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जिप व पंचायत समिति चुनाव: गांवों में कांग्रेस, आप व शिअद के पाले से खिसका दलित वोट बैंक, यहां देखिए नफा-नुकसान
मोहित धुपड़, चंडीगढ़
Published by: अंकेश ठाकुर
Updated Fri, 19 Dec 2025 05:56 AM IST
सार
पंजाब में जिला परिषद और पंचायत समिति चुनाव के नतीजों ने कई दलों को हैरान कर दिया है। नतीजों पर गौर करें तो ग्रामीण क्षेत्रों कांग्रेस को नुकसान हुआ है। वहीं, आम आदमी पार्टी (आप) और शिरोमणि अकाली दल (शिअद) के पाले से दलित वोट बैंक खिसका है।
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पंजाब में जिला परिषद व पंचायत समिति चुनाव
- फोटो : अमर उजाला
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विस्तार
पंजाब के जिला परिषद और पंचायत समिति चुनावों में आम आदमी पार्टी (आप) ने सत्ता में रहने का फायदा उठाते हुए सबसे बड़े दल के रूप में उभरी। शिरोमणि अकाली दल (शिअद) को भी अपेक्षाकृत अधिक सीटें मिलीं, जबकि भाजपा ने मामूली बढ़त दर्ज की। कांग्रेस को सबसे बड़ा नुकसान उठाना पड़ा।
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इन चुनावों का सबसे चकित करने वाला फेक्टर यह रहा कि ग्रामीण क्षेत्रों में कांग्रेस, आप और शिअद के पाले से दलित वोट बैंक खिसक गया। यह वोट बैंक बहुजन समाज पार्टी (बसपा) और आजाद प्रत्याशियों की ओर शिफ्ट हो गया। बसपा ने पंचायत समिति में 28 और जिला परिषद में 3 सीटें जीतीं, जबकि 2018 में उन्हें खाता तक नहीं खोला था। आजाद प्रत्याशियों ने भी 144 पंचायत समिति और 10 जिला परिषद सीटें जीतीं, जो 2018 की तुलना में काफी अधिक है।
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जातीय गणित और रणनीतिक मायने
पंजाब में दलित आबादी लगभग 38 प्रतिशत है और अधिकतर ग्रामीण क्षेत्रों में ही रहती है। बसपा का मुख्य फोकस दलित मतदाताओं पर ही रहता है। इस बार 2018 में खाता न खोने वाली बसपा कुल 31 सीटों पर विजयी हुई। होशियारपुर, जालंधर, कपूरथला और शहीद भगत सिंह नगर में दलित वोट बैंक में सबसे ज्यादा सेंधमारी हुई। बसपा और आजाद प्रत्याशियों की बढ़त ने आगामी विधानसभा चुनाव के समीकरण बिगाड़ दिए हैं। कांग्रेस, आप और शिअद को इस बदलाव का गहन विश्लेषण करना होगा। आजाद प्रत्याशियों की बढ़ी हुई संख्या और दलित वोट बैंक में बदलाव को ध्यान में रखकर ही आगामी चुनाव रणनीति बनाई जा सकती है।
बसपा और आजाद प्रत्याशियों की सफलता
- पंचायत समिति में बसपा: 28 सीटें (2018 में 0)
- जिला परिषद में बसपा: 3 सीटें (2018 में 0)
- आजाद प्रत्याशी पंचायत समिति: 144 (2018 में 90)
- आजाद प्रत्याशी जिला परिषद: 10 (2018 में 1)
- यह बदलाव साबित करता है कि ग्रामीण पंजाब में दलित वोट बैंक अब किसी एक बड़े दल तक सीमित नहीं रह गया है।
जिला व पंचायत समिति चुनावों के आंकड़े
दल जिला परिषद 2018 जिला परिषद 2025 पंचायत समिति 2018 पंचायत समिति 2025
आप 0 218 21 1529
कांग्रेस 334 62 2370 611
शिअद 17 46 350 449
भाजपा 2 7 63 73
बसपा 0 3 0 28
आजाद 1 10 90 144
सीपीआई 0 0 0 0
सीपीआई(एम) 2 0 2 0
शिअद (ए) 1 0 1 0
दल जिला परिषद 2018 जिला परिषद 2025 पंचायत समिति 2018 पंचायत समिति 2025
आप 0 218 21 1529
कांग्रेस 334 62 2370 611
शिअद 17 46 350 449
भाजपा 2 7 63 73
बसपा 0 3 0 28
आजाद 1 10 90 144
सीपीआई 0 0 0 0
सीपीआई(एम) 2 0 2 0
शिअद (ए) 1 0 1 0