भगवानपुरिया को पंजाब ला रही पुलिस: डिब्रूगढ़ जेल से सीधा अमृतसर एयरपोर्ट; इसी साल हुई थी जग्गू की मां की हत्या
असम की डिब्रूगढ़ जेल में बंद गैंगस्टर जग्गू भगवानपुरिया को पंजाब पुलिस अमृतसर ला रही है। पुलिस उसे लेने के लिए कुछ दिन पहले रवाना हुई थी। उसकी मां की हत्या के बाद पहली बार जग्गू को पंजाब लाया जा रहा है।
 
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पुलिस गैंगस्टर जग्गू भगवानपुरिया को असम की डिब्रूगढ़ जेल से श्री गुरु रामदास जी अंतरराष्ट्रीय एयरपोर्ट पर ला रही है। संभावना है कि बुधवार देर उसे अमृतसर लाया जा सकता है। पुलिस कुछ दिन पहले उसे लेने असम रवाना हुई थी। पुलिस सूत्रों के अनुसार, जग्गू की मां हरजीत कौर की हत्या के बाद उसे पहली बार अमृतसर और बटाला पूछताछ के लिए लाया जा रहा है। हरजीत कौर की इसी साल जून में शूटरों ने गोलियां मारकर हत्या कर दी थी।
 
सूत्रों के अनुसार, पंजाब सरकार अपराध मुक्त राज्य बनाने के लिए गैंगस्टरों पर नकेल कसने की तैयारी कर रही है। जग्गू को यहां लाने से पहले पुलिस पिछले नौ माह में कई गैंगस्टर, लुटेरों और आतंकियों का एनकाउंटर भी कर चुकी है। सप्ताह पहले सरकार ने एंटी गैंगस्टर टास्क फोर्स के एआईजी संदीप गोयल को डीआईजी की कमान सौंपी है। पदभार संभालते समय गोयल ने कहा कि था कि अपराधी और गैंगस्टर या तो अपराध छोड़ जाए जा फिर राज्य छोड़ कर चले जाएं। जग्गू को पंजाब लाना और डीआईजी की यहां ट्रांसफर किसी बड़ी कार्रवाई का संकेत भी है।
 
                                            2015 से जेल में बंद है भगवानपुरिया
जग्गू भगवानपुरिया अपराध की दुनिया में साल 2012 से सक्रिय है। वह 2015 से जेल में बंद है। शुरुआत में वह लॉरेंस बिश्नोई और गोल्डी बराड़ का दोस्त था, लेकिन बाद में उनके बीच दुश्मनी हो गई। इसके बाद जग्गू ने अलग गैंग बना लिया। लॉरेंस बिश्नोई और गोल्डी बराड़ ने जग्गू पर सिद्धू मूसेवाला के दो हत्यारों का सुराग पंजाब पुलिस को देने का आरोप लगाया था। उसने कनाडा में भी कई हत्याओं को अंजाम देने का दावा किया है, जिसमें सुक्खा दुनुके का मर्डर भी शामिल है। कभी जग्गू बिक्रम सिंह मजीठिया के काफी निकट था। अकाली दल में चर्चा है कि जब मजीठिया का नाम काफी निकटता से जुड़ने लगा तो उसने जग्गू से दूरी बना ली। बता दें कि जग्गू का परिवार पिछड़े वर्ग से है। जग्गू ने नाम कमाने के लिए कई अपराध किए।
सिलचर जेल में भी रहा भगवानपुरिया
मार्च 2025 में जग्गू भगवानपुरिया को एनसीबी ने पीआईटी‑एनडीपीएस एक्ट के तहत बठिंडा जेल से असम की सिलचर सेंट्रल जेल में शिफ्ट किया। जेल प्रशासन का मानना था कि जेल के भीतर जग्गू मोबाइल फोन से गतिविधियों चलाता रहा। जग्गू पर 2012 से अब तक 100 से 128 से अधिक मामलों में नशा, हत्याएं, जबरिया वसूली, हथियार रख-रखाव, ड्रग तस्करी आदि के केस दर्ज हैं। जग्गू सितंबर 2014 क्रॉस-फायरिंग मामले में अपराध की दुनिया में चमका, जहां मजीठा के सोहियां कलां में पुलिस और जग्गू के बीच गोलीबारी हुई। इस मामले में बिक्रम मजीठिया उसकी मां हरजीत कौर के कहने पर जग्गू को गिरफ्तारी न करने पर पुलिस प्रशासन पर दबाव डालते रहे।
 
                                            मूसेवाला केस में भी जुड़ा नाम
जग्गू का नाम सिद्धू मूसेवाला हत्याकांड में भी जुड़ा। जग्गू की पहले लॉरेंस बिश्नोई के साथ मित्रता थी। बाद में दुश्मनी रही। जग्गू के अंतरराष्ट्रीय स्तर पर ड्रग और हथियार तस्करी के पाकिस्तान, अफगानिस्तान और कनाडा‑अमेरिका तक कनेक्शन है। जेल में रहते हुए उसका साम्राज्य जेल से बाहर भी संचालित है, जिसमें हेरोइन, अफीम तस्करी, जबरन वसूली और मर्डर थ्रेट के आरोप हैं। वर्ष 2015 में हथियार और हेरोइन मामले में उसे 12 साल की कैद और 1.5 लाख रुपये जुर्माने की सजा हुई। जुलाई 2012 के एक गंभीर मामले में मुकदमा एनडीपीएस में दर्ज था, जिसमें गवाह सामने न आने के कारण उसे बरी कर दिया गया। जग्गू अभी तक 19 मामलों में बरी है। जबकि लगभग 70 से 128 एफआई आर विभिन्न आपराधिक धाराओं में लंबित हैं।

