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बदल रहे हैं साइबर ठगी के तरीके, बोनस-सिबिल के नाम पर खाली हो रहे खाते

बिजनेस डेस्क, अमर उजाला Published by: ‌डिंपल अलवधी Updated Thu, 10 Oct 2019 03:11 PM IST
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cyber crime increasing rapidly know how frauds are taking place
साइबर क्राइम (सांकेतिक तस्वीर)

देश में तकनीक के बढ़ने के साथ ऑनलाइन धोखाधड़ी भी तेजी से बढ़ रही है। हैकर्स आम लोगों को ठगने के लिए रोज नए-नए तरीकों का उपयोग कर रहे हैं। आए दिन साइबर क्राइम (Cyber Crime) की घटनाएं सामने आ रही हैं, जिनमें लोगों के खातों से लाखों रुपये उड़ा लिए जाते हैं। ऑनलाइन ठग इन दिनों बैंकों के नाम से फर्जी बोनस संदेश और सिबिल रिकॉर्ड अपडेट होने का एसएमएस उपभोक्ता को भेजते हैं और फिर उनके खाते में जमा रकम को उड़ा लेते हैं।



अनुराग सरबरिया नाम के एक पाठक ने अमर उजाला को बताया कि एक नामी सर्च इंजन कंपनी के नाम से उनके पास लगातार एसएमएस संदेश आ रहे हैं। इसमें उनसे मुफ्त सिबिल रिपोर्ट के लिए फॉर्म भरने का आग्रह किया गया था। ऐसे ही एक और संदेश में उनसे कहा गया कि उनका बैंक उन्हें बोनस दे रहा है।

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देश के जाने-माने बैंकों के नाम से जालसाजों का गैंग उपभोक्ताओं को एसएमएस के जरिए लिंक भी भेजता है, जिसमें लिखा होता है कि गलत हस्ताक्षर की वजह से उनका बैंक खाता बंद कर दिया गया है। इसे फिर से खोलने के लिए ग्राहक को ऑनलाइन जानकारी भरनी होगी। 

ऐसे हो रही है लाखों की ठगी

अनुराग ने बताया कि लिंक को क्लिक करते ही एक फॉर्म खुलता है, जिसमें ग्राहकों को नाम, खाता नंबर, रजिस्टर्ड मोबाइल नंबर, जन्म तारीख सहित अन्य जरूरी जानकारी भरने को कहा जाता है। यह फॉर्म भरते ही ग्राहकों के खाते से सारे पैसे गायब हो जाते हैं और ग्राहकों को इसका एसएमएस भी नहीं आता है।

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बोनस के नाम पर भी हो रहा फ्रॉड

इतना ही नहीं, साइबर शातिर एक अन्य तरीके से भी लोगों को ठग रहे हैं। ग्राहकों के पास मेल या एसएमएस आ रहे हैं, जिसमें लिखा होता है कि अच्छा सिबिल स्कोर होने पर बैंक ग्राहकों को बोनस दे रहे हैं। इसका फायदा उठाने के लिए ग्राहक एसएमएस में दिए गए लिंक में जानकारी भरते हैं, जिसके बाद उनका बैंक खाता खाली हो जाता है।

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ग्राहकों को सतर्क रहने की जरूरत

विशेषज्ञों के अनुसार, ऐसे लिंक पर क्लिक करने से ठग आपके मोबाइल या कम्प्यूटर को स्कैन कर लेते हैं। जालसाज दुनिया के किसी भी हिस्से में बैठकर काम कर रहा होता है। इसलिए ठगी का शिकार होने के बाद राशि का मिलना भी मुश्किल होता है। इतना ही नहीं, साइबर क्राइम का एक भी मामला अदालत तक भी नहीं पहुंचता है। इसलिए आपको इन सब तरीकों से बचने का प्रयास करना चाहिए औऱ बैंक में जाकर ही अपनी जानकारी दें। त्योहारों में ये मामले और भी सामने आते हैं। 

शिकार होने से ऐसे बचें

दरअसल, ठगी करने वालों ने बैंक से मिलते-जुलते नाम से एसएमएस सर्विस शुरू की है, जिससे कोई भी आसानी से धोखा खा जाता है। लेकिन सच्चाई ये है कि बैंक इस तरह के मेसेज नहीं भेजते हैं। इस बात का ध्यान रखें कि बैंक ना तो ऑनलाइन फॉर्म भरवाता है और ना ही फोन पर बैंक खाते से जुड़ी दानकारी मांगता है। इसलिए बैंक खाते की जानकारी मेल, एसएमएस या फोन पर किसी के साथ साझा ना करें।

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