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Punjab: पूर्व जत्थेदार ज्ञानी गुरबचन सिंह को धार्मिक सजा, राम रहीम से जुड़ा मामला, वल्टोहा पर लगी रोक हटाई

संवाद न्यूज एजेंसी, अमृतसर (पंजाब) Published by: अंकेश ठाकुर Updated Mon, 08 Dec 2025 06:09 PM IST
सार

अकाल तख्त साहिब पूर्व जत्थेदार ज्ञानी गुरबचन सिंह को धार्मिक सजा सुनाई गई है। सोमवार को अकाल तख्त साहिब में पांच सिंह साहिबान की विशेष बैठक हुई, जिसमें कई तरह के फैसले लिए गए हैं। 

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special meeting of five Singh Sahibans held at Akal Takht Sahib
अकाल तख्त के जत्थेदार ने विभिन्न मामलों में सुनाए कई फैसले। - फोटो : संवाद
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विस्तार
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श्री अकाल तख्त साहिब में सोमवार को पांच सिंह साहिबान की विशेष बैठक हुई। बैठक में सोशल मीडिया, धार्मिक कार्यक्रमों और पंथक मंचों पर दिए गए विवादित बयानों व व्यवहार संबंधी मामलों पर कड़ा रुख अपनाया गया। पांच सिंह साहिबान ने विभिन्न मामलों की सुनवाई के बाद निर्णय सुनाते हुए संबंधित पंथक हस्तियों की माफी स्वीकार की और उनके लिए सेवा आधारित सजाओं एंव तनखाह का एलान किया गया।

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इस दौरान डेरा मुखी को माफी देने के मामले में अकाल तख्त साहिब के पूर्व जत्थेदार ज्ञानी गुरबचन सिंह को धार्मिक सजा सुनाई गई। ज्ञानी गुरबचन सिंह ने 2015 में डेरा सच्चा सौदा के मुखी राम रहीम सिंह के माफीनामे को स्वीकृति दी थी। इसके बाद से उन्हें धार्मिक कार्यक्रमों में भाग लेने का आदेश अकाल तख्त साहिब ने सुनाया था। सोमवार को उन्होंने गलती स्वीकार की, जिसके बाद यह रोक हटा दी गई है। उन्हें दो दिन लंगर सेवा, अतिरिक्त पाठ के साथ 1100 रुपये की देग चढ़ाने की तनखाह लगाई गई।
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इसी तरह पूर्व विधायक विरसा सिंह वल्टोहा, गुरुनानक देव विश्वविद्यालय के वाइस चांसलर डॉ. कर्मजीत सिंह, भाषा विभाग के डायरेक्टर जसवंत, प्रचारक हरिंदर सिंह ने भी अकाल तख्त से लिखित माफी मांगी। अकाल तख्त साहिब ने इन माफीनामे को स्वीकार किया और इन्हें धार्मिक सजाएं सुनाई गईं। पांच सिंह साहिबान की इस बैठक में वल्टोहा द्वारा पूर्व में उपयोग की गई विवादित भाषा पर सुनवाई के बाद उन पर पंथक राजनीति में 10 वर्ष की लगाई गई पाबंदी हटाने का निर्णय लिया गया। साथ ही वल्टोहा को श्री हरिमंदिर साहिब, श्री तरनतारन साहिब, तख्त श्री दमदमा साहिब और तख्त सिंह केसगढ़ साहिब में लंगर और जौड़ा घर की सेवा करने का आदेश दिया गया है।

गुरुनानक देव विश्वविद्यालय के वाइस चांसलर डॉ. कर्मजीत सिंह को गलती स्वीकार करने के पश्चात तनखाइया करार दिया गया। श्री अकाल तख्त साहिब ने उन्हें हम हिंदू नहीं पुस्तक पढ़ने, वितरित करने और दो दिन तक श्री हरिमंदिर साहिब में सेवा करने की धार्मिक सजा सुनाई है।

हरिंदर सिंह को पंथक मर्यादा से जुड़े शब्दों के मुद्दे पर सेवा और अतिरिक्त पाठ की तनखाह की सुनाई गई और उन पर लगाई प्रचार रोक को हटा दिया गया। यूके आधारित प्रचारक हरिंदर सिंह ने एक कथावाचन के दौरान अनुचित शब्दों का प्रयोग किया था। उन्हें सेवा आधारित सजा सुनाई गई है।

अकाल तख्त साहिब के जत्थेदार ज्ञानी कुलदीप सिंह गड़गज ने कहा कि श्री अकाल तख्त साहिब विश्व भर के सिखों के लिए मर्यादा और न्याय का सर्वोच्च केंद्र है। गुमराह करने वाले बयानों, अनुशासनहीनता और भावनाओं को चोट पहुंचाने वाले मामलों के विरुद्ध सख्त रुख अपनाया जाएगा। उन्होंने कहा कि गुरुमत अनुसार, गलती स्वीकारने वाले को सेवा के मार्ग के साथ सुधार की राह पर लाया जाता है।

पावन स्वरूपों के मामलों में कुलदीप सिंह गड़गज ने कहा कि धार्मिक मामलों में राजनीतिक दखलअंदाजी सहन नहीं की जाएगी। इस मामले की जांच पूरी हो चुकी है। आगे की कार्रवाई जांच रिपोर्ट के आधार पर ही होगी। पांच सिंह साहिबान की बैठक में श्री दमदमा साहिब के जत्थेदार ज्ञानी टेक सिंह, श्री हरिमंदिर साहिब के ग्रंथी ज्ञानी केवल सिंह, तख्त श्री केसगढ़ साहिब के मुख्य ग्रंथी ज्ञानी जोगिंदर सिंह व ज्ञानी मंगल सिंह उपस्थित थे।

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