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मीरा स्याल: दो संस्कृतियों के बीच खड़ी आवाज, भारतीय मूल की लेखिका को किंग चार्ल्स ने दी डेम की उपाधि
सुरिंदर पाल, अमर उजाला, जालंधर (पंजाब)
Published by: निवेदिता वर्मा
Updated Wed, 31 Dec 2025 10:33 AM IST
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सार
जालंधर से संबंधित मीरा स्याल को ब्रिटेन के महाराज चार्ल्स की तरफ से डेम यानी कमांडर ऑफ द आर्डर ऑफ ब्रिटिश इंप्यार की उपाधि दी गई।
मीरा स्याल
- फोटो : अमर उजाला
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विस्तार
ब्रिटेन की साहित्यिक और सांस्कृतिक दुनिया में जब भी प्रवासी पहचान, नस्लीय संवेदना और आत्मसम्मान की बात होती है, तो मीरा स्याल का नाम स्वतः ही केंद्र में आ जाता है। भारतीय मूल की यह लेखिका, अभिनेत्री और पटकथा लेखक केवल कहानियां नहीं लिखती। वे इतिहास के हाशिये पर खड़े लोगों को मुख्यधारा में स्थान दिलाती हैं। जालंधर से संबंधित मीरा स्याल को ब्रिटेन के महाराज चार्ल्स की तरफ से डेम यानी कमांडर ऑफ द आर्डर ऑफ ब्रिटिश इंप्यार की उपाधि दी गई।
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पंजाब से ब्रिटेन तक की यात्रा
27 जून 1961 को इंग्लैंड के वॉल्वरहैम्प्टन में जन्मी मीरा स्याल के माता-पिता जालंधर पंजाब से ब्रिटेन गए थे। घर में भारतीय संस्कार और बाहर ब्रिटिश समाज—यही द्वंद्व आगे चलकर उनकी रचनाओं की आत्मा बना। मैनचेस्टर विश्वविद्यालय से अंग्रेज़ी साहित्य और नाटक की पढ़ाई के दौरान उनकी कलम को धार मिली।
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