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Ludhiana News: पंजाब में आर्सेनिक और यूरेनियम प्रभावित गांवों में लगेंगे जल शुद्धिकरण प्लांट
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अमर उजाला ब्यूरो
चंडीगढ़। पंजाब सरकार ने राज्य के 32 आर्सेनिक प्रभावित गांवों में स्वच्छ जल उपलब्ध कराने के लिए 9.77 करोड़ रुपये की लागत से प्लांट लगाने की मंजूरी दे दी है। इसके लिए टेंडर प्रक्रिया शुरू कर दी गई है। वहीं, यूरेनियम प्रभावित 23 गांवों में 5.91 करोड़ रुपये की लागत से सामुदायिक जल शुद्धिकरण संयंत्र स्थापित किए जा रहे हैं, जिनका काम फरवरी 2026 तक पूरा किया जाएगा।
जल आपूर्ति मंत्री हरदीप सिंह मुंडियां ने बताया कि भूजल में नाइट्रेट से प्रभावित 10 गांवों में 54.33 लाख रुपये की लागत से आरओ (रिवर्स ऑस्मोसिस) प्लांट लगाए गए हैं। इसके अतिरिक्त, 38.69 लाख रुपये की लागत से चार फ्लोराइड प्रभावित गांवों में और 18.60 लाख रुपये की लागत से दो आर्सेनिक प्रभावित गांवों में शुद्धिकरण संयंत्र इसी माह पूरे किए जाएंगे। मंत्री ने बताया कि राज्य में जल आपूर्ति और स्वच्छता के बुनियादी ढांचे को मजबूत करने के लिए 2,900 करोड़ रुपये से अधिक का निवेश किया गया है। जल गुणवत्ता से प्रभावित क्षेत्रों में 15 प्रमुख परियोजनाओं पर विशेष ध्यान दिया जा रहा है, जिनके तहत 1,706 गांवों को कवर किया गया है। इनमें से चार परियोजनाएं पहले ही चालू हो चुकी हैं जबकि 11 परियोजनाएं पूर्ण होने के निकट हैं। इन प्रयासों के माध्यम से नहरी पानी की आपूर्ति सुनिश्चित की जाएगी और करीब 25 लाख ग्रामीण परिवारों को स्वच्छ पानी की सुविधा प्राप्त होगी, जिससे स्वास्थ्य और जीवन स्तर में सुधार होगा।
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जल आपूर्ति मंत्री हरदीप सिंह मुंडियां ने बताया कि भूजल में नाइट्रेट से प्रभावित 10 गांवों में 54.33 लाख रुपये की लागत से आरओ (रिवर्स ऑस्मोसिस) प्लांट लगाए गए हैं। इसके अतिरिक्त, 38.69 लाख रुपये की लागत से चार फ्लोराइड प्रभावित गांवों में और 18.60 लाख रुपये की लागत से दो आर्सेनिक प्रभावित गांवों में शुद्धिकरण संयंत्र इसी माह पूरे किए जाएंगे। मंत्री ने बताया कि राज्य में जल आपूर्ति और स्वच्छता के बुनियादी ढांचे को मजबूत करने के लिए 2,900 करोड़ रुपये से अधिक का निवेश किया गया है। जल गुणवत्ता से प्रभावित क्षेत्रों में 15 प्रमुख परियोजनाओं पर विशेष ध्यान दिया जा रहा है, जिनके तहत 1,706 गांवों को कवर किया गया है। इनमें से चार परियोजनाएं पहले ही चालू हो चुकी हैं जबकि 11 परियोजनाएं पूर्ण होने के निकट हैं। इन प्रयासों के माध्यम से नहरी पानी की आपूर्ति सुनिश्चित की जाएगी और करीब 25 लाख ग्रामीण परिवारों को स्वच्छ पानी की सुविधा प्राप्त होगी, जिससे स्वास्थ्य और जीवन स्तर में सुधार होगा।
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