सब्सक्राइब करें

TV: भारत में टीवी के सुनहरे दौर का अंत? 6 साल में 4 करोड़ घरों ने छोड़ा केबल और डिश कनेक्शन

टेक डेस्क, अमर उजाला, नई दिल्ली Published by: नीतीश कुमार Updated Tue, 30 Dec 2025 12:39 PM IST
सार

TV Viewership Decline In India: भारत में पारंपरिक टीवी का दौर अब ढलान पर है। पिछले छह वर्षों में करीब 4 करोड़ परिवारों ने अपना पेड टीवी कनेक्शन कटवा दिया है। दर्शक अब बंधे-बधाए समय वाले टीवी के बजाय अपनी पसंद के अनुसार इंटरनेट, ओटीटी (OTT) और फ्री डिश का रुख कर रहे हैं।

विज्ञापन
decline of cable dth paid tv in india loses 4 crore viewers in six years
टीवी देखने वाले हुए कम - फोटो : AI जनरेटेड
दशकों तक टेलीविजन भारत में सूचना और मनोरंजन का सबसे बड़ा जरिया रहा है। लेकिन अब इसकी पकड़ ढीली पड़ती दिख रही है। ताजा रिपोर्टों के अनुसार, भारत में केवल पिछले छह वर्षों में ही लगभग 4 करोड़ घरों ने पैसे देकर देखे जाने वाले टीवी चैनल यानी केबल टीवी या डीटीएच (DTH) बंद करवा दिए हैं। लोग अब स्क्रीन तो देख रहे हैं, लेकिन वह स्क्रीन केबल या डिश से नहीं, बल्कि इंटरनेट या फ्री-टू-एयर विकल्पों से जुड़ी है।


डिजिटल ओनली दर्शकों की बढ़ती फौज
कांतार की 'मीडिया कंपास रिपोर्ट 2025' के अनुसार, मार्च 2025 में टीवी देखने वालों की संख्या 70.5 करोड़ थी, जो सितंबर आते-आते घटकर 68.9 करोड़ रह गई। सबसे चौंकाने वाली बात यह है कि देश के 31.3 करोड़ लोग (करीब 26% वयस्क आबादी) अब केवल डिजिटल दर्शक बन चुके हैं। यानी ये लोग इंटरनेट तो चलाते हैं, लेकिन टीवी पर आने वाले चैनल बिल्कुल नहीं देखते। दिलचस्प बात यह है कि इनमें से हर 4 में से 3 दर्शक ग्रामीण इलाकों से हैं, जिसे कभी टीवी का सबसे मजबूत गढ़ माना जाता था।
Trending Videos
decline of cable dth paid tv in india loses 4 crore viewers in six years
DTH - फोटो : AI जनरेटेड
क्यों पिछड़ रहे DTH और केबल टीवी?
इंडस्ट्री एक्सपर्ट्स का कहना है कि यह बदलाव दो वजहों से हो रहा है। अमीर और शहरी परिवार OTT प्लेटफॉर्म्स की तरफ बढ़ रहे हैं। दूसरी ओर, बजट का ख्याल रखने वाले मध्यम और निम्न आय वर्ग के लोग महंगे केबल बिल से बचने के लिए डीडी फ्री डिश का सहारा ले रहे हैं। क्रिसिल रेटिंग्स के मुताबिक, निजी DTH ऑपरेटर्स के ग्राहकों की संख्या 2019 में 7.2 करोड़ थी, जिसके 2026 तक घटकर 5.1 करोड़ से भी कम रह जाने का अनुमान है।
विज्ञापन
विज्ञापन
decline of cable dth paid tv in india loses 4 crore viewers in six years
टेलीविजन - फोटो : AI जनरेटेड
कमाई में पहली बार पिछड़ा टीवी
साल 2024 भारतीय मीडिया इतिहास में एक बड़ा मोड़ लेकर आया। पहली बार डिजिटल मीडिया से होने वाली विज्ञापन कमाई ने टेलीविजन को पीछे छोड़ दिया। ब्रांड्स अब अपना पैसा उन प्लेटफॉर्म्स पर लगा रहे हैं जहां उन्हें पता चलता है कि कितने लोगों ने उनका विज्ञापन देखा और कितने सामान खरीदे। ट्रेडिशनल टीवी में यह मापना मुश्किल होता है, इसलिए ई-कॉमर्स और कनेक्टेड टीवी विज्ञापनों में भारी उछाल आया है।
decline of cable dth paid tv in india loses 4 crore viewers in six years
सांकेतिक तस्वीर - फोटो : फ्रीपिक
नौकरियों और चैनलों पर संकट के बादल
केबल टीवी की इस सुस्ती का सीधा असर रोजगार पर पड़ा है। 2018 से 2025 के बीच केबल टीवी के डिस्ट्रीब्यूशन से जुड़ी लगभग 5.7 लाख नौकरियां खत्म हो गई हैं। चैनल चलाने वाली कंपनियां भी अब घाटे में चल रहे चैनल बंद कर रही हैं। मार्च 2025 में ही जियोस्टार ने घाटे के चलते कॉमेडी सेंट्रल और MTV बीट्स जैसे 11 चैनल बंद कर दिए।
विज्ञापन
decline of cable dth paid tv in india loses 4 crore viewers in six years
ओटीटी एप्स - फोटो : अमर उजाला
क्या टीवी पूरी तरह खत्म हो जाएगा?
एक्सपर्ट्स का मानना है कि टीवी पूरी तरह खत्म नहीं होगा, बस इसका रूप बदल जाएगा। क्षेत्रीय चैनलों की पकड़ अब भी मजबूत है क्योंकि उनकी सांस्कृतिक जड़ें गहरी हैं। साथ ही, इंटरनेट आधारित टीवी (IPTV) और ओटीटी एप्स का चलन बढ़ रहा है। टीवी अब रेडियो की तरह अपनी एक खास जगह बनाकर तो रहेगा, लेकिन उसका मीडिया पर एकाधिकार खत्म हो गया।
विज्ञापन
अगली फोटो गैलरी देखें

रहें हर खबर से अपडेट, डाउनलोड करें Android Hindi News App, iOS Hindi News App और Amarujala Hindi News App अपने मोबाइल पे|
Get all Tech News in Hindi related to live news update of latest mobile reviews apps, tablets etc. Stay updated with us for all breaking news from Tech and more Hindi News.

विज्ञापन
विज्ञापन

एड फ्री अनुभव के लिए अमर उजाला प्रीमियम सब्सक्राइब करें

Next Article

Election
एप में पढ़ें

Followed