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नेपाल से ऑस्ट्रेलिया तक: दुनियाभर के देशों में क्यों बढ़ी सोशल मीडिया पर सख्ती?
टेक डेस्क, अमर उजाला, नई दिल्ली
Published by: नीतीश कुमार
Updated Thu, 11 Sep 2025 12:19 PM IST
सार
Countries Where Social Media Is Restricted: नेपाल में 26 सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर बैन के बाद देशभर में हिंसक विरोध प्रदर्शन हुए जिसमें कई लोगों को जानें भी गईं। यह मामला सिर्फ नेपाल तक सीमित नहीं है, बल्कि दुनिया भर के कई देश सोशल मीडिया को कंट्रोल करने की दिशा में तेजी से कदम उठा रहे हैं।
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सोशल मीडिया पर प्रतिबंध बढ़ा
- फोटो : AI
नेपाल इस समय अपने हालिया इतिहास के सबसे बड़े राजनीतिक संकटों में से गुजर रहा है। प्रधानमंत्री केपी शर्मा ओली की सरकार ने 8 सितंबर 2025 को फेसबुक, इंस्टाग्राम और X (ट्विटर) जैसे 26 सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर प्रतिबंध लगा दिया। इसके बाद पूरे देश में हिंसक प्रदर्शन भड़क उठे, जिनमें करीब 20 लोगों की मौत हो गई और 300 से ज्यादा घायल हुए।

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दुनिया भर में बढ़ती डिजिटल पाबंदियां
- फोटो : AI
दुनिया भर में बढ़ती डिजिटल पाबंदियां
चीन, मिस्र, ईरान, उत्तर कोरिया, सऊदी अरब, सीरिया और भारत जैसे कई देशों में राजनीतिक कारणों से सोशल मीडिया पर पहले से ही कड़ी पाबंदियां हैं। कहीं ये रोक अस्थायी होती है, जैसे चुनाव या विरोध प्रदर्शन के दौरान तो कहीं स्थायी, और उसके लिए कड़े कानून बनाए जाते हैं। इसके पीछे की वजह सूचना के प्रवाह को नियंत्रित करना, गलत जानकारियों जैसे फेक न्यूज को रोकना होता है। लेकिन कई बार लोगों की असहमति को दबाना के लिए भी इन प्लेटफॉर्म्स पर पाबंदिया लगाई जाती हैं।
ब्राजील में फेक न्यूज पर सख्ती
ब्राजील ने इस साल X (ट्विटर) को अस्थायी तौर पर बैन किया क्योंकि कंपनी देश के एंटी-डिसइन्फॉर्मेशन कानूनों का पालन नहीं कर रही थी। सरकार का कहना है कि टेक कंपनियों को चुनाव और हेल्थ से जुड़ी फेक न्यूज पर ज्यादा सख्त कदम उठाने चाहिए।
चीन, मिस्र, ईरान, उत्तर कोरिया, सऊदी अरब, सीरिया और भारत जैसे कई देशों में राजनीतिक कारणों से सोशल मीडिया पर पहले से ही कड़ी पाबंदियां हैं। कहीं ये रोक अस्थायी होती है, जैसे चुनाव या विरोध प्रदर्शन के दौरान तो कहीं स्थायी, और उसके लिए कड़े कानून बनाए जाते हैं। इसके पीछे की वजह सूचना के प्रवाह को नियंत्रित करना, गलत जानकारियों जैसे फेक न्यूज को रोकना होता है। लेकिन कई बार लोगों की असहमति को दबाना के लिए भी इन प्लेटफॉर्म्स पर पाबंदिया लगाई जाती हैं।
ब्राजील में फेक न्यूज पर सख्ती
ब्राजील ने इस साल X (ट्विटर) को अस्थायी तौर पर बैन किया क्योंकि कंपनी देश के एंटी-डिसइन्फॉर्मेशन कानूनों का पालन नहीं कर रही थी। सरकार का कहना है कि टेक कंपनियों को चुनाव और हेल्थ से जुड़ी फेक न्यूज पर ज्यादा सख्त कदम उठाने चाहिए।
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भारत और चीन में भी सख्ती
- फोटो : Adobe Stock
भारत में टिकटॉक पर रोक
भारत ने 2020 में टिकटॉक समेत कई ऐप्स को बैन किया। सरकार ने डेटा प्राइवेसी और राष्ट्रीय सुरक्षा का हवाला देते हुए कहा कि इन ऐप्स से विदेशी संस्थाओं तक संवेदनशील जानकारी जा सकती है। लाखों यूजर्स अचानक इस लोकप्रिय प्लेटफॉर्म से कट गए।
चीन का ‘ग्रेट फ़ायरवॉल’
चीन में फेसबुक, ट्विटर और इंस्टाग्राम जैसे बड़े प्लेटफॉर्म पूरी तरह ब्लॉक हैं। वहां के लोग वीचैट और वीबो जैसे घरेलू ऐप्स का इस्तेमाल करते हैं, जिन्हें सरकार सख्ती से मॉनिटर करती है।
भारत ने 2020 में टिकटॉक समेत कई ऐप्स को बैन किया। सरकार ने डेटा प्राइवेसी और राष्ट्रीय सुरक्षा का हवाला देते हुए कहा कि इन ऐप्स से विदेशी संस्थाओं तक संवेदनशील जानकारी जा सकती है। लाखों यूजर्स अचानक इस लोकप्रिय प्लेटफॉर्म से कट गए।
चीन का ‘ग्रेट फ़ायरवॉल’
चीन में फेसबुक, ट्विटर और इंस्टाग्राम जैसे बड़े प्लेटफॉर्म पूरी तरह ब्लॉक हैं। वहां के लोग वीचैट और वीबो जैसे घरेलू ऐप्स का इस्तेमाल करते हैं, जिन्हें सरकार सख्ती से मॉनिटर करती है।

उत्तर कोरिया में इंटरनेट पूरी तरह बंद
- फोटो : AI
उत्तर कोरिया में नागरिकों के लिए बंद है इंटरनेट
उत्तर कोरिया में सोशल मीडिया पर पूरी तरह बैन है। आम लोग सिर्फ "क्वांगमयोंग" नाम के सरकारी इंट्रानेट तक ही सीमित रहते हैं। विदेशी प्लेटफॉर्म का इस्तेमाल करना अपराध माना जाता है और सख्त सजा मिल सकती है।
ईरान में वीपीएन का सहारा
ईरान में फेसबुक, ट्विटर और यूट्यूब ब्लॉक हैं। लाखों लोग इन प्लेटफॉर्म्स का एक्सेस पाने के लिए VPN का इस्तेमाल करते हैं, लेकिन यह करना कानूनी जोखिमों से भरा है।
उत्तर कोरिया में सोशल मीडिया पर पूरी तरह बैन है। आम लोग सिर्फ "क्वांगमयोंग" नाम के सरकारी इंट्रानेट तक ही सीमित रहते हैं। विदेशी प्लेटफॉर्म का इस्तेमाल करना अपराध माना जाता है और सख्त सजा मिल सकती है।
ईरान में वीपीएन का सहारा
ईरान में फेसबुक, ट्विटर और यूट्यूब ब्लॉक हैं। लाखों लोग इन प्लेटफॉर्म्स का एक्सेस पाने के लिए VPN का इस्तेमाल करते हैं, लेकिन यह करना कानूनी जोखिमों से भरा है।
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रूस ने इंटरनेट स्पीड किया कम
- फोटो : Adobe Stock
खाड़ी देशो में सख्त मॉनिटरिंग
सऊदी अरब और यूएई में सोशल मीडिया का इस्तेमाल तो होता है, लेकिन सरकारें उस पर कड़ी नजर रखती हैं। यहां शाही परिवार या धार्मिक मूल्यों की आलोचना करने पर गिरफ्तारी और सजा तक हो सकती है।
रूस और तुर्की में घटाई गई इंटरनेट स्पीड
तुर्की कई बार ट्विटर, फेसबुक और यूट्यूब की स्पीड धीमी कर देता है या उन्हें ब्लॉक कर देता है। वहीं रूस ने “सॉवरेन इंटरनेट” कानून बनाया है, जिससे जरूरत पड़ने पर देश को पूरी तरह इंटरनेट से काटा जा सकता है।
सऊदी अरब और यूएई में सोशल मीडिया का इस्तेमाल तो होता है, लेकिन सरकारें उस पर कड़ी नजर रखती हैं। यहां शाही परिवार या धार्मिक मूल्यों की आलोचना करने पर गिरफ्तारी और सजा तक हो सकती है।
रूस और तुर्की में घटाई गई इंटरनेट स्पीड
तुर्की कई बार ट्विटर, फेसबुक और यूट्यूब की स्पीड धीमी कर देता है या उन्हें ब्लॉक कर देता है। वहीं रूस ने “सॉवरेन इंटरनेट” कानून बनाया है, जिससे जरूरत पड़ने पर देश को पूरी तरह इंटरनेट से काटा जा सकता है।