Accident Control Technology: सर्दी के मौसम में घना कोहरा सड़क सुरक्षा के लिए सबसे बड़ी चुनौती बन जाता है। खासतौर पर एक्सप्रेस-वे पर तेज रफ्तार वाहनों के कारण विजिबिलिटी कम होते ही हादसों का खतरा कई गुना बढ़ जाता है। इसी के चलते सिर्फ दिसंबर के महीने में ही बहुत से लोगों ने एक्सप्रेस वे पर हुए सड़क हादसों में जान गंवाई है।
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Accident Control Technology: एक्सप्रेस-वे पर हादसे रोकने के लिए ये 4 स्मार्ट टेक्नोलॉजी हैं सबसे कारगर
यूटिलिटी डेस्क, अमर उजाला, नई दिल्ली
Published by: श्रुति गौड़
Updated Fri, 19 Dec 2025 11:38 AM IST
सार
Accident Control Technology: हर साल कोहरे के वजह से न जानें कितने लोग अपनी जान गंवा देते हैं। ऐसे में हम यहां चार ऐसी टेक्नोलॉजी के बारे में जानकारी देने जा रहे हैं, जो सर्दी के मौसम में भी सड़क हादसे रोकने में कारगर हैं।
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एक्सप्रेस-वे पर हादसे रोकने के लिए ये 4 स्मार्ट टेक्नोलॉजी हैं सबसे कारगर
- फोटो : अमर उजाला
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एक्सप्रेस-वे पर सड़क हादसे रोकने हैं तो ये 4 टेक्नोलॉजी हैं बेहद काम की
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इंटेलिजेंट ट्रैफिक मैनेजमेंट सिस्टम (ITMS)
इंटेलिजेंट ट्रैफिक मैनेजमेंट सिस्टम कोहरे के दौरान सड़क हादसों को रोकने में सबसे अहम भूमिका निभाता है। ये सिस्टम आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI), हाई-रेजोल्यूशन CCTV कैमरे और एडवांस सेंसर की मदद से एक्सप्रेस-वे पर ट्रैफिक की रियल-टाइम निगरानी करता है। कोहरे में जब विजिबिलिटी बेहद कम हो जाती है, तब ये सिस्टम वाहनों की स्पीड, लेन डिसिप्लिन और ट्रैफिक डेंसिटी पर लगातार नजर रखता है। किसी भी असामान्य स्थिति जैसे अचानक ट्रैफिक जाम, गलत लेन ड्राइविंग या एक्सीडेंट की आशंका दिखते ही कंट्रोल रूम को तुरंत अलर्ट भेजा जाता है। इसके बाद मौके पर पेट्रोलिंग टीम, एंबुलेंस या ट्रैफिक पुलिस को तुरंत रवाना किया जा सकता है, जिससे बड़े हादसे टाले जा सकते हैं।
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एक्सप्रेस-वे पर सड़क हादसे रोकने हैं तो ये 4 टेक्नोलॉजी हैं बेहद काम की
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फॉग डिटेक्शन और स्मार्ट अलर्ट सिस्टम
फॉग डिटेक्शन सिस्टम खास तौर पर सर्दियों में होने वाले कोहरे को ध्यान में रखकर तैयार किया गया है। ये सेंसर आधारित तकनीक हवा में मौजूद नमी और विजिबिलिटी लेवल को मापकर कोहरे की घनता का आकलन करती है। जैसे ही कोहरा बढ़ता है, सिस्टम अपने-आप डिजिटल साइन बोर्ड पर स्पीड लिमिट कम करने और सावधानी बरतने के मैसेज दिखाने लगता है। कई आधुनिक एक्सप्रेस-वे पर ये अलर्ट सीधे ड्राइवर के मोबाइल फोन या वाहन के डैशबोर्ड सिस्टम तक भी भेजा जाता है। इससे ड्राइवर समय रहते अपनी रफ्तार कम कर लेते हैं और अचानक ब्रेक या टक्कर की संभावना काफी हद तक घट जाती है।
फॉग डिटेक्शन सिस्टम खास तौर पर सर्दियों में होने वाले कोहरे को ध्यान में रखकर तैयार किया गया है। ये सेंसर आधारित तकनीक हवा में मौजूद नमी और विजिबिलिटी लेवल को मापकर कोहरे की घनता का आकलन करती है। जैसे ही कोहरा बढ़ता है, सिस्टम अपने-आप डिजिटल साइन बोर्ड पर स्पीड लिमिट कम करने और सावधानी बरतने के मैसेज दिखाने लगता है। कई आधुनिक एक्सप्रेस-वे पर ये अलर्ट सीधे ड्राइवर के मोबाइल फोन या वाहन के डैशबोर्ड सिस्टम तक भी भेजा जाता है। इससे ड्राइवर समय रहते अपनी रफ्तार कम कर लेते हैं और अचानक ब्रेक या टक्कर की संभावना काफी हद तक घट जाती है।
एक्सप्रेस-वे पर सड़क हादसे रोकने हैं तो ये 4 टेक्नोलॉजी हैं बेहद काम की
- फोटो : Adobe Stock
ऑटोमैटिक स्पीड कंट्रोल और ई-चालान सिस्टम
कोहरे में सबसे बड़ा खतरा ओवरस्पीडिंग से होता है। ऑटोमैटिक स्पीड कंट्रोल सिस्टम रडार और हाई-स्पीड कैमरों की मदद से हर वाहन की गति पर नजर रखता है। तय सीमा से ज्यादा रफ्तार होने पर सिस्टम तुरंत वाहन की पहचान कर लेता है और ई-चालान जनरेट कर देता है। ई-चालान की सख्ती का मनोवैज्ञानिक असर ड्राइवरों पर पड़ता है, जिससे वे कोहरे में भी नियमों का पालन करते हैं। इससे न सिर्फ टक्कर की आशंका कम होती है, बल्कि एक्सप्रेस-वे पर ट्रैफिक का फ्लो भी सुरक्षित और नियंत्रित बना रहता है।
कोहरे में सबसे बड़ा खतरा ओवरस्पीडिंग से होता है। ऑटोमैटिक स्पीड कंट्रोल सिस्टम रडार और हाई-स्पीड कैमरों की मदद से हर वाहन की गति पर नजर रखता है। तय सीमा से ज्यादा रफ्तार होने पर सिस्टम तुरंत वाहन की पहचान कर लेता है और ई-चालान जनरेट कर देता है। ई-चालान की सख्ती का मनोवैज्ञानिक असर ड्राइवरों पर पड़ता है, जिससे वे कोहरे में भी नियमों का पालन करते हैं। इससे न सिर्फ टक्कर की आशंका कम होती है, बल्कि एक्सप्रेस-वे पर ट्रैफिक का फ्लो भी सुरक्षित और नियंत्रित बना रहता है।
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एक्सप्रेस-वे पर सड़क हादसे रोकने हैं तो ये 4 टेक्नोलॉजी हैं बेहद काम की
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लेन गाइडेंस टेक्नोलॉजी
कोहरे में लेन दिखाई न देना कई बड़े हादसों की वजह बनता है। लेन बदलते समय अक्सर बड़े हादसे होते हैं। ऐसे में LED आधारित रिफ्लेक्टिव रोड स्टड्स इस समस्या का प्रभावी समाधान हैं। ये स्टड्स सड़क की लेन और किनारों पर लगाए जाते हैं, जो कम विजिबिलिटी में भी तेज रोशनी के साथ चमकते हैं। इससे ड्राइवर को सड़क की दिशा, लेन की चौड़ाई और आगे चल रहे वाहन की दूरी का बेहतर अंदाजा मिलता है। कुछ एडवांस स्टड्स मौसम के अनुसार रंग बदलते हैं, जिससे ड्राइवर को तुरंत सतर्क होने का संकेत मिल जाता है।
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