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Vijay Diwas: हौसले से जीती थी लड़ाई, बोफोर्स और एयरफोर्स की सपोर्ट से मिला मोर्चा संभालने का समय

मोहित धुपड़, अमर उजाला, चंडीगढ़ Published by: निवेदिता वर्मा Updated Sat, 26 Jul 2025 10:25 AM IST
सार

फाजिल्का के रहने वाले कर्नल नंदकिशोर सिथाग (वेटरन) कहते हैं कि कारगिल की लड़ाई जवानों के हौसले से जीती गई थी जबकि ऑपरेशन सिंदूर में हमें तकनीक का फायदा मिला। कारगिल में बोफोर्स ही सेना के पास बड़ी ताकत थी।
 

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Kargil battle was won with courage with support of Bofors and Air Force
कर्नल नंदकिशोर सिथाग - फोटो : फाइल
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विस्तार
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वर्ष 1999 में लड़ा गया कारगिल युद्ध दुनिया के सबसे मुश्किल युद्धों में से एक माना जाता है, क्योंकि दुर्गम चोटियों पर दुश्मन कहां बैठा है, इसकी भनक तक हमारे जवानों को नहीं थी। दुश्मन की पोजिशन इतनी अच्छी थी कि वे भारतीय जवानों की आंखों तक को निशाना बना पा रहे थे।

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पहले दुश्मन के ठिकाने का पता लगाना और फिर उनसे लोहा लेते हुए उन्हें मार देना, यह था कारगिल युद्ध। करीब 60 दिन तक चले इस युद्ध में 527 भारतीय जवान शहीद हुए और 1350 से अधिक जवान घायल हुए। कारगिल युद्ध की तुलना यदि साल 2025 में हुए ऑपरेशन सिंदूर से करें तो एक ही चीज कॉमन है और वह है जीत। आज युद्ध लड़ने का तरीका पूरी तरह बदल गया है। 
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फाजिल्का के रहने वाले कर्नल नंदकिशोर सिथाग (वेटरन) कहते हैं कि कारगिल की लड़ाई जवानों के हौसले से जीती गई थी जबकि ऑपरेशन सिंदूर में हमें तकनीक का फायदा मिला। कारगिल में बोफोर्स ही सेना के पास बड़ी ताकत थी। इसके अलावा एयरफोर्स की सपोर्ट ने भी उस वक्त बहुत सहयोग किया, क्योंकि दुश्मन धीरे-धीरे आगे बढ़ रहा था और हमारी सेनाओं को दुर्गम चोटियों तक पहुंचने और जरूरी तैयारियों के लिए वक्त नहीं मिल पा रहा था। इसलिए एयरफोर्स और बोफोर्स के सहयोग से दुश्मन को अपनी ताकत का अहसास कराने और सेना को थोड़ा तैयारी करने का मौका मिल गया।

कर्नल सिथाग कहते हैं कि कारगिल की लड़ाई आमने-सामने की भी तब थी जब चोटियों में छिपे दुश्मन की पहचान हो जाए, उससे पहले तो सिर्फ उन्हें ढूंढ़ना और उनका शिकार बनना ही था। इस पहाड़ी लड़ाई में सेना को बहुत तरह की मुश्किलें पेश आईं मगर आज ऑपरेशन सिंदूर में मानव रहित रक्षा प्रणालियों ने कमाल कर दिया। मानव रहित ड्रोन, हवा में ही मिसाइल हमलों को रोकने संबंधी नए सिस्टम इत्यादि आधुनिक उपकरणों से ही ऑपरेशन सिंदूर की सफलता संभव हो पाई है।

उनके अनुसार कारगिल युद्ध में यदि ऐसी तकनीक होती तो इस युद्ध को कम समय में कम नुकसान के साथ ही निपटा लिया जाता। लिहाजा जरूरी है कि आज सरकार सशस्त्र बलों का बजट बढ़ाए और वर्तमान युद्ध परिदृश्य में सेनाओं को आधुनिक हथियारों से लैस करे।

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