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पंजाब में बाढ़ से तबाही: अगली फसलों के लिए खड़ा हो सकता है बीज संकट, सरकार ने केंद्र से मांगी मदद
न्यूज डेस्क, अमर उजाला, चंडीगढ़
Published by: निवेदिता वर्मा
Updated Fri, 19 Sep 2025 03:57 PM IST
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सार
बाढ़ से पंजाब में करीब पांच लाख एकड़ क्षेत्र में फसल बर्बाद हो गई है। अभी भी खेतों में गाद जमा है और अगली फसल के लिए खेत कब तैयार होंगे, इस पर भी संशय बना हुआ है।

पंजाब में फसल बर्बाद
- फोटो : एजेंसी
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विस्तार
बाढ़ के बाद अब पंजाब में अगली फसल के लिए बीज संकट खड़ा हो सकता है। इस आशंका के चलते सूबा सरकार पूरी तरह से गंभीर है। रबी सीजन के लिए पंजाब में किसानों के लिए करीब दो लाख क्विंटल गेहूं की बीज की जरूरत है।
पंजाब ने प्रमाणित बीज उपलब्ध करवाने के लिए सीड विलेज प्रोग्राम के तहत 80 करोड़ रुपये केंद्र से मांगे हैं। इसके अलावा राष्ट्रीय खाद्य मिशन के तहत गेहूं के बीज के लिए अलग से 25 लाख रुपये अतिरिक्त मांगे हैं। इसी तरह 637 क्विंटल सरसों का प्रमाणित बीज और 375 क्विंटल काले चने का बीज उपलब्ध करवाने का आग्रह किया है।
पंजाब के कृषि मंत्री गुरमीत सिंह खुड्डियां ने कहा कि परिस्थितियों की गंभीरता को देखते हुए केंद्र जल्द से जल्द आर्थिक मदद करे। इससे न केवल किसानों को राहत मिलेगी बल्कि राज्य की कृषि अर्थव्यवस्था को भी फिर से पटरी पर लाने में मदद मिलेगी।
गौरतलब है कि बाढ़ से पंजाब में करीब पांच लाख एकड़ क्षेत्र में फसल बर्बाद हो गई है। अभी भी खेतों में गाद जमा है और अगली फसल के लिए खेत कब तैयार होंगे, इस पर भी संशय बना हुआ है। सरहदी जिलों अमृतसर, गुरदासपुर, तरनतारन, पठानकोट, कपूरथला, फाजिल्का और फिरोजपुर में सबसे अधिक नुकसान पहुंचा है। सूबा सरकार अपनी ओर से किसानों के खेतों से गाद निकालने के लिए हरसंभव प्रयास में जुटी हुई है। सरकार और किसान दोनों चाहते हैं कि उनके खेत जल्द से जल्द अगली फसलों के लिए तैयार हो जाएं।

पंजाब ने प्रमाणित बीज उपलब्ध करवाने के लिए सीड विलेज प्रोग्राम के तहत 80 करोड़ रुपये केंद्र से मांगे हैं। इसके अलावा राष्ट्रीय खाद्य मिशन के तहत गेहूं के बीज के लिए अलग से 25 लाख रुपये अतिरिक्त मांगे हैं। इसी तरह 637 क्विंटल सरसों का प्रमाणित बीज और 375 क्विंटल काले चने का बीज उपलब्ध करवाने का आग्रह किया है।
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पंजाब के कृषि मंत्री गुरमीत सिंह खुड्डियां ने कहा कि परिस्थितियों की गंभीरता को देखते हुए केंद्र जल्द से जल्द आर्थिक मदद करे। इससे न केवल किसानों को राहत मिलेगी बल्कि राज्य की कृषि अर्थव्यवस्था को भी फिर से पटरी पर लाने में मदद मिलेगी।
गौरतलब है कि बाढ़ से पंजाब में करीब पांच लाख एकड़ क्षेत्र में फसल बर्बाद हो गई है। अभी भी खेतों में गाद जमा है और अगली फसल के लिए खेत कब तैयार होंगे, इस पर भी संशय बना हुआ है। सरहदी जिलों अमृतसर, गुरदासपुर, तरनतारन, पठानकोट, कपूरथला, फाजिल्का और फिरोजपुर में सबसे अधिक नुकसान पहुंचा है। सूबा सरकार अपनी ओर से किसानों के खेतों से गाद निकालने के लिए हरसंभव प्रयास में जुटी हुई है। सरकार और किसान दोनों चाहते हैं कि उनके खेत जल्द से जल्द अगली फसलों के लिए तैयार हो जाएं।