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Mohali News: वेतन न मिलने पर एम्स कर्मचारियों ने जताया रोष
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मोहाली। डॉ. बीआर आंबेडकर स्टेट इंस्टीट्यूट ऑफ मेडिकल साइंसेज (एम्स) के कर्मचारियों ने दो माह से वेतन न मिलने के कारण विरोध जताया है। एम्स के सभी कर्मचारियों (पैरा-मेडिकल स्टाफ और नर्सिंग स्टाफ) के संगठन नर्सिंग एसोसिएशन एम्स और पैरामेडिकल एसोसिएशन के सदस्यों ने बताया कि पंजाब सरकार ने उनका मार्च-अप्रैल 2025 का वेतन अभी तक नहीं दिया है।
अधिकतर कर्मचारी अपने घरों से करीब दो सौ किलोमीटर दूर मोहाली में किराए के मकानों में रह रहे हैं, लेकिन दो महीने से वेतन न मिलने के कारण उन्हें आर्थिक और मानसिक परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है। एसोसिएशनों के प्रतिनिधियों ने बताया कि वेतन में देरी का मुख्य कारण यह है कि एम्स मोहाली सोसाइटी (डॉ. बीआर आंबेडकर स्टेट इंस्टीट्यूट ऑफ मेडिकल साइंसेज सोसाइटी मोहाली) के अधीन है।
एम्स सोसाइटी के गठन साल से पहले यह एक सरकारी मेडिकल कॉलेज था, लेकिन असिस्टेंट प्रोफेसर, एसोसिएट प्रोफेसर और प्रोफेसरों की भर्ती में कानूनी बाधाओं को दूर करने के लिए डॉ. केके तलवार (सलाहकार, स्वास्थ्य और चिकित्सा शिक्षा विभाग, पंजाब सरकार) के नेतृत्व में एक प्रबंधन बोर्ड का गठन करके एम्स सोसाइटी की स्थापना की गई।
सोसाइटी के तहत बने इस मेडिकल कॉलेज के कर्मचारियों को सरकारी नौकरी होने के बावजूद सरकारी उदासीनता का सामना करना पड़ रहा है। एम्स मोहाली के कर्मचारियों को नई पेंशन स्कीम के तहत सरकार की ओर से सिर्फ 10% हिस्सा दिया जा रहा है, जबकि बाकी सरकारी कर्मचारियों को एनपीएस का 14% हिस्सा दिया जा रहा है। कर्मचारियों ने पंजाब सरकार से मांग की कि उनका वेतन जल्द जारी किया जाए।
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अधिकतर कर्मचारी अपने घरों से करीब दो सौ किलोमीटर दूर मोहाली में किराए के मकानों में रह रहे हैं, लेकिन दो महीने से वेतन न मिलने के कारण उन्हें आर्थिक और मानसिक परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है। एसोसिएशनों के प्रतिनिधियों ने बताया कि वेतन में देरी का मुख्य कारण यह है कि एम्स मोहाली सोसाइटी (डॉ. बीआर आंबेडकर स्टेट इंस्टीट्यूट ऑफ मेडिकल साइंसेज सोसाइटी मोहाली) के अधीन है।
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एम्स सोसाइटी के गठन साल से पहले यह एक सरकारी मेडिकल कॉलेज था, लेकिन असिस्टेंट प्रोफेसर, एसोसिएट प्रोफेसर और प्रोफेसरों की भर्ती में कानूनी बाधाओं को दूर करने के लिए डॉ. केके तलवार (सलाहकार, स्वास्थ्य और चिकित्सा शिक्षा विभाग, पंजाब सरकार) के नेतृत्व में एक प्रबंधन बोर्ड का गठन करके एम्स सोसाइटी की स्थापना की गई।
सोसाइटी के तहत बने इस मेडिकल कॉलेज के कर्मचारियों को सरकारी नौकरी होने के बावजूद सरकारी उदासीनता का सामना करना पड़ रहा है। एम्स मोहाली के कर्मचारियों को नई पेंशन स्कीम के तहत सरकार की ओर से सिर्फ 10% हिस्सा दिया जा रहा है, जबकि बाकी सरकारी कर्मचारियों को एनपीएस का 14% हिस्सा दिया जा रहा है। कर्मचारियों ने पंजाब सरकार से मांग की कि उनका वेतन जल्द जारी किया जाए।