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आईबीडीपी-2022 में संशोधन: उद्योगों को बैंक गारंटी से राहत, निवेश और रोजगार को मिलेगा बढ़ावा
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लुधियाना। पंजाब सरकार ने राज्य में औद्योगिक विकास को बढ़ावा देने और व्यवसायों की वित्तीय सेहत को मजबूत करने के लिए औद्योगिक एवं व्यवसाय विकास नीति (आईबीडीपी) में एक ऐतिहासिक संशोधन को मंजूरी दी है। इस संशोधन के तहत आईबीडीपी-2022 के तहत मिलने वाले वित्तीय प्रोत्साहनों के लिए अब बैंक गारंटी (बीजी) की अनिवार्यता समाप्त कर दी गई है।
उद्योग संगठनों द्वारा लंबे समय से यह मांग की जा रही थी कि बैंक गारंटी की अनिवार्यता के कारण बड़ी मात्रा में कार्यशील पूंजी फंस जाती है, जिससे उद्योगों के विस्तार, अनुसंधान और नए रोजगार सृजन में रुकावट आती है। सरकार ने इन व्यावहारिक कठिनाइयों को समझते हुए यह महत्वपूर्ण निर्णय लिया है।
स्टांप ड्यूटी और सीएलयू, ईडीसी छूट में बदलाव
संशोधन के अनुसार, स्टांप ड्यूटी में छूट का लाभ लेने के लिए अब बैंक गारंटी के स्थान पर संबंधित संपत्ति पर फर्स्ट चार्ज लागू किया जाएगा, जो व्यावसायिक उत्पादन शुरू होने तक वैध रहेगा। इसके अलावा, सीएलयू व ईडीसी छूट के लिए भी बैंक गारंटी की जगह एक मजबूत वैकल्पिक तंत्र लागू किया गया है, जिससे उद्योगों को वित्तीय बोझ में कमी आएगी और सरकार के हित भी सुरक्षित रहेंगे।
निवेश और उद्योगों को मिलेगी नई गति
यह संशोधन 17 अक्टूबर 2022 से लागू माना जाएगा, जिससे पहले से पात्र उद्योगों को भी इसका लाभ मिल सकेगा। उद्योग जगत ने इस फैसले का स्वागत करते हुए कहा कि इससे नकदी प्रवाह में सुधार होगा, निवेश बढ़ेगा और राज्य में औद्योगिक गतिविधियों को नई गति मिलेगी। ऑल इंडस्ट्रीज एंड ट्रेड अंडरटेकिंग्स के प्रधान पंकज शर्मा ने कहा कि यह बदलाव उद्योग जगत के लिए राहतकारी साबित होगा और इससे उद्यमियों को अपनी व्यापारिक गतिविधियों में मजबूती मिलेगी।
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उद्योग संगठनों द्वारा लंबे समय से यह मांग की जा रही थी कि बैंक गारंटी की अनिवार्यता के कारण बड़ी मात्रा में कार्यशील पूंजी फंस जाती है, जिससे उद्योगों के विस्तार, अनुसंधान और नए रोजगार सृजन में रुकावट आती है। सरकार ने इन व्यावहारिक कठिनाइयों को समझते हुए यह महत्वपूर्ण निर्णय लिया है।
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स्टांप ड्यूटी और सीएलयू, ईडीसी छूट में बदलाव
संशोधन के अनुसार, स्टांप ड्यूटी में छूट का लाभ लेने के लिए अब बैंक गारंटी के स्थान पर संबंधित संपत्ति पर फर्स्ट चार्ज लागू किया जाएगा, जो व्यावसायिक उत्पादन शुरू होने तक वैध रहेगा। इसके अलावा, सीएलयू व ईडीसी छूट के लिए भी बैंक गारंटी की जगह एक मजबूत वैकल्पिक तंत्र लागू किया गया है, जिससे उद्योगों को वित्तीय बोझ में कमी आएगी और सरकार के हित भी सुरक्षित रहेंगे।
निवेश और उद्योगों को मिलेगी नई गति
यह संशोधन 17 अक्टूबर 2022 से लागू माना जाएगा, जिससे पहले से पात्र उद्योगों को भी इसका लाभ मिल सकेगा। उद्योग जगत ने इस फैसले का स्वागत करते हुए कहा कि इससे नकदी प्रवाह में सुधार होगा, निवेश बढ़ेगा और राज्य में औद्योगिक गतिविधियों को नई गति मिलेगी। ऑल इंडस्ट्रीज एंड ट्रेड अंडरटेकिंग्स के प्रधान पंकज शर्मा ने कहा कि यह बदलाव उद्योग जगत के लिए राहतकारी साबित होगा और इससे उद्यमियों को अपनी व्यापारिक गतिविधियों में मजबूती मिलेगी।