इनकम टैक्स रिटर्न भरने के साथ साथ उसका ई-वेरिफिकेशन भी जरूरी है। आपके आईटीआर को वैध बनाए रखने के लिए यह एक जरूरी काम है। इस कारण समय रहते आपको इस जरूरी कार्य को कर लेना चाहिए। अगर आप 30 दिनों के भीतर ई-वेरिफिकेशन नहीं करते हैं, तो आपका आईटीआर अमान्य घोषित हो सकता है। इससे आपको कई तरह की दिक्कतों का सामना करना पड़ सकता है। इसमें रिफंड मिलने में देरी, पेनल्टी, इनकम टैक्स की तरफ से नोटिस मिलना, लेट फाइन, ब्याज और कई तरह की समस्याएं शामिल हैं। 2024-25 के लिए असेसमेंट ईयर 2025-26 में अब तक 2.51 करोड़ से ज्यादा संख्या में आईटीआर को फाइल किया गया है। हालांकि, आईटीआर फाइल करने के बाद ई-वेरिफिकेशन अगर नहीं किया जाए तो फाइलिंग पूरी नहीं मानी जाती है। इनकम टैक्स डिपार्टमेंट के मुताबिक अगर आप आईटीआर फाइल करने के 30 दिनों के भीतर ई-वेरिफिकेशन नहीं करते हैं तो इस स्थिति में आपको दोबारा आईटीआर फाइल करना पड़ सकता है।
ITR: आईटीआर फाइल करने के 30 दिनों के भीतर करें यह जरूरी काम, वरना अमान्य हो जाएगा आपका रिटर्न
इनकम टैक्स डिपार्टमेंट के मुताबिक अगर आप आईटीआर फाइल करने के 30 दिनों के भीतर ई-वेरिफिकेशन नहीं करते हैं तो इस स्थिति में आपको दोबारा आईटीआर फाइल करना पड़ सकता है।
ई-वेरिफिकेशन की प्रक्रिया काफी आसान है। इसमें आपको किसी भी तरह की दिक्कतों का सामना नहीं करना होगा। ई-वेरिफिकेशन की प्रक्रिया को आप कुछ मिनटों में पूरा कर सकते हैं। ई-वेरिफिकेशन करने के लिए सबसे पहले आपको इनकम टैक्स की वेबसाइट पर विजिट करके लॉगिन करना है।
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इसके बाद आपको e-Verify Return के विकल्प का चयन करना है। नेक्स्ट स्टेप पर आप निम्नलिखित तरीकों से ई-वेरिफिकेशन कर सकते हैं।
- आधार ओटीपी
- नेट बैंकिंग (इसके लिए आपका पैंन लिंक होना जरूरी है)
- बैंक अकाउंट या डिमैट अकाउंट
- डिजिटल सिग्नेचर सर्टिफिकेट
भारत सरकार ने आईटीआर फाइल करने की आखिरी तारीख 31 जुलाई तय की थी, जिसे बढ़ाकर अब 15 सितंबर कर दिया गया है। यह तारीख उन्हीं लोगों के लिए बढ़ाई गई है, जिनका टैक्स रिटर्न 31 जुलाई तक फाइल नहीं किया गया था।
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वहीं अगर आपने इससे पहले अपना टैक्स रिटर्न फाइल कर दिया है तो टैक्स रिटर्न फाइल करने के 30 दिनों के भीतर ई-वेरिफिकेशन कराना जरूरी है। ई-वेरिफिकेशन भी उतना ही जरूरी है, जितना जरूरी इनकम टैक्स रिटर्न का फाइल करना है।
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