिंग से नहीं, बल्कि एक संयोग से शुरू हुआ। सिर्फ 13 साल की उम्र में वे गर्मियों की छुट्टियों में मायलापुर क्लब में एक बिलियर्ड्स वर्कशॉप में पहुंचीं और वहीं से उनकी प्रतिभा की चमक दिखाई देने लगी। क्लब के कोचों और परिवार ने समझ लिया था कि यह बच्ची इस खेल के लिए बनी है। दो साल बाद, मात्र 15 वर्ष की आयु में, उन्होंने प्रतिस्पर्धात्मक स्नूकर खेलना शुरू किया।
अनुपमा का जन्म 19 मई 2002 को चेन्नई में हुआ। उनका स्नूकर करियर किसी प्लानिंग से नहीं, बल्कि एक संयोग से शुरू हुआ। सिर्फ 13 साल की उम्र में वे गर्मियों की छुट्टियों में मायलापुर क्लब में एक बिलियर्ड्स वर्कशॉप में पहुंचीं और वहीं से उनकी प्रतिभा की चमक दिखाई देने लगी। क्लब के कोचों और परिवार ने समझ लिया था कि यह बच्ची इस खेल के लिए बनी है। दो साल बाद, मात्र 15 वर्ष की आयु में, उन्होंने प्रतिस्पर्धात्मक स्नूकर खेलना शुरू किया।
पढ़ाई और खेल में संतुलन
अनुपमा ने विद्या मंदिर सीनियर सेकेंडरी स्कूल में पढ़ाई की और इस समय एमओपी वैष्णव कॉलेज फॉर वुमन से पब्लिक पॉलिसी में पोस्टग्रेजुएशन कर रही हैं। खेल और पढ़ाई के बीच संतुलन बनाना आसान नहीं, लेकिन अनुपमा इस चुनौती को बखूबी निभा रही हैं। ये उनकी अनुशासन, मानसिक शक्ति और समर्पण का प्रमाण है।
अनुपमा ने विद्या मंदिर सीनियर सेकेंडरी स्कूल में पढ़ाई की और इस समय एमओपी वैष्णव कॉलेज फॉर वुमन से पब्लिक पॉलिसी में पोस्टग्रेजुएशन कर रही हैं। खेल और पढ़ाई के बीच संतुलन बनाना आसान नहीं, लेकिन अनुपमा इस चुनौती को बखूबी निभा रही हैं। ये उनकी अनुशासन, मानसिक शक्ति और समर्पण का प्रमाण है।
कोचिंग, सफर और उपलब्धियां
उनके कोच और मामा के. नारायणन उनकी खेल तकनीक, मानसिक मजबूती और रणनीति को गाइड करते हैं। अब तक वह आठ राष्ट्रीय जूनियर खिताब जीत चुकी हैं। 2017 में रूस में वह वर्ल्ड अंडर-16 स्नूकर चैंपियन बनीं। 2023 में आमी कमानी के साथ वर्ल्ड स्नूकर कप जीता। 2023 में ही वह वर्ल्ड अंडर-21 स्नूकर चैंपियन बनीं। 2024 यूएस विमेंस ओपन में रनर-अप रहीं। मार्च 2025 में अनुपमा विश्व रैंकिंग में नंबर छह तक पहुंच चुकी थीं और अब यह खिताब उनके करियर को नई ऊंचाइयों पर ले जाने वाला है।
उनके कोच और मामा के. नारायणन उनकी खेल तकनीक, मानसिक मजबूती और रणनीति को गाइड करते हैं। अब तक वह आठ राष्ट्रीय जूनियर खिताब जीत चुकी हैं। 2017 में रूस में वह वर्ल्ड अंडर-16 स्नूकर चैंपियन बनीं। 2023 में आमी कमानी के साथ वर्ल्ड स्नूकर कप जीता। 2023 में ही वह वर्ल्ड अंडर-21 स्नूकर चैंपियन बनीं। 2024 यूएस विमेंस ओपन में रनर-अप रहीं। मार्च 2025 में अनुपमा विश्व रैंकिंग में नंबर छह तक पहुंच चुकी थीं और अब यह खिताब उनके करियर को नई ऊंचाइयों पर ले जाने वाला है।