Starlink: एलन मस्क को तगड़ा झटका! इस देश ने अचानक क्यों बंद कराया स्टारलिंक इंटरनेट? जानें क्या है पूरा विवाद
Satellite Internet: एलन मस्क की कंपनी स्पेसएक्स की सैटेलाइट इंटरनेट सेवा स्टारलिंक ने पापुआ न्यू गिनी में अपनी सेवाएं बंद कर दी है। जिसका कारण सरकार और ओम्बड्समैन कमीशन के बीच का लाइसेंसिंग विवाद बताया जा रहा है। जानिए पूरा मामला विस्तार से...
विस्तार
पापुआ न्यू गिनी में स्टारलिंक ने 16 दिसंबर 2025 से अपनी सभी सैटेलाइट इंटरनेट सेवाएं बंद कर दी हैं। देश की रेगुलेटरी बॉडी एनआईसीटीए ने स्पष्ट कहा है कि स्टारलिंक के पास फिलहाल पीएनजी में काम करने के लिए वैध लाइसेंस नहीं है, इसलिए इनकी सेवाएं रोकने का निर्देश दिया गया है।
क्या है पूरा मामला?
राष्ट्रीय सूचना और संचार प्रौद्योगिकी प्राधिकरण (एनआईसीटीए) के अनुसार, मार्च 2024 से ही ओम्बड्समैन कमीशन ने स्टारलिंक के लाइसेंसिंग समझौते को रोका है। इसके पीछे की वजह सेवा की विश्वसनीयता पर सवाल, सार्वजनिक हित और सुरक्षा जोखिम, मौजूदा नियमों की कमी बताई जा रही है। करीब 18 महीने पहले NICTA ने अदालत में इसके खिलाफ केस भी दर्ज कराया था, लेकिन अभी तक कोई फैसला नहीं आया है।
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एनआईसीटीए ने चेतावनी जारी करते हुए कहा कि बिना लाइसेंस स्टारलिंक टर्मिनलों का आयात, इंस्टॉलेशन और उपयोग करना कानूनी उल्लंघन है। ऐसा करने वालों पर कार्रवाई और मुकदमा भी चल सकता है। इसपर स्टारलिंक की प्रतिक्रिया भी सामने आई है। इसने अपने यूजर्स को नोटिस भेजकर कहा कि कंपनी पीएनजी में हाई-स्पीड और भरोसेमंद इंटरनेट उपलब्ध कराने के लिए प्रतिबद्ध है। दावा किया कि वो घरों, स्कूलों, बिजनेस के लिए इसकी सेवा काफी फायदेमंद साबित हो सकती हे। सेवा बहाली के समर्थन में अब तक करीब 200 लोग पिटीशन (याचिका) पर साइन कर चुके हैं।
सरकार की प्रतिक्रिया?
कम्युनिकेशंस मंत्री टिमोथी मासिउ ने इस विषय पर बोलने से साफ इंकार कर दिया है। उनका कहना है कि मामला अदालत में है, इसलिए वे कोई टिप्पणी नहीं कर सकते हैं। जबकि एनआईसीटीए का कहना है कि अगरी कोर्ट से हरी झंडी मिली, तो स्टारलिंक को लाइसेंस जारी कर दिया जाएगा।
2022 में टोंगा में ज्वालामुखी विस्फोट के बाद जब अंडरसी केबल टूट गई थी, तब स्टारलिंक ने पैसिफिक देशों में इंटरनेट कनेक्टिविटी बहाल कर अहम भूमिका निभाई थी। कई द्वीपीय देशों में यह सेवा दूरदराज इलाकों में भी इसकी महत्वपूर्ण भूमिका रही है, लेकिन पीएनजी में कानूनी अड़चनों ने रास्ता रोक दिया है।