अगर आप एक रिलायंस जियो यूजर हैं तो 10 अक्तूबर से आपको एयरटेल या वोडाफोन समेत दूसरी किसी अन्य कंपनी के मोबाइल यूजर्स को फोन करने पर प्रति मिनट के हिसाब से छह पैसे देने होंगे। हालांकि, अगर आप रिलायंस जियो इस्तेमाल करते हैं तो किसी अन्य जियो यूजर को फोन करने पर आपको कुछ भी नहीं देना होगा।
जियो ने क्यों बंद की फ्री कॉलिंग, क्या होता है IUC चार्ज, समझिए पूरा गणित
जियो ने दूसरे नेटवर्क में कॉल करने के लिए 10 रुपये से लेकर 100 रुपये तक के रिचार्ज वाउचर उपलब्ध कराए हैं। इन वाउचरों का इस्तेमाल करने पर जियो उपभोक्ता को कुछ आईयूसी मिनट मिलेंगे। लेकिन आईयूसी के वाउचर पर जियो यूजर जितना पैसा खर्च करेंगे, उसके बदले में जियो उन्हें उतनी ही कीमत का डेटा फ्री में देगा।
आईयूसी चार्ज क्या है?
आईयूसी यानी इंटर कनेक्शन यूजेज चार्ज वह राशि है जो दो टेलीकॉम कंपनियां अपने ग्राहकों की आपस में बातचीत कराने के लिए वसूलती हैं। सरल शब्दों में कहें तो अगर आपका कोई दोस्त एयरटेल का सिम यूज करता है और आप रिलायंस जियो का सिम यूज करते हैं तो जब भी आप अपने रिलायंस जियो वाले फोन से एयरटेल वाले नंबर पर फोन करेंगे तो जियो को आईयूसी चार्ज के रूप में एयरटेल को छह पैसे प्रति मिनट की दर से एक राशि अदा करनी होगी।
रिलायंस ने अपनी लॉन्चिंग के बाद से अब तक आईयूसी के रूप में दूसरी टेलिकॉम कंपनियों को 13,500 करोड़ रुपये दिए हैं। रिलायंस ने ये भी बताया है कि जियो नेटवर्क पर हर रोज 25 से 30 करोड़ मिस्ड कॉल आती हैं। इसके बाद रिलांयस जियो के नंबरों से हर रोज 65 से 70 करोड़ मिनट की कॉल दूसरे नेटवर्क पर की जाती हैं। ऐसे में जियो को इन कंपनियों को आईयूसी चार्ज के रूप में छह पैसे प्रति मिनट देने पड़ रहे हैं।
जियो ने क्यों उठाया ये कदम?
जियो ने कहा है कि आईयूसी शुल्क पर टेलीकॉम रेगुलेटरी अथॉरिटी ऑफ इंडिया की बदलती नीतियों की वजह से वह ये फैसला लेने के लिए मजबूर हुई है। वो लगातार एक लंबे समय से आईयूसी के रूप में बड़ी राशि दूसरी कंपनियों को दे रही है। वे ये मानकर चल रही थी कि साल 2019 के बाद आईयूसी चार्ज ख़त्म कर दिया जाएगा।