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अलर्ट: WhatsApp यूजर्स को भी कराना होगा KYC, फर्जी आईडी पर सिम लेने की सजा जेल, 50 हजार रुपये का जुर्माना भी
टेक डेस्क, अमर उजाला, नई दिल्ली
Published by: प्रदीप पाण्डेय
Updated Thu, 29 Sep 2022 11:39 AM IST
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whatsapp KYC
- फोटो : अमर उजाला
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सिम कार्ड के साथ अपनी पहचान छिपाना अब बहुत महंगा पड़ने वाला है। अब फर्जी आईडी कार्ड पर सिम रखने के कारण आपको जेल हो सकती है और 50 हजार रुपये तक का जुर्मान भी हो सकता है। इसके अलावा यदि आप व्हाट्सएप, सिग्नल या फिर टेलीग्राम पर भी अपनी पहचान छिपाकर किसी से चैट कर रहे हैं तो भी यही कानून लागू होगा और आपको जेल की सजा के साथ जुर्माना भी देना पड़ सकता है। आइए समझते हैं इस नए कानून को विस्तार से...
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इकॉनोमिक टाइम्स की एक रिपोर्ट के मुताबिक सिम कार्ड के साथ अपनी पहचान छिपाना अब बहुत महंगा पड़ने वाला है। अब फर्जी आईडी कार्ड पर सिम रखने के कारण आपको जेल हो सकती है और 50 हजार रुपये तक का जुर्मान भी हो सकता है। इसके अलावा यदि आप व्हाट्सएप, सिग्नल या फिर टेलीग्राम पर भी अपनी पहचान छिपाकर किसी से चैट कर रहे हैं तो भी यही कानून लागू होगा और आपको जेल की सजा के साथ जुर्माना भी देना पड़ सकता है। आइए समझते हैं इस नए कानून को विस्तार से...
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Cyber Security
- फोटो : Istock
सरकार का मानना है कि इस तरह के प्रावधान से साइबर क्राइम में कमी देखने को मिलेगी। टेलीकॉम बिल के सेक्शन 7 के सब-सेक्शन 4 में कहा गया है कि ग्राहकों को हर हाल में अपनी असली पहचान बतानी होगी। गलत पहचान देने या पहचान छिपाने के कारण जेल और 50,000 रुपये तक का जुर्माना लग सकता है या फिर दोनों सजा हो सकती है।
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Union Minister for Electronics and Information Technology Ashwini Vaishnaw
- फोटो : ANI
ड्राफ्ट बिल में यह भी कहा गया है कि ऐसे मामले में पुलिस आपको बिना वारंट के भी गिरफ्तार कर सकती है और बिना कोर्ट के आदेश के जांच शुरू कर सकती है। दूरसंचार मंत्री अश्विनी वैष्णव ने भी हाल ही में कहा था कि सरकार ऑनलाइन वित्तीय धोखाधड़ी के मुद्दे पर गंभीरता से विचार कर रही है और यह अनिवार्य कर दिया है कि आगे चलकर यहां तक कि ओटीटी प्लेटफार्मों जैसे व्हाट्सएप-सिग्नल के यूजर्स को भी केवाईसी की औपचारिकताओं को पूरा करना होगा। उन्होंने कहा कि टेलीकॉम बिल 6-10 महीनों में लागू हो जाएगी।
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whatsapp telegram and signal
- फोटो : अमर उजाला
अश्विनी वैष्णव ने कहा कि जिन एप्स का भी इस्तेमाल कॉलिंग या किसी भी तरह के कम्युनिकेशन के लिए होता है वे सभी नए टेलीकॉम बिल के अंतर्गत आएंगे, हालांकि उन्होंने यह भी साफ किया यूजर्स के मैसेज को सरकार डिक्रिप्ट नहीं करेगी यानी मैसेज या कॉल पहले की तरह ही सिक्योर होंगे। उन्होंने कहा कि फोन कॉल रिसीव करने वाले को हमेशा मालूम होना चाहिए कि कॉल किसने किया है और उसकी पहचान क्या है।
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