भारतीय रेलवे को राष्ट्र की जीवनरेखा की संज्ञा दी जाती है। रोजाना इसमें कोरोड़ों यात्री सफर करते हैं। हालांकि, इनमें से एक बड़ी संख्या उन यात्रियों की है, जो जनरल कोच में सफर करते हैं। इसमें बड़ी संख्या में यात्रियों के सफर करने की वजह यह है कि जनरल कोच सबसे किफायती विकल्प होते हैं।
Indian Railways: ट्रेन के जनरल कोच में कितने यात्री कर सकते हैं सफर? जानें क्या कहता है रेलवे
भारतीय ट्रेनों के जनरल कोच में कई बार बड़ी संख्या में यात्री सफर करते हैं। ऐसे में सवाल उठता है कि आखिर जनरल कोच में अधिकतम कितने यात्री सफर कर सकते हैं।
एक जनरल कोच को औसतन 90 से 100 यात्रियों के सफर करने के लिए डिजाइन किया जाता है। हालांकि, हकीकत इससे काफी अलग नजर आती है। खासतौर पर त्योहारों, छुट्टियों और बड़े आयोजनों के दौरान जनरल कोच में भीड़ काफी बढ़ जाती है। इस दौरान हालात इतने खराब हो जाते हैं कि जनरल कोच में यात्रियों को खड़े होने तक की जगह नहीं मिलती।
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रेलवे के मुताबिक जनरल कोच को सुरक्षा मानकों को ध्यान में रखकर डिजाइन किया जाता है। इसमें बैठने की सीटें, खड़े होने की जगह और आपातकालीन स्थिति में निकासी जैसे पहलू शामिल होते हैं। हालांकि, त्योहारों के समय यात्रियों की संख्या इस कोच में 200 से 250 या उससे भी ज्यादा हो जाती है।
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भीड़ बढ़ने के कारण जनरल कोच में यात्रियों को कई तरह की परेशानियों का सामना करना पड़ता है। इस दौरान सामान की सुरक्षा, महिलाओं और बुजुर्गों के लिए असुविधा जैसी समस्याएं आम हो जाती हैं।
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भीड़ के बढ़ने के कारण कई बार हादसों का खतरा भी बढ़ जाता है। इस कारण त्योहारी सीजन में स्थिति को संभालने के लिए रेलवे अतिरिक्त ट्रेनों को चलाता है या ट्रेनों में ही अतिरिक्त जनरल कोच को जोड़ता है।
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