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Firozpur: यूनाइटेड सिख संस्था ने गोद लिए बाढ़ प्रभावित 11 गांव, टूटे घर बनाकर देंगे; खेतों से रेत भी निकालेंगे

अनिल कुमार, संवाद, फिरोजपुर (पंजाब) Published by: निवेदिता वर्मा Updated Thu, 30 Oct 2025 08:46 AM IST
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सार

यूनाइटेड सिख संस्था के सदस्य डॉ. प्रेम राज सिंह ने बताया कि गोद लिए गांवों में उनके वालंटियर कार्य कर रहे हैं। ग्रामीणों का मेडिकल चेकअप कर दवाइयां दी जा रही है। हर रोज ढाई सौ लोगों का चेकअप किया जाता है।

United Sikh Society adopts 11 flood-affected villages in Ferozepur
यूनाइटेड सिख संस्था ने गोद लिए बाढ़ प्रभावित 11 गांव - फोटो : संवाद
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विस्तार
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यूनाइटेड सिख संस्था ने बाढ़ प्रभावित जिले फिरोजपुर, फाजिल्का व अमृतसर के ग्यारह गांव गोद लिए हैं। इन गांवों में बाढ़ से टूटे घर बनाकर देने के अलावा हर जरूरत का सामान लोगों को दिया जा रहा है। यही नहीं खेतों से रेत निकाल कर गेहूं की बिजाई करके उक्त संस्था सीमावर्ती किसानों को दे रही है।



यूनाइटेड सिख संस्था के सदस्य डॉ. प्रेम राज सिंह ने बताया कि गोद लिए गांवों में उनके वालंटियर कार्य कर रहे हैं। ग्रामीणों का मेडिकल चेकअप कर दवाइयां दी जा रही है। हर रोज ढाई सौ लोगों का चेकअप किया जाता है। मेडिकल की एक टीम के साथ दो डाक्टर होते हैं। सभी गांवों के लोगों को राशन वितरित किया गया है। जिन गांवों के खेतों में से रेत निकाल दी गई हैं वहां के किसानों को गेहूं का बीज मुहैया कराया है। 
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हुसैनीवाला बॉर्डर से सटे सीमावर्ती गांव टेंडी वाला और कालू वाला में जो घर बाढ़ से टूटे हैं, उन्हें बनाकर दिए जाएंगे। ये कार्य युद्धस्तर पर जारी है। उन्होंने बताया कि मौसम ठंडा होता देख ग्रामीणों को कंबल और मच्छरदानी दी गई है। यही नहीं रोजाना उक्त गांवों में फागिंग करवाई जा रही है। ताकि मच्छर के काटने से डेंगू बीमारी ना फैल सके। रोजाना छह हजार लीटर पीने का शुद्ध पानी उपलब्ध कराया जा रहा है। पानी स्टोर करने के लिए ग्रामीणों को ड्रम मुहैया करवाएं हैं। पशुओं के खाने के लिए चारा और तूड़ी भी दी जा रही है। 



एक सवाल के जवाब में डाक्टर ने बताया कि बच्चों के स्कूलों की किताबें, बैग और कपड़े भी संस्था देगी। पंजाब में बाढ़ से क्षतिग्रस्त हुए गुरुद्वारों की भी मरम्मत की जाएगी। जिनके अभिभावक बच्चें की फीस देने में असमर्थ होंगे तो संस्था उनकी फीस भी देगी। एक सवाल पर डाक्टर ने कहा कि बाढ़ प्रभावित गांवों के ग्रामीणों ने अपनी बेटी की शादी रखी है और उसका खर्च उठाने से असमर्थ हैं तो उनसे संपर्क करें, संस्था मदद करेगी। संस्था ने गांव धीरा घारा, बस्ती रामलाल, जमशेर, बस्ती लाधु वाला, बस्ती भाने वाली, कमाल वाला, अली वाला, कालू वाला, टेंडी वाला, सुल्तान वाला व उस्मान वाला गोद लिए हैं।
 
गांव कालू वाला निवासी मलकीत सिंह ने बताया कि टापू कालू वाला में पांच सौ एकड़ से ज्यादा जमीन थी। वर्ष 2019, 2023 व 2025 में आई बाढ़ से जमीन सतलुज दरिया में समा गई और अब तकरीबन 
सौ एकड़ जमीन कृषि वास्ते बची है। टापू की आबादी लगभग 250 है।
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