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Ludhiana: जगरांव नगर कौंसिल चुनाव से पहले वार्डबंदी बड़ा खेल... न नक्शा सार्वजनिक, न लिस्टे बोर्ड पर
अतुल मल्होत्रा, जगरांव
Published by: अंकेश ठाकुर
Updated Wed, 24 Dec 2025 05:51 PM IST
सार
जगरांव नगर कौंसिल के चुनाव नजदीक हैं, लेकिन उससे पहले ही प्रशासन और मौजूदा सरकार की कार्यप्रणाली पर गंभीर सवाल खड़े हो गए हैं।
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जगरांव नगर कौंसिल चुनाव।
- फोटो : संवाद
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विस्तार
जगरांव नगर कौंसिल के चुनाव नजदीक हैं, लेकिन उससे पहले ही प्रशासन और मौजूदा सरकार की कार्यप्रणाली पर गंभीर सवाल खड़े हो गए हैं। नई वार्डबंदी को लेकर 18 दिसंबर 2025 को नोटिफिकेशन जारी होने की बात कही गई, वहीं 19 दिसंबर को वार्डों की लिस्ट वायरल कर दी गई और मात्र सात दिनों के भीतर एतराज मांगे गए। हैरानी की बात यह है कि एतराज की आखिरी तारीख होने के बावजूद अभी तक नगर कौंसिल दफ्तर में वार्डों का नक्शा और न ही लिस्टें सार्वजनिक की गई हैं। ऐसे में चुनाव लड़ने के इच्छुक उम्मीदवार बिना यह जाने कि उनका मोहल्ला, गली या इलाका किस वार्ड में आता है, आखिर एतराज दर्ज कैसे करें?
नगर कौंसिल पहुंचे लोगों ने कहा कि वे सिर्फ़ अपना एरिया जानने आए थे, लेकिन वहां न तो नोटिस बोर्ड पर कोई नक्शा लगा है और न ही अधिकारियों की ओर से कोई स्पष्ट जानकारी दी जा रही है। लोगों का आरोप है कि जानबूझकर वार्डबंदी का नक्शा सार्वजनिक नहीं किया जा रहा, ताकि अन्य राजनीतिक दलों के संभावित उम्मीदवार भ्रम में फंसे रहें और सत्ताधारी आम आदमी पार्टी के उम्मीदवारों को सीधा फायदा मिले।
यह सवाल और भी गंभीर हो जाता है क्योंकि निष्पक्ष चुनाव की बुनियाद ही पारदर्शी वार्डबंदी होती है। समय रहते नक्शा लगाना प्रशासन की जिम्मेदारी होती है, लेकिन जगराओं नगर कौंसिल में इसके उलट तस्वीर नजर आ रही है।
सूत्रों के मुताबिक, 18 दिसंबर को वार्डों की लिस्ट तैयार हो चुकी थी, जिसे 19 दिसंबर को किसी ने वायरल कर दिया। बावजूद इसके, नगर कौंसिल ने अब तक इसे आधिकारिक रूप से सार्वजनिक नहीं किया। इस पूरे मामले पर नगर कौंसिल के पूर्व प्रधान जतिंदरपाल राणा और पूर्व सीनियर वाइस प्रधान दविंदरजीत सिद्धू ने भी नाराजगी जताई। उन्होंने कहा कि जब एतराज की आखिरी तारीख वीरवार (25 दिसंबर) है और अब तक नक्शा नहीं लगाया गया, तो पारदर्शिता की उम्मीद कैसे की जा सकती है?
नक्शा जानबूझकर गायब किया गया?
नगर कौंसिल पहुंचे पार्षद जरनैल सिंह लोहट पार्षद अमन कपूर व अन्य लोगों का सीधा आरोप है कि अधिकारियों ने राजनीतिक दबाव में वार्डबंदी का नक्शा जानबूझकर नहीं लगाया, ताकि विपक्षी दलों के उम्मीदवार भ्रम में पड़े रहें। उन्हें यह तक पता न चले कि वे किस वार्ड से चुनाव लड़ें—और इसी अंधेरे का फायदा उठाकर AAP के सेट उम्मीदवारों को खुली छूट दी जाए। यह केवल लापरवाही नहीं, बल्कि चुनाव को प्रभावित करने की सोची-समझी साजिश लगती है।
कौंसिल की ओर से जारी लिस्ट के अनुसार कुल 23 वार्डों में से 11 वार्ड महिलाओं के लिए आरक्षित, 8 वार्ड जनरल और 3 वार्ड अनुसूचित जाति महिला उम्मीदवा के लिए रिजर्व हैं।
वार्ड नंबर 1 महिला
वार्ड नंबर 2 जरनल
वार्ड नंबर 3 महिला
वार्ड नंबर 4 जरनल
वार्ड नंबर 5 महिला
वार्ड नंबर 6 अनुसूचित जाति
वार्ड नंबर 7 अनुसूचित जाति महिला
वार्ड नंबर 8 अनुसूचित जाति
वार्ड नंबर 9 अनुसूचिक जाति महिला
वार्ड नंबर 10 जरनल
वार्ड नंबर 11 पिछड़े वर्गों के सदस्यों के लिए आरक्षित
वार्ड नंबर 12 जरनल
वार्ड नंबर 13 महिला
वार्ड नंबर 14 जरनल
वार्ड नंबर 15 महिला
वार्ड नंबर 16 जरनल
वार्ड नंबर 17 महिला
वार्ड नंबर 18 अनुसूचित जाति
वार्ड नंबर 19 अनुसूचित जाति महिला
वार्ड नंबर 20 जरनल
वार्ड नंबर 21 महिला
वार्ड नंबर 22 जरनल
वार्ड नंबर 23 महिला
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नगर कौंसिल पहुंचे लोगों ने कहा कि वे सिर्फ़ अपना एरिया जानने आए थे, लेकिन वहां न तो नोटिस बोर्ड पर कोई नक्शा लगा है और न ही अधिकारियों की ओर से कोई स्पष्ट जानकारी दी जा रही है। लोगों का आरोप है कि जानबूझकर वार्डबंदी का नक्शा सार्वजनिक नहीं किया जा रहा, ताकि अन्य राजनीतिक दलों के संभावित उम्मीदवार भ्रम में फंसे रहें और सत्ताधारी आम आदमी पार्टी के उम्मीदवारों को सीधा फायदा मिले।
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यह सवाल और भी गंभीर हो जाता है क्योंकि निष्पक्ष चुनाव की बुनियाद ही पारदर्शी वार्डबंदी होती है। समय रहते नक्शा लगाना प्रशासन की जिम्मेदारी होती है, लेकिन जगराओं नगर कौंसिल में इसके उलट तस्वीर नजर आ रही है।
सूत्रों के मुताबिक, 18 दिसंबर को वार्डों की लिस्ट तैयार हो चुकी थी, जिसे 19 दिसंबर को किसी ने वायरल कर दिया। बावजूद इसके, नगर कौंसिल ने अब तक इसे आधिकारिक रूप से सार्वजनिक नहीं किया। इस पूरे मामले पर नगर कौंसिल के पूर्व प्रधान जतिंदरपाल राणा और पूर्व सीनियर वाइस प्रधान दविंदरजीत सिद्धू ने भी नाराजगी जताई। उन्होंने कहा कि जब एतराज की आखिरी तारीख वीरवार (25 दिसंबर) है और अब तक नक्शा नहीं लगाया गया, तो पारदर्शिता की उम्मीद कैसे की जा सकती है?
नक्शा जानबूझकर गायब किया गया?
नगर कौंसिल पहुंचे पार्षद जरनैल सिंह लोहट पार्षद अमन कपूर व अन्य लोगों का सीधा आरोप है कि अधिकारियों ने राजनीतिक दबाव में वार्डबंदी का नक्शा जानबूझकर नहीं लगाया, ताकि विपक्षी दलों के उम्मीदवार भ्रम में पड़े रहें। उन्हें यह तक पता न चले कि वे किस वार्ड से चुनाव लड़ें—और इसी अंधेरे का फायदा उठाकर AAP के सेट उम्मीदवारों को खुली छूट दी जाए। यह केवल लापरवाही नहीं, बल्कि चुनाव को प्रभावित करने की सोची-समझी साजिश लगती है।
कौंसिल की ओर से जारी लिस्ट के अनुसार कुल 23 वार्डों में से 11 वार्ड महिलाओं के लिए आरक्षित, 8 वार्ड जनरल और 3 वार्ड अनुसूचित जाति महिला उम्मीदवा के लिए रिजर्व हैं।
वार्ड नंबर 1 महिला
वार्ड नंबर 2 जरनल
वार्ड नंबर 3 महिला
वार्ड नंबर 4 जरनल
वार्ड नंबर 5 महिला
वार्ड नंबर 6 अनुसूचित जाति
वार्ड नंबर 7 अनुसूचित जाति महिला
वार्ड नंबर 8 अनुसूचित जाति
वार्ड नंबर 9 अनुसूचिक जाति महिला
वार्ड नंबर 10 जरनल
वार्ड नंबर 11 पिछड़े वर्गों के सदस्यों के लिए आरक्षित
वार्ड नंबर 12 जरनल
वार्ड नंबर 13 महिला
वार्ड नंबर 14 जरनल
वार्ड नंबर 15 महिला
वार्ड नंबर 16 जरनल
वार्ड नंबर 17 महिला
वार्ड नंबर 18 अनुसूचित जाति
वार्ड नंबर 19 अनुसूचित जाति महिला
वार्ड नंबर 20 जरनल
वार्ड नंबर 21 महिला
वार्ड नंबर 22 जरनल
वार्ड नंबर 23 महिला